Aishwarya Sharma Suicide Case || By Sakhi Kendra & Swapnil Saundarya
SWAPNIL SAUNDARYA e-zine
( Vol- 05, Year - 2018, SPECIAL ISSUE )
Presents
घुटन ......... ऐश्वर्या की .
( Aishwarya Sharma Suicide Case )
( Aishwarya Sharma Suicide Case )
दिनाँक 3 अप्रैल की सुबह अख़बार खोलते ही कानपुर, उत्तर प्रदेश का हर वो शख़्स गहरे द्वंद्व में डूब गया था जिस अंतर्द्वंद्व से हम जूझ रहे थे, इस हृदय को चीर कर रख देने वाली ख़बर को पढ़्ने के बाद ....... 'शोहदों से तंग बीसीए छात्रा ने की खुदखुशी' .....
'ऐश्वर्या' ....... अपने माँ -बाप की लाडली , अपनी बहन की प्यारी, आँखों में कुछ सपने लिए अपनी ज़िंदगी में आगे बढ़ रही थी..... कक्षा 12 वीं में 82 प्रतिशत अंकों के साथ ऐश्वर्या ने भी कुछ ख्वाब देखे थे......कुछ खुद से वायदे किए थे .. ... यू.पी.टी.यू में 98 रैंक आने के बाद उसने प्रख्यात छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के यू.आई.ई.टी में दाखिला लिया ....अनेकों आशाओं के साथ कि खुद के पैरों पर खड़ी होकर अपने माता पिता का सम्मान बढाएगी ...खुद के लिए कुछ करेगी ....शायद मौका मिलता तो समाज के लिए बहुत कुछ कर पाती ............. पर आत्मविश्वास , साहस, धैर्य से भरी ऐश्वर्या को हमारे ही समाज में पलने वाली उस गंदगी ने एक ऐसे अंधकार की ओर ढकेल दिया जहाँ से वो खुद को निकाल न सकी.
ऐश्वर्या ( Aishwarya Sharma ) के साथ जो हुआ वो अत्यंत कष्ट्कारी इसलिए है क्योंकि उसने खुद के साथ होने वाले अत्याचार के खिलाफ आवाज़ उठाई ...जो उसके साथ गलत हो रहा था उसका पूर्ण साहस के साथ विरोध किया ..फिर भी समाज के कुछ तंग नज़रिये के अमानवों ने नीचता के स्तर को इस हद तक नीचे गिरा दिया कि शायद पाताल भी कम पड़ गया......
डेंटल सर्जन डॉ दिनेश चंद्र शर्मा ( Dr Dinesh Chandra Sharma ) व श्रीमती गीता शर्मा की पुत्री ऐश्वर्या शर्मा ( Aishwarya Sharma ) को उसके सेक्शन में पढ़ने वाला अनिकेत दीक्षित व तृतीय वर्ष का छात्र अनिकेत पाण्डेय पिछ्ले काफी समय से लगातार दोस्ती के नाम पर तंग कर रहे थे......लगातार विरोध करने के बावजूद ऐश्वर्या का पीछा करना, उस पर अश्लील फब्तियां कसना, कक्षा में पीछे से पत्थर फेंकना, उसको बार बार डरा, धमका कर निरंतर प्रताड़ित करना ,उनके लिए रोज की बात हो गई थी.... ऐश्वर्या ने लगातार उन लड़्कों की शिकायत विश्वविद्यालय परिसर में की ....पर समस्या का कोई हल निकलता न देख , पिता - पुत्री ने कल्याणपुर थाने में छेड़्छाड़ की शिकायत दर्ज कराई पर प्रशासन की नज़रअंदाज़ी व बेहद गलत रवैये के कारण आखिरकार ऐश्वर्या ने मौत को गले लगाना ज्यादा बेहतर समझा.
ऐश्वर्या की बहन डॉ सोनल शर्मा ( Dr Sonal Sharma ) ने हमारे समक्ष उन बातों को परत दर परत खोला जिसे सुनने -पढ़्ने के बाद इंसानियत तक शर्मसार हो जाए ....
