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SWAPNIL SAUNDARA e-zine
मुकुल के मैसेन्जर पर हर रोज़ सैकड़ों संदेश आते थे। अमूमन वे सभी स्त्री विमर्श से संबन्धित होते थे..... पर उस दिन उस मैसेज ने मुकुल के मन-मस्तिष्क को भीषण कोलाहल से भर दिया।
मिस्र की राजधानी काहिरा की निवासी 'बसमा' का मैसेज देख मुकुल थोड़ा अचरज में था। मैसेज का रिस्पांस करते ही बसमा की ओर से एक के बाद एक मैसेजेज़ की बौछार हो गई और उन पारस्परिक संदेशों के धारा प्रवाह में मुकुल का स्त्री व्यथा के वीभत्स उदाहरण से साक्षात्कार हुआ ।
बसमा: हेलो मेरा नाम बसमा है । मैं मिस्र की राजधानी काहिरा की निवासी हूँ।
मुकुल: हेलो मैं मुकुल, भारत, गुजरात से हूँ ।
बसमा: कैसे हैं आप, महिला कल्याण के क्षेत्र में आपके अनमोल विचारों की कायल हूँ ।
मुकुल: आभार! मैं स्त्री को ईश्वरीय शक्ति का द्योतक मानता हूँ । उनके भीतर के अदम्य शक्ति मुझे प्रेरित करती है।
बसमा: अच्छा! क्या सच में आप स्त्री को सम्मान देते हैं ? बहुत कम पुरुष ऐसे होते हैं, विश्वास मानिए, मेरा निजी अनुभव है।
मुकुल: सबको एक बताना गलत है । सभी की अपनी अलग अवधारणा, विचारा धारा है । मुझे खुशी है कि आप भारत से इतनी दूर स्थित मिस्र देश की निवासी होकर भी मेरे कार्य की प्रशंसक हैं....... आभार।
बसमा: प्रशंसक तो मैं आपके हुस्न, आपके गठीले बदन की हूँ ....मेरी उम्र 26 वर्ष है....... आपकी जन्मतिथि के अनुसार आप 29 वर्षीय हैं। आप बेहद आकर्षक व्यक्तित्व के मालिक हैं.... आपके चेहरे का भोलापन व नग्नता ( सेक्सीनेस ) मुझे पागल कर देती है और मेरा मन कामुकता व व्यथित यौन इच्छा से भर जाता है और मैं घंटों आपकी तस्वीर को निहारती रहती हूँ।
मुकुल: बिलकुल नहीं ।
बसमा: मेरे पति को ऐसा लगता था कि मैं खूबसूरत नहीं ..... वो हर पल मुझे इस बात का अहसास कराता था ...विभिन्न प्रकार से मेरा शोषण करके । पर जल्द ही, मैंने उसे अपनी ज़िंदगी से बेदखल कर दिया क्योंकि मुझे पता था कि मैं सफल हूँ और असीम खूबसूरती की स्वामिनी भी। इस कापुरूष के द्वारा शोषित होना, मेरी किस्मत नहीं ।
मुकुल: आप बहुत बहादुर हैं।
बसमा: आह ! मुझे चेहरे से मासूम दिखने वाले युवा (आपकी तरह) बेहद पसंद हैं। मुझे उनके द्वारा अपने ............
मुकुल: कृपया आप भाषा पर नियंत्रण रखें..... क्या आपका यह प्रोफाइल नकली है क्योंकि आपकी बातें .........
