Glittering Updates ~ The Gems Journal :: Vol -04 , Year 2016 , Part - 2nd
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Glittering Updates ~ The Gems Journal
Vol -04 , Year 2016 , Part - 2nd
कला , साहित्य, फ़ैशन, लाइफस्टाइल व सौंदर्य को समर्पित भारत की पहली हिन्दी द्वि-मासिक हिन्दी पत्रिका के चतुर्थ चरण अर्थात चतुर्थ वर्ष में आप सभी का स्वागत है .
फ़ैशन व लाइफस्टाइल से जुड़ी हर वो बात जो है हम सभी के लिये खास, पहुँचेगी आप तक , हर पल , हर वक़्त, जब तक स्वप्निल सौंदर्य के साथ हैं आप.
प्रथम, द्वितीय व तृतीय वर्ष की सफलता और आप सभी पाठकों के अपार प्रेम व प्रोत्साहन के बाद अब स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन ( Swapnil Saundarya ezine ) के चतुर्थ वर्ष को एक नई उमंग, जोश व लालित्य के साथ प्रस्तुत किया जा रहा है ताकि आप अपनी ज़िंदगी को अपने सपनों की दुनिया बनाते रहें. सुंदर सपने देखते रहें और अपने हर सपने को साकार करते रहें .तो जुड़े रहिये 'स्वप्निल सौंदर्य' ब्लॉग व ई-ज़ीन के साथ .
और ..............
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Glittering Updates ~ The Gems Journal
Vol -04 , Year 2016 , Part - 2nd
Gems for this Season |
इस मौसम को बनाएं खास, रत्नों के साथ......
मार्च माह का आगमन , अमूमन हमे कड़ाकेदार सर्दियों से निजात और् गुलाबी धूप की आरामदायक अनुभूति का अहसास कराता है. हर मौसम की कुछ खूबियाँ और खामियाँ होती हैं . यही बात गर्मियों के मौसम पर भी लागू होती है. कुछ रत्न ऐसे होते हैं, जो इस मौसम में फबते हैं और आपके व्यक्तित्व में चार्- चाँद लगाते हैं. तो आइए जानते हैं, उन रत्नों के बारे में जो इस मौसम में आपके सौंदर्य को निखारेंगे और आपके व्यक्तित्व को एक खूबसूरत परिवेश में ढाँलेंगे.
इस मौसम में ' येलो डायमंडस ' खूब फबेंगे , पर इन्हें येलो गोल्ड में ही सेट कराएं . येलो गोल्ड भी इस मौसम के अनुकूल है. आप चाहें तो येलो डायमंड का व्हाइट डायमंड्स के साथ पेयर भी बना सकते हैं. इन दोनों डायमंड्स का संयोजन रंगों को स्पष्ट रुप से निखारेगा. मौजूदा मौसम के ज्वेलरी ट्रेंड्स में शीर्ष पर यलो सैफायर्स , डीप यलो डायमंडस और यलो साउथ सी पर्ल को कोई भी खारिज नहीं कर सकता .
इस मौसम में अन्य रंगों में हरे और लाल रंग के रत्न भी खूब फबेंगे . इसमें सबसे आगे रहेंगे कोलंबियन रुबी और बर्मीज़ एमरल्ड्स . वास्तव में ये कीमती रत्न हमेशा चलन में रहते हैं क्योंकि इनसे शाही - शानो- शौकत झलकती है.
पर्पल और पिंक कलर्स का यलो स्टोंस के साथ संयोजन उत्कृ्ष्ट लगता है, इसलिए इस मौसम में पिंक डायमंड्स , एमीथिस्ट , पिंक टोपाज , रोज़ क्वार्ट्ज़ और पिंक पर्ल्स भी चलन में रहेंगे.
इसके अतिरिक्त रत्नों के कट्स और साइज़ भी इनके सौंदर्य में इज़ाफा करते हैं. पन्ना अर्थात एमरल्ड का अपना एक अलग ट्रेड्मार्क कट होता है जो उसे दूसरे रत्नों से अलग करता है . कुछ स्पेशल कटस ऐसे होते हैं जो नवीनतम ट्रेंड के अनुकूल होते हैं. पीयर शेपड एमरल्ड भी एक ऐसा शेप है, जिसे आजकल काफी पसंद किया जाता है. कुछ लोगों को इसके बाद ओवल शेपड एमरल्ड पसंद आता है. पन्नों का आकार या शेप किसी भी प्रकार का हो , इससे उनके सौंदर्य में कोई कमी नहीं आती है.