सोनल ने बताया कि पिछले काफी समय से यह सिलसिला चल रहा था...वो लड़्के हर पल मौके की फिराक मे रहते ...ऐश्वर्या पर अश्लील फब्तियां कसते......" सपना चौधरी की तरह नाचो.....अपने शरीर के अंग दिखाओ, इमरान हाशमी अपनी फिल्मों में जो करता है वो सब तुम्हारे साथ करेंगे.... अपनी खूबसूरती पर बहुत घमंड है ..एक दिन तुझे तेजाब से नहलाएंगे.....तुम्हारा अपहरण कर लेंगे तब देखते हैं कितने दिन अपनी सुंदरता पर इतराती रहोगी आदि....." उनकी इन हरकतों से तंग आकर ऐश्वर्या ने कॉलेज की एच.ओ.डी डॉ ममता तिवारी से पूरे मामले की शिकायत की पर डॉ ममता तिवारी ने उल्टा बेहद बदसलूखी से ऐश्वर्या पर मामला खत्म करने का दबाव बनाया .... ऐश्वर्या ने उनसे सेक्शन बदलने की माँग की लेकिन इस पर भी डॉ ममता तिवारी ने आपत्ति जताई.
बकौल डॉ सोनल शर्मा, "डॉ ममता तिवारी ने ऐश्वर्या पर जबरन दबाव बनाया कि वह लिखित तौर पर यह बयान दे कि ऐश्वर्या द्वारा लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं और उसे उन लड़्कों से कोई आपत्ति नहीं..... ऐश्वर्या ने ऐसा करने से साफ मना कर दिया .....इस दौरान वो लड़्के निरंतर ऐश्वर्या के साथ गाली -गलौज करते रहे ...अश्लील बातें और धमकियां देते रहे."
डॉ सोनल शर्मा ने यह भी बताया कि इस वाक्ये के बाद ऐश्वर्या ( Aishwarya Sharma ) और उसके पिता ने विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारियों के समक्ष भी लिखित शिकायत दर्ज करी पर कोई कारवाई नहीं हुई .....कल्याणपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद रविवार को चौकी इंचार्ज यूनिवर्सिटी अजय मिश्रा ने पिता व पुत्री को बुलाया ...बहन डॉ सोनल भी उनके साथ चली गई ..पर वहाँ पर चौकी इंजार्ज के घटिया आचरण व बदसलूखी का वह दृश्य आज भी सोनल की आँखों के सामने घूमता है.
बकौल सोनल , " चौकी इंचार्ज अजय मिश्रा ने बड़े ही खराब लहज़े से ऐश्वर्या व पापा से बातचीत शुरु की ..वीडियो रिकॉर्डिंग भी कराई ...ऐश्वर्या ने जब पूरे आत्मविश्वास के साथ एक- एक बात बतानी शुरु की तो उन्होंने बीच में ही रिकॉर्डिंग बंद करा दी और ऐश्वर्या पर शिकायत वापस लेने के लिए दबाब डालने लगे..... पापा ने अपने वकील से बात करने के लिए जैसे ही मोबाइल निकाला , तो चौकी इंजार्ज ने उन्हें बहुत कस कर थप्पड़ मारा ...अपनी आँखों के सामने हम अपने पिता की बेइज्जती देख स्तब्ध थे और इससे पहले कि हम खुद को संभाल पाते चौकी इंजार्ज ने जबरन ऐश्वर्या से यह बयान लिखवाया कि उसे उन लड़्को से कोई आपत्ति नहीं और अब इस मामले को वह यहीं खत्म करती है और भविष्य में इस मामले में मैजिस्ट्रेट से या अन्य स्तर पर कोई शिकायत नहीं करेगी..... चौकी इंचार्ज अजय मिश्रा ने पापा और ऐश्वर्या से उस लिखित बयान पर जबरन दस्तखत भी करा लिए..... हम घर वापस आ गए थे ...ऐश्वर्या इस वाक्ये के बाद बिलकुल गुमसुम सी हो गई थी ...इसलिए हम उसे मंदिर ले गए ..ताकि उसका मन थोड़ा शांत हो जाए ...घर पर उसने खाना न खाया ....हमने उसे बिल्कुल भी अकेला न छोड़ा क्योंकि ऐश्वर्या बहुत परेशान थी.....अगली सुबह पापा अपनी क्लीनिक निकल गए और मैं लखनऊ .....माँ घर के काम में व्यस्त थीं और ऐश्वर्या ने चुपचाप खुद को फाँसी लगा ली..... शायद अपनी आँखों के सामने हमारे पिता की बेइज्जती .....बार - बार प्रशासन की ओर से मिलती धमकियाँ .... विभागाध्यक्ष का बेहद गिरा हुआ रवैया .......उन लड़्कों का बार -बार पापा की क्लीनिक पे आकर बेखौफ तरीके से उन्हें धमकाना और दिन पर दिन बढ़्ते उनके हौसलों ने आखिरकार ऐश्वर्या को ऐसा कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया."
