SWAPNIL SAUNDARYA e-zine's New Avatar || Jewels of South India


SWAPNIL  SAUNDARYA e-zine  
( Vol- 06, Year - 2018, SPECIAL  ISSUE  )

Jewels of South India 
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~  Published By ~ 
ATEN  PUBLISHING  HOUSE




SWAPNIL   SAUNDARYA   ezine 's  New Avatar , brimming  with   info  on  Fashion, Lifestyle,  Arts , Culture  , Sports ,  Health  , Literature , travel  and  leisure .............



New Stories,  New  Segments .......


With  New  Dreams, New  Hopes, New  Aspirations  and  a Desire to achieve  new  horizons .................

After nearly 5 years , Aten   Publishing  House   proudly brings  to  you  “Swapnil  Saundarya  Ezine ” in its newest avatar! 


It  is  truly  a  privilege  to  celebrate  this  milestone  with  our  readers, as  we  reach  out  to  a  wider  audience.  The  editorial  team  appreciates  the  encouraging  feedback  and  your  continued  support .

Happy  Reading !



BHARATANATYAM  DANCER  
APARAJITA SARMA

 ~ On the Cover Page ~
READ HER STORY 





Swapnil Saundarya ezine : An Intro

Launched  in  June  2013,  Swapnil  Saundarya  ezine has  been  the  first  exclusive  lifestyle  ezine  from  India  available  in  Hindi  language  ( Except  Guest  Articles )  updated  bi - monthly .  We  at  Swapnil  Saundarya  ezine ,  endeavor  to  keep  our  readership  in  touch  with  all  the  areas  of  fashion ,  Beauty, Health  and  Fitness  mantras,  home  decor,  history  recalls,  Literature,  Lifestyle,  Society,  Religion  and  many  more.  Swapnil  Saundarya  ezine  encourages  its  readership  to  make  their  life  just  like  their  Dream  World . 





आभूषण दक्षिण भारत के .........



Image Courtesy: Google 



भारत में आभूषणों का महत्व अलंकार से कहीं ज्यादा है. इसके साथ धार्मिक और रस्म-रिवाज़ों का भी सम्बन्ध है. धातु, इसके आकार और प्रकार से समुदाय, जाति, पंथ और यहाँ तक कि राज्य या क्षेत्र विशेष का भी बोध होता है. स्वर्ण से बने आभूषण हर रोज प्रशंसित और धारण किये जाते हैं. इसके अलावा, त्योहारों और अन्य धार्मिक अवसरों के लिए विशेष आनुष्ठानिक आभूषण तैयार किये जाते हैं.

भारतीय आभूषणों का समृद्ध और शानदार इतिहास का गौरव ‘भारत की स्वर्ण भूमि’ यानी दक्षिण भारत के अलंकरणों में दिखाई देता है. तो  आइये इस संदर्भ में बात करते हैं दक्षिण भारत के प्रतीकात्मक आभूषणों के बारे में जिनकी ख्याती देश - विदेश तक फैली है.

जड़नाग -
इसका अर्थ केश सर्प या बालों वाला साँप होता है. यह साँप से संबंधित बालों के जूड़े का अलंकार है. “जड़” का अर्थ केश और “नाग” का अर्थ साँप है. ऐसी मान्यता है कि किसी स्त्री के घुटने तक लंबे केश एक काले नाग के समान होते हैं.

दक्षिण भारत की स्त्रियाँ अपने जूड़े को फूलों से सजातीं हैं, और इसलिए केशों के अधिकतर आभूषण फूलों के रूप में बनाए जाते हैं.

तल्ली या मंगलयम –
पूरे दक्षिण भारत में मंगलसूत्र विवाहित स्त्रियों का परम्परागत चिन्ह है. वर द्वारा विवाह के दिन वधू के गले में तल्ली बांधा जाता है जिससे वधू को सुमंगली, यानी मांगलिक विवाहित स्त्री की उपाधि मिलती है. तल्ली स्वर्ण से बनी लड़ी होती है जिसमें एक लटकन (पेंडेंट) लगा होता है और इसका आकार स्थानीय परम्परा के अनुसार भिन्न हो सकता है.


