Diary of Parag | by Swapnil Saundarya ezine


SWAPNIL  SAUNDARYA e-zine  
( Vol- 08, Year - 2020, SPECIAL  ISSUE  )
Presents
| Diary of Parag Rastogi |
•Poetry from his Soul for your Soul•



Published by 
Aten Publishing House

'The Bold Brigade’, a collective to celebrate the Inclusive Power of Arts.

 Diary of Parag
 'पराग की डायरी'

•एक ज़रा सी बात पर हमको बेग़ाना बनाकर छोड़ दिया,
किसी ने हमारे प्यार का अफ़साना बनाकर छोड़ दिया|
शमा ने रंजिशन ख़ुद को लाकर,
परवाना हमको बनाकर छोड़ दिया|
मैख़ाना खुद भी प्यासा है जनाब,
पैमाना जबसे हमने उठाना छोड़ दिया|


•किसी को देकर फ़ा कैसे वफ़ा पाओगे,
ख़ाक़ हो जाओगे जब तक ये समझ पाओगे|
ये हक़ीक़त है राह -ए-मुहब्बत में मिलती है, अंधेरों की सज़ा, 
हम हैं वाकिफ़, तुम हमको क्या समझाओगे|
हो तो जाओगे ग़ुम तन्हाईयों में कहीं,
खुद अपने साये से कैसे नज़र बचाओगे|
यूँ तो हसरत चाँद की रखता है हर शख़्स, 
मेरी क़िस्मत के चराग़ों को कब तलक़ बुझाओगे|
•••••••

•तेरी ख़ामोश धड़कनों से जो सदा आती है,
वो मेरे दिल के किसी कोने में सिमट जाती है|
ख्याल तसव्वुर का जब भी दिल में आता है,
तेरी तस्वीर निग़ाहों में उतर जाती है|
ऐ ख़ुदा मुझे फुरक़त की सज़ा न देना,
नाम-ए-फुरक़त से मेरी रूह मचल जाती है|



•मंज़िल नहीं तुम सफ़र ही निकले,
प्यार के सारे दांव हमारे बेअसर ही निकले|

तूने जब चाहा हम बनाकर शमा,
हर पल तेरी बाँहों में पिघले,
मंज़िल नहीं तुम सफ़र ही निकले,
प्यार के सारे दांव हमारे बेअसर ही निकले|

चाहा जिन्हें हमने खुद से भी ज़्यादा,
किसी और का वो अरमां निकले|
मंज़िल नहीं तुम सफ़र ही निकले,
प्यार के सारे दांव हमारे बेअसर ही निकले|

न हैं तेरे क़ाबिल, है एहसास हमको,
हम भटकने को फिर से सरेआम निकले |
मंज़िल नहीं तुम सफ़र ही निकले,
प्यार के सारे दांव हमारे बेअसर ही निकले|
•••••••

•ये क्या कर दिया हमसे नज़रें मिला के,
कि दिखता नहीं कुछ सिवा अब तुम्हारे|
ये दिल की है ख़्वाहिश उसी को निहारें,
नहीं जिस्म में उसको रूह में उतारें |
ये प्यासी नज़र बस तुम्हारे लिए है,
लबों पे हंसी बस तुम्हारे लिए है |
ये जी चाहता है ज़िंदगी यूँ गुज़ारें,
जियें तो तुम्हारे, मरें तो तुम्हारे |



•हर शख़्स को प्यार के क़ाबिल मैं लगा,
उस वक़्त तक, जब तक उसका दिल नहीं भरा|
•••••••

•तलब बन जाओ किसी की अगर तबाह करना हो,
आदतें लोग अक्सर बदल लिया करते हैं|
•••••••

•नाक़ाम होना भी एक इल्मी सफ़र है जनाब,
बंदा माहिर हो जाता है कामयाब होते होते|
•••••••

•वो जिस्म से ऊपर ही न उठ सके कभी,
हम उन्हें रूह का मालिक बनाये बैठे थे|
•••••••

•दिल में तुम बसे हो, दिल तुमसे क्या भरेगा 
जो इज़हार-ए-मुहब्बत ही न कर सका, वो बेवफाई क्या करेगा|



•पूछेंगे क़यामत के रोज़,
उस ख़ुदा से ये वादा रहा,
इन हाथों में तेरे नाम की लक़ीर क्यूँ न दी,
किस्मत से जो मिला हमें, आरज़ी मिला,
कोई खुशी भी हमको मुस्तक़िल क्यूँ न दी,
आँखों में बेशुमार हसीन ख़्वाब तो सजा दिये,
किसी हसीन ख़्वाब की ताबीर क्यूँ न दी |



पराग रस्तोगी (Parag Rastogi) की शायरियों व कविताओं में ज़िंदगी का भोगा हुआ यथार्थ है| प्रेम रस से लैस इनके लेखन को सुख-दुःख, आशा-निराशा, वफ़ा-बेवफाई जैसे विरोधाभासी तत्वों का बेमिसाल संगम कहना अतिशयोक्ति न होगा| बकौल पराग (Parag Rastogi), "ज़िंदगी का संघर्ष ही मेरी धरोहर है, और लेखन मेरे लिये कोई चर्चा का विषय नहीं बल्कि अनुभूतियां हैं, जो मेरी रुह में बसता है|" 

उर्दू भाषा के प्रति विशेष लगाव व् हिंदी लेखन में प्रवीण पराग एक उद्यमी हैं व वाणिज्य में डिग्री होल्डर हैं| 



स्वप्निल सौंदर्य पर प्रकाशित 'पराग की डायरी' (Diary of Parag) के इन चंद पन्नों को उनकी निम्न पंक्तियों के साथ विराम देते हैं |

मिले मौका तो ख़्वाबों को जिया कीजिये,
ज़िंदगी खास है इसे यूँ  ही न ज़ाया कीजिये|
•••••••




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Swapnil Saundarya ezine, founded in 2013 is India's first hindi lifestyle online magazine that curates info on art , lifestyle, culture , literature, social issues etc and inspire its readership to raise their voice against all sorts of violence and discrimination. We focus on art Activism, protest art and participatory communication and social action.

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Swapnil Saundarya Label's articles are true example of  perfectly  handcrafted Product. The Production processes used in their crafts typically have a low carbon footprint and promote the use of locally available materials as well as natural and organic materials where possible which requires low energy and sustained our environment. The Label also provide a source of earning and employment for the otherwise low skilled women, thereby improving their status within the household.





स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन - परिचय





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