पूरी घटना को सुनने के बाद महिला मंच ( Mahila Manch, U.P ) की अध्यक्ष सुश्री नीलम चतुर्वेदी ( Ms Neelam Chaturvedi ) जी ने इस ह्र्दयविदारक घटना पर खेद जताते हुए कहा ,"जैसा कि ऐश्वर्या की बहन डॉ सोनल शर्मा ने बताया कि बार - बार लिखित शिकायत दर्ज कराने के बावजूद विभागाध्यक्ष डॉ ममता तिवारी व प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए ..ऐसी स्थिति में यह कहना गलत न होगा कि ऐसे लोग शिक्षक के नाम पर कलंक हैं.... शिक्षा के मंदिर को नापाक कर रहे ऐसे शिक्षक, इस पद की गरिमा और मर्यादा का मान रखने में पूर्णतया असमर्थ हैं . अत: उन्हें शिक्षक कहलाने का कोई हक नहीं ........ जहाँ आज के समय में लड़्कियां खुद के साथ होने वाले अपराधों का विरोध कर पाने में खुद को असमर्थ महसूस करती हैं.....कहीं समाज के भय के कारण , कहीं बदनामी के डर से ....तो कहीं उनका ही परिवार उनके पैरों की बेड़ियां बन जाता है पर ऐश्वर्या एक बेहद साहसी बच्ची थी .... उसने पूरी कानूनी प्रक्रिया में रहते हुए न्याय की माँग की पर ऐसे शिक्षक, प्रशासन व पुलिस हमारे समाज में व्याप्त उस गंदगी के समान हैं जो दिन पर दिन मानवता, नैतिकता के साथ -साथ न्याय प्रणाली पर से भी लोगों का विश्वास खत्म कर देंगे ...ऐसे लोगों को सख़्त से सख़्त सज़ा मिलनी आवश्यक है..."
नीलम जी ने आगे कहा ," ऐसे मामलों की रोकथाम के लिए सभी विश्वविद्यालयों में Sexual harassment at workplace committee act 2013 का गठन होना अनिवार्य है.जहाँ तक छत्रपति शाहू जी महाराज जैसे प्रख्यात विश्वविद्यालय की बात है तो यहाँ पर Sexual harassment at workplace committee का होना निश्चित है . फिर भी ऐश्वर्या शर्मा की शिकायत पर सुनवाई क्यों नहीं हुई .....और जैसा कि डॉ सोनल शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय से उन्हें जानकारी प्राप्त हुई है कि इस से पूर्व भी विश्वविद्यालय में ऐसे सैंकड़ों मामले दर्ज हो चुके हैं पर फिर भी उन पर कारवाई नहीं हुई. तो इसके पीछे का क्या कारण है."