यदि रुबी अर्थात माणिक की बात करें तो ज्यादातर लोगों को ओवल शेप पसंद आता है . इसके बाद तमाम लोग पीयर शेप रुबी पसंद करते हैं. यदि अति उत्कृ्ष्ट व हर दौर में प्रचलित कट्स की बात करें तो प्रिंसेस व मारकीज़ कटस बेहतरीन विकल्प हैं. अन्य लोकप्रिय कटस में रेडिएन्ट , एसचेर, हार्ट शेपड और कैबेशोन ( यह वह कट होता है जिसमें बिना फलक कटा गोल पत्थर होता है ) को शुमार किया जा सकता है. इस मौसम में विभिन्न साइज वाले रत्नों का एक दूसरे के साथ मिलाकर सेट कराने का चलन सामने आया है, उदाहरण के तौर पर, तीन कैरेट के कीमती रत्नों का डायमंडस के साथ मैच फबेगा.
इस बात में तनिक भी संदेह नहीं है कि रत्नजड़ित आभूषण बनाने के संदर्भ में यलो गोल्ड की शानदार ढंग से वापसी हुई है. वस्तुत: यलो डायमंडस का यलो यलो गोल्ड के साथ संयोजन करने पर डायमंडस सेट का सौंदर्य और ज्यादा जीवंत हो उठता है. वैसे 18 कैरेट सोना भी रत्नों के सौंदर्य व लुक्स को सुरुचिपूर्ण बनाता है.
विभिन्न रत्नों के रंगों के रहस्यवादी निहितार्थ होते हैं . हर रंग कई गुणों और खूबियों को प्रत्यक्ष व परोक्ष रुप से प्रकट करता है. वस्तुत: प्रत्येक रंग कई भावनाओं व प्रकृ्ति में मौजूद कई खासियतों का प्रतीकात्मक रुप प्रकट करता है. जैसे रुबी अर्थात माणिक का लाल रंग प्रेम, रिश्तों की गर्माहट और रोमांस का प्रतीक माना जाता है. यदि रुबी तीन कैरेट का या इससे अधिक है तो इसका प्रभावशाली उपयोग सेट , पेंडेंट या रिंग के लिए किया जा सकता है. हरे रंग का पन्ना अर्थात एमरल्ड को शाहीपन का प्रतीक माना जाता है . एमरल्ड सम्मान और सोशल स्टेट्स का पर्याय भी माना जाता है.येलो सैफायर का रंग पीला है जो प्रसन्नता , उत्साह और उज्ज्वल भविष्य का प्रतीक माना जाता है. इसे आध्यात्मिक रंग भी माना जाता है. यह रंग अग्नि का प्रतीक भी है और ज्यादातर भारतीयों की त्वचा के रंग में एक नई आभा बिखेर सकता है.
वैसे यह कहना किसी भी प्रकार से अतिशयोक्ति न होगा कि रत्नों से लैस आभूषण धारण करने से मन में एक खास प्रकार की अनुभूति होती है . आप इन्हें किसी भी मौसम या अवसर पर धारण करें , इनकी स्मृ्ति आपके मन के खजाने में अनेक वर्षों तक बनी रहती हैं. फिलहाल गर्मियों का मौसम दस्तक दे चुका है , इसलिए अपनी आर्थिक सामर्थ्य के अनुसार मौजूदा मौसम में फबने वाले रत्न जड़ित आभूषणों को धारण करने में देर न करें. वैसे भी रत्नों पर किया गया निवेश कभी व्यर्थ नहीं जाता.
