The Gift of Security and Dignity | By Dr Vats Vikram Aditya Verma | Swapnil Saundarya

 


  SWAPNIL  SAUNDARA e-zine  

Vol- 09, Year - 2022

|| सुरक्षा व स्वाभिमान का तोहफा ||
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2022
International Women's Day
 

Published by 
Aten Publishing House

'The Bold Brigade’, a collective to celebrate the Inclusive Power of Arts.
__________________________


नमस्कार!

महिला दिवस की शुभकामनाएं। 

आज सबसे ज्यादा महिला सशक्तिकरण की बातें होंगी। लेकिन महिला सशक्तीकरण क्या है यह कोई नहीं जानता। महिला सशक्तीकरण एक विवेकपूर्ण प्रक्रिया है। हमने अति महत्वाकांक्षा को सशक्तिकरण मान लिया है। 

मुझे लगता है महिला दिवस का औचित्य तब तक प्रमाणित नहीं होता जब तक कि सच्चे अर्थों में महिलाओं की दशा नहीं सुधरती। महिला नीति है लेकिन क्या उसका क्रियान्वयन गंभीरता से हो रहा है। यह देखा जाना चाहिए कि क्या उन्हें उनके अधिकार प्राप्त हो रहे हैं। वास्तविक सशक्तीकरण तो तभी होगा जब महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होंगी। और उनमें कुछ करने का आत्मविश्वास जागेगा। 

यह महत्वपूर्ण है कि महिला दिवस का आयोजन सिर्फ रस्म अदायगी भर नहीं रह जाए। वैसे यह शुभ संकेत है कि महिलाओं में अधिकारों के प्रति समझ विकसित हुई है। अपनी शक्ति को स्वयं समझकर, जागृति आने से ही महिला घरेलू अत्याचारों से निजात पा सकती है। कामकाजी महिलाएं अपने उत्पीड़न से छुटकारा पा सकती हैं तभी महिला दिवस की सार्थकता सिद्ध होगी।


मनु स्मृति में स्पष्ट उल्लेख है कि जहां स्त्रियों का सम्मान होता है वहां देवता  वास करते हैं, वैसे तो नारी को विश्वभर में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है किंतु भारतीय संस्कृति एवं परंपरा में देखें तो स्त्री का विशेष स्थान सदियों से रहा है। फिर भी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर वर्तमान में यदि खुले मन से आकलन करें तो पाते हैं कि महिलाओं को मिले सम्मान के उपरांत भी ये दो भागों में विभक्त हैं। एक तरफ एकदम से दबी, कुचली, अशिक्षित और पिछड़ी महिलाएं हैं तो दूसरी तरफ प्रगति पथ पर अग्रसर महिलाएं। कई मामलों में तो पुरुषों से भी आगे नई ऊंचाइयां छूती महिलाएं हैं।

जहां एक तरफ महिलाओं के शोषण, कुपोषण और कष्टप्रद जीवन के लिए पुरुष प्रधान समाज को जिम्मेदार ठहराया जाता है, वहीं यह भी कटु सत्य है कि महिलाएं भी महिलाओं के पिछड़ने के लिए जिम्मेदार हैं। यह भी सच है कि महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों ने ही स्त्री शक्ति को अधिक सहज होकर स्वीकार किया है, न सिर्फ स्वीकार किया अपितु उचित सम्मान भी दिया, उसे देवी माना और देवी तुल्य मान रहा है, जिसकी कि वह वास्तविक हकदार भी है।  

इस बहस को महिला विरुद्ध पुरुष (जैसा की कुछ लोग अनावश्यक रूप से करते हैं) नहीं करते हुए सकारात्मक दृष्टि से देखें तो हर क्षेत्र में महिलाएं आगे बढ़ी हैं फिर भी अभी महिला उत्थान के लिए काफी कुछ किया जाना शेष है। 

घर के चौके-चूल्हे से बाहर, व्यवसाय हो, साहित्य जगत हो, प्रशासनिक सेवा हो, विदेश सेवा हो, पुलिस विभाग हो या हवाई सेवा हो या फिर खेल का मैदान हो, महिलाओं ने सफलता का परचम हर जगह लहराया है। यहां तक कि महिलाएँ कई राष्ट्रों की राष्ट्राध्यक्ष भी रही हैं और कुछ तो वर्तमान में भी हैं। 

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं की यह सफलता निश्चित ही संतोष प्रदान करती है। ऐसे में यह भी आवश्यक है कि सुदृढ़ समाज और राष्ट्र के हित में महिला, पुरुष के मध्य प्रतिद्वंद्विता स्थापित नहीं की जाए वरन सहयोगात्मक संबंध बढ़ाए जाएं। शिक्षित एवं संपन्न महिलाओं को चाहिए कि वे पिछड़ी महिलाओं के लिए जो भी कर सकती हैं करें। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की दशा सुधारने पर विशेष ध्यान दिया जाना आवश्यक है क्योंकि महिलाओं की समस्याएं महिलाएं ही भलीभांति समझती हैं इसलिए शिक्षित एवं संपन्न महिलाएं इस दिशा में विशेष योगदान दे सकती हैं। निश्चित ही इस संदर्भ में पुरुषों को भी अपने कर्तव्यों के प्रति सजग रहना होगा। 