नीलम जी ने आगे कहा, " ऐश्वर्या के साथ जो हुआ उसके बारे में सोचते हुए हृदय में बड़ी कचोटन होती है .यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण था पर फिर भी यदि किसी भी युवक या युवती के साथ ऐसा कुछ भी हो रहा है तो उसे पूर्ण साहस के साथ आगे आना चाहिये .यदि प्रशासन या संबंधित अधिकारी आपकी मदद नहीं कर रहा तो सोशल मीडिया का लाभ उठाएं. अपनी बात को सही तरीके से लोगों के समक्ष पहुँचाएं .....अपने लिए लड़े ....हौसला रखें. न्याय की लड़ाई मुश्किल हो सकती है पर उसे जीतना असंभव नहीं."
नीलम जी ने इस विषय की गंभीरता को समझते हुए दिनाँक 07- अप्रैल -2018 को दोपहर 12 से 3 बजे मर्चेंट चेम्बर , सिविल लाइंस कानपुर में एक 'Think Tank Workshop' का आयोजन करने का निर्णय लिया है जिसमें इस गंभीर समस्या की जड़ों को गहराई से टटोलने के साथ साथ इसके निवारण हेतु विचारों का अदान प्रदान और कुछ सख़्त नियमों को क्रियान्वित करने की कोशिश की जाएगी.
शायद हम अंदाज़ा भी न लगा सकें कि ऐश्वर्या किस घुटन ..किस दर्द से जूझ रही थी...... उसने अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाई पर इसी समाज में पलने वाले अमानव , भ्रष्ट शासन व्यवस्था ने एक उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़्ती युवती को आखिर दिया भी क्या ?????
घुटन भरी मौत ..............
शायद आत्महत्या करने से पूर्व ऐश्वर्या ने एक हारी हुई ज़िंदगी जीने से बेहतर घुटन भरी मौत को गले लगाना ज्यादा बेहतर समझा.....
प्रश्न फिर खड़ा होता है ...आखिर इस घटना का ज़िम्मेदार कौन ..यह घटना रुह में कँपन पैदा इसलिए भी करती है क्योंकि ऐश्वर्या ने हार न मानी ..उसके इस फैसले में उसके परिवार ने उसका भरपूर साथ भी दिया .....उसने बार- बार औपचारिक तौर पर लिखित शिकायत भी दर्ज करी ..... उसने अपने साथ होने वाले अत्याचार व अनाचार के खिलाफ आवाज़ उठाई ......उन गिरी ,कुत्सित व संकीर्ण मानसिकता के अमानवों का पूरे बल व साहस के साथ सामना किया ..... उसकी नज़रों के सामने उसके पिता के मान को बार बार भंग किया गया ...कक्षा की बेहतरीन छात्रा होने के बावजूद शिक्षक व प्रशासन का ऐसा अमानवीय ...घटिया व नीच रवैया ......
ये वर्तमान समय के शिक्षक हैं ?...शिक्षक जैसे गौरवशाली पद की गरिमा भंग करते इन्हें तनिक भी शर्म न आई.... एक महिला होने के नाते क्या उन्हें उस बच्ची की घुटन का तनिक भी एहसास न हुआ .... दूसरी ओर पुलिस प्रशासन ......क्या एक लड़्की के साथ हर रोज़ होने वाली बदसलूखी की रोकथाम के लिए कोई सख्त कारवाई कर पाने में हमारे कानून के रक्षक इतने असमर्थ हैं.....
ये मानवता , नैतिकता के रक्षक हैं या भक्षक ......अब इन शब्दों के अर्थ ....मायने सब बदल चुके हैं...... ऐश्वर्या की मौत एक बहुत बड़े अंधकार के गर्त में गिरते हमारे समाज की शुरुआत है ...जिसका अंत बेहद भयावह होगा.
- ऋषभ शुक्ला ( Rishabh Shukla )
संस्थापक -संपादक ( Founder-Editor )
Aishwarya Sharma Suicide Case || Complete Story revealed by her sister Dr Sonal Sharma || By Sakhi Kendra & Swapnil Saundarya
Part II
Part III
Part IV
Part V
Story Behind Sakhi Kendra ....................
The incidents of women violence and women human rights along with criminal activities have been addressed more effectively through police department which has become more functional, active and responding through our interventions and continuous advocacies.
People from several districts of various States have also approached our helpline and have also taken the benefits of our support services on account of its goodwill through email, phone and postage.