Info. On Topaz |
शक्ति व प्रभुत्व का प्रतीक : टोपाज
सदियाँ बीतती जा रही हैं , पर पुखराज अर्थात टोपाज के प्रति लोगों का मोह किसी भी प्रकार से कम नहीं हो रहा है . एक लंबे अर्से से पुखराज सर्वाधिक लोकप्रिय रत्नों में शुमार होता आया है . ग्रीक और रोमन सभ्यता में इस रत्न को रहस्यमय शक्तियों का प्रतीक माना गया है. इस रत्न को शक्ति व प्रभुत्व का भी प्रतीक माना जाता है. टोपाज शब्द की उत्पत्ति ' टोपाजोस ' से हुई है . टोपाजोस लाल सागर में स्थित एक द्वीप है. कहा जाता है सदियों पूर्व रोमन सभ्यता के लोगों ने इसी द्वीप पर एक रत्न को ढूंढ़ निकाला था, जिसे उन्होंने टोपाज की संज्ञा दी. हालांकि कालांतर में जब इस रत्न की रासायनिक संरचना का विश्लेषण किया गया , तब यह पता चला कि रोमनों द्वारा तलाशा गया रत्न टोपाज नहीं बल्कि पेरीडॉट है . एक दूसरी मान्यता के अनुसार टोपाज शब्द की उत्पत्ति संस्कृ्त भाषा के शब्द ' तापस ' से हुई है जिसका अर्थ है अग्नि . प्राचीन मिस्त्रवासियों के अनुसार सूर्य देवता ने टोपाज के रंग में सुनहरी चमक का समावेश किया था . रोमनों ने इस रत्न को बृ्हस्पति ( जुपिटर ) के साथ संबद्ध किया. रोमन जुपिटर को सूर्य का देवता मानते थे. भारतीय मान्यता के अनुसार पुखराज को बृ्हस्पति ग्रह का मूल रत्न माना जाता है.
टोपाज को लेकर ऐसी मान्यता है कि विवाह की चौथी और उन्नीसवीं सालगिराह पर अपने जीवन साथी को इसे भेंट करना विशेष तौर पर शुभ माना जाता है. इसी तरह ' इंपीरियल टोपाज ' को शादी की 23 वीं सालगिराह पर धारण करना शुभ माना जाता है. मान्यता यह भी है कि टोपाज धारण करने पर रचनात्मक प्रवृ्त्तियों का विकास होता है और मन से नकारात्मक प्रवृ्त्तियाँ दूर होती हैं. इतना ही नहीं, इस रत्न को धारण करने से आध्यात्मिक रुझान बढ़ता है.
टोपाज विभिन्न रंगों में उपलब्ध है . हालांकि विशुद्ध टोपाज रंगहीन होता है पर एक विशेष तापक्रम पर गर्म करने पर टोपाज कई रंगों में परिवर्तित हो जाता है . जैसे पीले रंग के पुखराज ( टोपाज) गरम करने पर गुलाबी रंग में तब्दील हो जाते हैं . वैसे बाज़ार में नीले, पीले , गुलाबी, भूरे, लाल , हरे, नारंगी और सुनहरे रंग में टोपाज उपलब्ध हैं. एक वक़्त था जब पीले रंग के सभी रत्नों को पुखराज की श्रेणी में शुमार किया जाता था पर अब यह धारणा बदल चुकी है . नारंगी- लाल रंग वाले इंपीरियल वैरायटी के टोपाज को दुर्लभ व सार्वधिक कीमती माना जाता है. ब्लू टोपाज की सुंदरता भी अदभुत होती है . बाज़ार में इन दोनों किस्मों के टोपाज की अच्छी खासी मांग है.
टोपाज के स्त्रोतों की यदि बात की जाए तो दुनिया के कई देशों की खानों में टोपाज की विभिन्न किस्में पायी जाती हैं. जैसे रुस के साइबेरिया और यूराल पर्वत - श्रृंखलाओं में पाए जाने वाले टोपाज को उम्दा श्रेणी का माना जाता है. रुस के अतिरिक्त यह रत्न ब्राजील, , श्रीलंका, कुछ अफ्रीकी देशों , चीन, जापान, पाकिस्तान , म्यांमार, नाइजीरिया , आस्ट्रेलिया , मैक्सिको और अमेरिका में पाया जाता है . अमेरिका में उच्च कोटि का टोपाज कोलोराडो और कैलिफोर्निया में पाया जाता है . टोपाज का बड़ा भंडार ब्राजील में है.