बसमा: आह! मेरी बातें ! मुकुल श्रीमान, एक स्त्री ने बिना किसी संकोच के अपने भावों की अभिव्यक्ति की तो आप पूछ रहे हैं कि क्या मेरा यह प्रोफाइल नकली है ...... क्यों ? क्या असली प्रोफाइल के साथ मुझे अपनी पसंदीदगी ज़ाहिर करने की इजाज़त नहीं ? क्योंकि मैं एक स्त्री हूँ और यह बातें मेरे लिए अशोभनीय हैं ? पुरुष तो अपने प्रेम, सेक्स में अपनी पसंदीदगी को ज़ाहिर करने में कोई परहेज़ नहीं करता बल्कि इस प्रकार की बातें तो उसकी मर्दानगी में चार चाँद लगाती हैं । आप बताओ कि क्या आप मुझे या मेरी तरह किसी औरत को प्यार नहीं करेंगे ? अगर मैं आपसे खुल कर बात करना चाहूँ ...... मुझे आपकी लोमश छाती को सहलाने की तीव्र इच्छा होती है, आपकी मदमस्त हंसी मुझे आपके बारे में व्यक्तिगत कल्पनाएँ करने को प्रेरित करती है।
मुकुल: मैडम , जिसके लिए आप मुझे बाध्य कर रही हैं वो सेक्स चैट की श्रेणी में आता है। और आप सेक्स सीकर की तरह बर्ताव कर रही हैं .... जो मुझे अनुचित लग रहा है ।
बसमा: मैंने सिर्फ अपनी भावनाओं का बखान किया है । मुझे आप अच्छे लगे और मैं आपके प्रति आकर्षित हूँ । क्या मैंने आपसे कहा कि आप भारत से मिस्र आओ और मेरे साथ संबंध स्थापित करो। आप भी कहीं न कहीं उन्हीं पुरुषों की भीड़ का हिस्सा हैं जो महिला अगर शराब के नशे में चूर है तो ऐसे पुरुष उन्हें उपभोग की वस्तु समझते हैं क्योंकि वे प्राय: नशे में चूर होकर उसकी बाँहों में गिरना, उस महिला की मजबूरी नहीं बल्कि उन्हें रिझाने का प्रयास मान बैठते हैं ..वे ऐसे वक़्त में महिला की भावनाओं का अनुमान लगाते हैं और एक तरफा निष्कर्ष पर भी पहुँच जाते हैं कि ऐसी परिस्थिति में एक महिला उससे क्या चाहती है।
मैं सिर्फ आपके हुस्न की कायल थी, मैंने सिर्फ अपने विचार व्यक्त करे जिसका आपने सीधा अर्थ यही समझा कि मैं सेक्स सीकर हूँ। आप भी महिला के प्रति आदर - सम्मान का दिखावा करने वाले उन्हीं पुरुषों की तरह है जो एक स्त्री की भावना को सिर्फ उसका पुरुषों को रिझाना मानते हैं ।
मुकुल: आप गलत अनुमान लगा रही हैं । मैं आपकी भावनाओं की कद्र करता हूँ ।
बसमा: श्रीमान ! मुझे अपनी भावनाओं को ज़ाहिर करना गलत नहीं लगता । पुरुष का सेक्स के संदर्भ में अक्रामक मनोस्थिति का परिचय देना, उसकी मर्दानगी में इज़ाफा करना माना जाता है। तो मैं भी सशक्त हूँ । मैंने अपनी ज़िंदगी को अपने अनुसार ढाला और उसे रंगारंग बनाया । अत: मुझे इन भावनाओं की अभिव्यक्ति से कोई परहेज नहीं और यदि मैं सेक्स सीकर हूँ भी तो यह मेरे भी जरूरत है और मुझे इसे स्वीकारने में कोई ग्लानि नहीं ।
मुकुल ने प्रतिउत्तर दिया पर उसका संदेश प्राप्तकर्ता तक नहीं जा सका क्योंकि मुकुल को ब्लॉक किया जा चुका था।
मुकुल दो मिनट स्तब्ध रह गया । स्त्री सशक्तिकरण व महिला मुद्दों की पैरवी करते हुए स्त्री सशक्तिकरण का ऐसा पक्ष भी उसके सामने आएगा, उसने इसकी कल्पना भी नहीं की थी। मुकुल प्रश्नों की सूनामी में डूब गया, जरूरत थी एक बार पुन: आत्ममंथन की।
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'Swapnil Saundarya ezine, founded in 2013 is India’s first hindi lifestyle online magazine that curates info on art, lifestyle, culture, literature, social issues and inspire its readership to raise their voice against all sorts of violence and discrimination. We focus on art Activism, protest art and participatory communication and social action.
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Swapnil Sauundarya Label, Launched in the year 2015 is a Government registered Enterprise where you can find all your wardrobe needs of jewelry, accessories, Interior Products , Paintings, green products under one roof. Swapnil Saundarya Label offers a complete sustainable lifestyle solution. The brainchild of Brother and Sister Duo Visual Artist-Writer Rishabh Shukla and Jewellery-Fashion Designer Swapnil Shukla, Swapnil Saundarya Label is a contemporary luxury and lifestyle brand established on social and environmentally sustainable principles. Swapnil Saundarya Label’s articles are true example of perfectly handcrafted Product. The Production processes used in their crafts typically have a low carbon footprint and promote the use of locally available materials as well as natural and organic materials where possible which requires low energy and sustained our environment. The Label also provide a source of earning and employment for the otherwise low skilled women, thereby improving their status within the household.
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