The intellectual s from various spheres have always been involved with our endeavors through their valuable inputs, and suggestions during ' Think Tank Meetings ' organized frequently .When they had done the review of the work done by Sakhi Kendra in the past 37 years they expressed their realizations and feeling of appreciation from the bottom of their heart for our passionate, devoted work to achieve our goal.
Several social and women organizations of U.P. and India have been in continuous networking with our organization like Sangini of M.P., Chattisgarh Mahila Samakhya, Todang Trust, Jharkhand, Gadhwal Sewa Samiti, Uttrakhand, HELP Foundation, SARC-Varanasi, Gramya-Varanasi, CREA of Delhi, SABLA of Raibareilly,PANI Sansthan-Gorakhpur, HUMSAFAR of Lucknow, VANANGANA of Chitrakoot, MAHILA UTHAN SAMITI of Lalganj,MEET of Auraiya, BAL VIKAS SAMITI of Fatehpur and CREDA of Mirzapur, Veerangana-Jhansi etc. has been proved an important tool to take several cases in the process of justice.
The emerging women human rights defenders from Kanpur district & rural and different districts of U.P. have been helpful in establishing links with more villages and slums take initiative at primary level to deal with the challenging situation.
Neelam Chaturvedi is an Indian women’s human rights defender and activist.
She works to create awareness about gender and caste violence in India and build networks to combat violence against women. She seeks to increase women's ability to participate in democratic institutions through capacity building and promote rehabilitation and counselling services for street children and children involved in child labour. She founded the first women’s shelter in her region and campaigns against violence and sexual harassment of women in her community. Her work for women's rights has been highlighted by Amnesty International.
As a trade union activist in the 1970s she became involved in work on women’s issues within the trade union movement and in Indian society as a whole. She organised women workers to raise issues of physical and mental violence, the dowry system, rape, prostitution and sexual harassment.
She is the founder or co-founder of Indian women's organizations including Mahila Manch, Sakhi Kendra and the National Alliance of Women's Organisations.
She is a core member of the National Alliance of Women's Organisations (NAWO) and a leader of the Opposition (for the Democratic Party) in the NAWO's Indian Women’s Parliament.
Awards
Representatives and founder of SAKHI KENDRA have been honored and awarded hundred times. For example Ms. Neelam Chaturvedi was invited by Amnesty International U.S. and Canada as a guest speaker and also honored by Rotary International club.
All India Intellectual Forum gave her the title of ‘Kanpur Ratna’ & honored with memento and certificate for incredible contribution of Neelam Chaturvedi as a Women human right defender and social worker. B.N.S. D. College, PSIT (college of professional studies) , at golden jubilee G.S.V.M. medical college, Kanpur, Saraswati Vidya Mandir Higher Secondary School, Rambagh , Kanpur and Rastrawadi Parivartan Manch‘ also felicitated her for enormous contribution to society.
She is also honored with ’ Indira Priyadarshini Award -2013 ' for her incredible contribution to Social reform.
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About Sakhi Kendra :
Sakhi Kendra is a non profit charitable organization working for the empowerment of women, gender equity and gender justice with aims to build a healthy society.
Sakhi Kendra's vision for equality, justice and non-violence has been prevailing since last 37 years to build a healthy Society free from all kinds of discriminations, violence and gender based equality. Out of 36000 challenging cases we were able to bring 18000 to justice giving birth to 40000 beneficiaries’ who are still resolving problems for women in distress in their region and spreading awareness amongst multiple people. Thousands of street plays, puppet/Muppet shows and livelihood trainings were done to spread our message as much as possible. Around 650 genders, capacity building training were done resulting in implementation of policy and CEDAW Consultancy. Many other sessions with the government were held for formulation of acts related to women and their, effective implementation. Due to our several meetings and dialogues with the government an organized set of structures was formed for strengthening the rights of Domestic Women Workers. Our immense efforts at district level as ‘ Sakhi Gharelu Kamgar Sangh’ and Rashtriya Dalit Mahila Shakti we were able to organize 6000 women. We have done 460 Public court related women’s violence. And initiated 135 women candidates in Panchayat and Municipal body elections in various areas of Kanpur. In association with organization S.B.I has sponsored the education grant more than 500 poor, physically handicapped or orphan girls for their basic to Graduation level education.