19वीं शताब्दी में रुस में गुलाबी रंग के टोपाज की खोज हुई. यह रत्न इतना आकर्षक था कि रुस के शासक जार ने इस रत्न को सिर्फ शाही परिवार के लिए आरक्षित कर लिया. जार और उनके परिवार के अलावा अन्य का इस रत्न पर स्वामित्व नहीं हो सकता था. इसकी बेमिसाल खूबसूरती के कारण यह अंगूठी, ब्रेसलेट , हार, पेंडेंट आदि हर आभूषण में धारण करने पर फबेगा . बाज़ार में ब्लू टोपाज कई रंगों व आकारों में उपलब्ध है. अत: हर शख़्स अपनी पसंद के अनुसार ब्लू टोपाज के आभूषणों का चयन कर अपने व्यक्तित्व में चार- चाँद लगा सकता है. लाल और गहरे गुलाबी रंग वाले टोपाज दुर्लभ माने जाते हैं. इन रंगों वाले टोपाज की आभूषण प्रेमियों के बीच काफी माँग है.
सावधानी व देखभाल की दृ्ष्टि से टोपाज एक कठोर रत्न है . अत: इस रत्न को तुलनात्मक रुप से कम रत्नों के साथ नहीं रखा जाना चाहिये. ऐसा करने पर उनमें स्क्रैच आने की संभावना बनी रहती है. बेहतर होगा कि अन्य रत्नों के आभूषणों के साथ इन्हें न रखें. टोपाज के आभूषणों को सूर्य की किरणों से बचाना चाहिये . धूप लगने पर टोपाज का रंग धूमिल होने लगता है . इस रत्न को अल्ट्रासोनिक क्लीनर से साफ नहीं करना चाहिये . हल्के गुनगुने पानी में माइल्ड सोप मिलाकर टोपाज की साफ सफाई करें.
प्राचीन मान्यता है कि टोपाज धारण करने से कई रोगों में राहत मिलती है . कुछ लोगों की घारणा है कि इस रत्न को पहनने पर शरीर का इंडोक्राइन सिस्टम सुचारु रुप से संचालित होता है . इसी तंत्र से शरीर में विभिन्न हार्मोन प्रवाहित होते हैं, जो शरीर के विकास और स्वास्थ्य रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. सामान्य टिश्यूज़ के स्वाभाविक विकास में भी यह रत्न सहायक है. पुराने समय में मान्यता थी कि टोपाज धारण करने पर भूख खुलकर लगती है और हाजमा दुरस्त रहता है . ऐसी धारणा है कि रक्त संबंधी विकार दूर करने में भी टोपाज काफी सहायक होता है.
About SWAPNIL SHUKLA ~
A Jewellery Designer, Fashion Consultant, Artist, Fashion Columnist and Author. Attended SDPW, New Delhi.
Swapnil
Shukla is an Indian Jewellery Designer, Couturier ,Columnist and Artist
. She specializes in trends Forecasting, Lifestyle, Fashion, Gemology ,
Art and Astrology. After graduating from South Delhi Polytechnic for
Women , New Delhi ( First with Distinction ) , she studied export
management and start working as freelance designer and undertook
jewellery design projects.
She also worked as Design Columnist for
many Nationalized Magazines and started the famous and highly traffic
grabber fashion & Lifestyle blog 'Swapnil Saundarya' available in
English as well as in Hindi . Swapnil has also authored two books
namely ‘Gehne – The Art of wearing Jewellery’ and Fashion Pandit . She
has launched her own Designer Jewellery brand namely 'Swapnil Jewels
& Arts' and now with a desire to add new dimensions to the design
and Art industry , she started ' Swapnil Saundarya Label ' with a motive
to make everybody's life beautiful and just like their Dream World .
In
the words of Swapnil , "All my designer products are very close to my
heart because all of them are intricate yet striking, bold yet
feminine. They truly represents the spirit of a woman "
" My greatest satisfaction is a happy client ", she added.
Nature, Art, Various Cultures, Religion inspired Swapnil in designing.
Swapnil
says, " Jewellery is an expression of form, shape, function creatively
with techniques old & new. With revere for the traditional
techniques of jewellery making, my endeavour is to showcase a collection
that is conformist to the technique & non-conformist in the way it
is rendered.
Parallel to it is the collection that follows the
modern techniques of jewellery making with coloured gemstones,
pearls...left best to the imagination!!!
Swapnil has worn several
hats , Jewellery Designer, Fashion Consultant, Craft Expert, Writer and
Painter. More recently she diversified into Handicraft Products as an
experiment in her journey in design .
Every experiment in her
life she avers has been … “a step in my journey of growth and self
discovery, a kaleidoscopic part of life that enriches the fabric of my
work and existence.”
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