देखा जाए तो पुरुष स्वयं भी कई समस्याओं से ग्रस्त हैं, खासकर बेरोजगारी की समस्या से। और इसीलिए महिला-पुरुष एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी नहीं होते हुए परस्पर सहयोग की भावना से बराबरी से आगे बढ़ सकते हैं। तभी सामाजिक ढांचा और राष्ट्र भी सुदृढ़ बनेगा। अत्याचार करने वाले किसी भी पुरुष के कारण संपूर्ण पुरुष वर्ग को दोष देने की होड़ से भी बचना हितकर रहेगा क्योंकि अत्याचार, व्यभिचार, दुराचार करने वाला सिर्फ अत्याचारी है, अपराधी है और उसे उसकी सजा मिलना चाहिए। महिलाओं को समान अधिकार। समान अवसर और ससम्मान स्वतंत्रता का पूर्ण अधिकार है। इसमें किसी संदेह की कोई गुंजाइश भी नहीं है। 

आप सभी को अपने लिए सिर्फ इतनी सी बात समझनी है कि अपनी प्रतिभा, दक्षता, क्षमता, अभिरूचि और रूझान को पहचानना है, ईश्वर ने हमें जिन गुणों से नवाजा है उन्हें निखारना है। यंत्रवत कार्य करने के बजाय स्वयं को प्रसन्न रखने के लिए काम करना है आपको अपना परिवेश अपने आप प्रसन्न मिलेगा...दूसरे शब्दों में हर काम को प्रसन्नता से करें अपनी क्षमता का पूरा उपयोग करें। 

आज ही शपथ लें
अपने आप से कहें और यह संकल्प लें कि : 

मैं कर सकती हूं, 
मैं करूंगी, 
मैं कुछ बन कर ही रहूंगी, 
मैं प्रण लेती हूं....



इस पत्र के अंत में मैं, लेखक डॉ वर्मा फिर से आप सभी को आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2022 की ढेर सारी शुभकामनाएं देता हूं। 



-डॉ वत्स विक्रमादित्य वर्मा 
विराटपाट पट जोशी, विराट गढ़ राजबाटी, कप्तिपदा ओडिशा


आयुर्वेद में वाचस्पति की उपाधि से अलंकृत ज्योतिषाचार्य (भृगु संहिता-लाल किताब विशेषज्ञ), आध्यात्मिक-योग गुरु डॉ वर्मा प्राचीन भारतीय इतिहास, सनातन धर्म व् संस्कृति की गहरी व् तार्किक समझ रखते हैं. लेखक, टीवी निर्देशक, रेडियो जॉकी व् वॉइस ओवर आर्टिस्ट के रूप में कार्यानुभव व् वर्तमान में विराटगढ़ राजबाटी, कप्तिपदा, ओडिशा के श्री विराटेश्वरी शक्तिपीठ में विराट-पाट पटजोशी के पद पर आसीन हैं.


********




🦋Swapnil Saundarya🦋
 Decade of Action
🇮🇳
1️⃣0️⃣Yrs Campaign to generate awareness to take action for SDGs🌈
Donate ur Creativity🎨Not ur funds!
Many simple steps=Big Impact🌐




An eco-friendly products manufacturing firm 🌿♻️👗🎨🏺 and ezine (focuses on Art Activism+Social Action)✒️🖋️📇🗞️ from India🇮🇳 run by Bro-Sis Duo Rishabh & Swapnil Shukla 

SWAPNIL SAUNDARYA EZINE 

🗞️📇🖋️✒️

'Swapnil Saundarya ezine, founded in 2013 is India’s first hindi lifestyle online magazine that curates info on art, lifestyle, culture, literature, social issues and inspire its readership to raise their voice against all sorts of violence and discrimination. We focus on art Activism, protest art and participatory communication and social action.

SWAPNIL SAUNDARYA LABEL 

♻️🌿🏺🎨👗

•HAND 'MADE IN INDIA'🇮🇳•

Swapnil Sauundarya Label, Launched in the year 2015 is a Government registered Enterprise where you can find all your wardrobe needs of  jewelry, accessories, Interior Products , Paintings, green products under one roof. Swapnil Saundarya Label offers a complete sustainable lifestyle solution. The brainchild of Brother and Sister Duo Visual Artist-Writer  Rishabh Shukla and Jewellery-Fashion Designer  Swapnil Shukla, Swapnil Saundarya Label  is a contemporary luxury and lifestyle brand established on social and environmentally sustainable principles. Swapnil Saundarya Label’s articles are true example of perfectly  handcrafted Product. The Production processes used in their crafts typically have a low carbon footprint and promote the use of locally available materials as well as natural and organic materials where possible which requires low energy and sustained our environment. The Label also provide a source of earning and employment for the otherwise low skilled women, thereby improving their status within the household.

Website 


Always There for You
Not sharing it=carrying it 
10 months, 10 factors
 



SWAPNIL  SAUNDARYA  LABEL 


Make your Life just like your Dream World !


copyright©2013-Present. Rishabh  Shukla. All  rights  reserved

No part of this publication may be reproduced , stored in a  retrieval system or transmitted , in any form or by any means, electronic, mechanical, photocopying, recording or otherwise, without the prior permission of the copyright owner. 

Copyright infringement is never intended, if I published some of your work, and you feel I didn't credited properly, or you want me to remove it, please let me know and I'll do it immediately. 

Comments

Post a Comment