Swapnil Saundarya ezine : An Intro
Launched in June 2013, Swapnil Saundarya ezine has been the first exclusive lifestyle ezine from India available in Hindi language ( Except Guest Articles ) updated bi- monthly . We at Swapnil Saundarya ezine , endeavor to keep our readership in touch with all the areas of fashion , Beauty, Health and Fitness mantras, home decor, history recalls, Literature, Lifestyle, Society, Religion and many more. Swapnil Saundarya ezine encourages its readership to make their life just like their Dream World .
स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन - परिचय
कला , साहित्य, फ़ैशन व सौंदर्य को समर्पित भारत की पहली हिन्दी लाइफस्टाइल ई- पत्रिका के पँचम चरण अर्थात पँचम वर्ष में आप सभी का स्वागत है .
फ़ैशन व लाइफस्टाइल से जुड़ी हर वो बात जो है हम सभी के लिये खास, पहुँचेगी आप तक , हर पल , हर वक़्त, जब तक स्वप्निल सौंदर्य के साथ हैं आप. गत वर्षों की सफलता और आप सभी पाठकों के अपार प्रेम व प्रोत्साहन के बाद अब स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन ( Swapnil Saundarya ezine ) के पँचम वर्ष को एक नई उमंग, जोश व लालित्य के साथ प्रस्तुत किया जा रहा है ताकि आप अपनी ज़िंदगी को अपने सपनों की दुनिया बनाते रहें. सुंदर सपने देखते रहें और अपने हर सपने को साकार करते रहें .तो जुड़े रहिये 'स्वप्निल सौंदर्य' ब्लॉग व ई-ज़ीन के साथ .
और ..............
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The Faces behind Swapnil Saundarya ezine
Rishabh Shukla , a visual artist skilled in variety of handicrafts such as Painting, Metalcraft etc. Working for Swapnil Saundarya Label and has own acclaims from both critics and common people . He has held several art exhibitions and these have brought excellent response every time .Rishabh works as editor in chief of Swapnil Saundarya ezine ( An online Magazine dedicated to Art , Aesthetics, Culture , heritage and Literature ) and blogs on Art, Interiors, Lifestyle and Society. He is also associated with the causes like ' Say No to Domestic Violence' , ' ' Fight Against Child Abuse' and ' Whole Body Donation' and his association with these social causes , represents in his paintings as well .Rishabh's abstract depictions of women are said to endorse the stereotype of ‘indianness'. His women are always represented as the mother, the lover, the seductress, or the muse.
Swapnil Shukla :
Swapnil is an Indian Jewellery Designer, Columnist , Visual Artist and Crafts expert. After graduating from South Delhi Polytechnic for Women , New Delhi ( First with Distinction ) , she studied export management and start working as freelance designer and undertook jewellery design projects. She recently got featured on 'The Elegant Life' as young Indian entrepreneur who successfully started with almost nothing and set a milestone in her 20s.
She is the FIRST Jewellery Journalist and Fashion Columnist who writes and educates her readers about the most intricate subjects i.e Fashion , Jewellery and Lifestyle in 'HINDI' language.Swapnil’s work appears in a wide variety of notable Indian publications. Swapnil made her fashion columns and knowledge available to the hindi language people .
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It's too badd n I am sympathised with parents of girl. It's completely lacking of system n administration, government have to take strict action to learn against all victims as HOD for not to take appropriate action against boys n Police inspectior as by pressure taken sign against wish n in favor of victims as such kind of act will not repeat again in future with anyone.
ReplyDeleteThis is very shameful.... Aise logo k against bahut strong kadam lene chahiye.. But mere point of view se Aishwarya ne Sociede krke bahut galat kiya usko fight krni chahiye the chahe kuch bhe hota suicide krne se aise boys ko aur badhawa milta Hai
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