कालता उरु –
यह एक हार है जिसे वधू केवल अपने विवाह के दिन पहनती है. यह काफी भारी होता है, इसलिए रोज पहनना संभव नहीं हो पाता है. दक्षिण भारत की स्त्रियाँ अपने पुत्र के विवाह के दिन और/या अपने पति के 60वें जन्मदिन पर कालता उरु धारण करती हैं.

कासु माला –
इस हार को स्वर्ण के एक सौ सिक्कों से बनाया जाता है जिन पर देवताओं और देवियों के चित्रों की नक्काशी की गयी रहती है.

पाम्बदम –
इन कुण्डलों (कान की इन बालियों) को चक्र, गोल, शंकु, आदि जैसी विभिन्न ज्यामितीय आकृतियों में तैयार किया जाता है. यहाँ पम्बा का अर्थ साँप और “पाम्बदम” का अर्थ साँप का फण है. ये कुंडल साँप के समान दिखते हैं.

कुंडल के वजन के ख्याल से कान की लोलकी (ईअरलोब) को एक विशिष्ट छूरी से छेद दिया जाता है जो बाद में पाम्बदम के भार से बड़े हो जाते हैं.

मुडिचू – 
ये कुंडल लिपटे हुए साँपों के समान दिखते हैं और दक्षिण भारत के सबसे अधिक प्रचलित आभूषणों में से एक हैं. इन कुण्डलों को स्वर्ण के तारों की बुनाई करके बनाया जाता है.

कुनक्कु – 
दक्षिण भारत के सुदूरवर्ती समुदायों में फैली हुई लोलकी (ईअरलोब) आम बात है. उनके कुंडल भारी होते हैं. इन्हें शुद्ध स्वर्ण से बनाया जाता है और विशेष छूरी एवं पद्धति से कान छेद कर पहनाया जाता है.

दिलचस्प बात यह है कि कुरात्ति समुदाय की लड़कियां बचपन से ही कान की लोलकी को फैलाने के लिए बड़े आकार के कुंडल पहनती हैं जिसे कुनक्कु कहा जाता है.


तन्दत्त – 
तन्दत्त काफी बड़े कुंडल का एक और प्रकार है जिसे कुंवारी लडकियाँ पहनती हैं. ये कुंडल स्वर्णिम पत्तियों से बनाए जाते हैं जिनमे मोम भरा रहता है.

ये कुछ कलाकृतियाँ है जो अपनी परम्परा और स्वर्ण के बीच सम्बन्ध दर्शातीं हैं. इनमें से कुछ आभूषण अब लुप्त हो रहे हैं या उनकी जगह आधुनिक आभूषणों का प्रचलन बढ़ रहा है. तथापि, भारत के दक्षिणी हिस्से में कारीगरों के वंशजों के परम्परागत प्रतिष्ठानों में ये आज भी मिलते हैं.


-  स्वप्निल शुक्ला



Swapnil  Shukla  is  one  of  the  finest  Jewellery  designers ,Fashion Consultants ,  craft  experts  and  artists  from  India . She  is  the  'first'  Jewellery  &  Fashion  Columnist / Journalist  who  write  and  educate  her  readers  about  the  most  intricate  subjects  i.e  Fashion ,  Jewellery  and  Lifestyle  in  ‘HINDI’  language  regularly.  Swapnil’s  work  appears  in  a  wide  variety  of  notable  Indian  publications.  Swapnil  made  her  fashion  and  Jewellery  columns  and  knowledge  available  to  the  hindi  language  people.


She  specializes  in  trends  Forecasting,  Lifestyle,  Fashion,  Gemology ,  Art  and  Astrology.  After  graduating  from  South  Delhi  Polytechnic  for  Women ,  New  Delhi  ( First  with  Distinction  ) ,  she  studied   export  management  and  start  working  as  freelance  designer  and  undertook  Jewellery  Projects .  Besides,  she  also  Holds  a  Master  of  Arts  degree  in  Political  Science .


स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन - परिचय





 कला , साहित्य,  फ़ैशन व सौंदर्य को समर्पित भारत की पहली हिन्दी लाइफस्टाइल  ई- पत्रिका के षष्ठम चरण अर्थात षष्ठम वर्ष में आप सभी का स्वागत है . 

फ़ैशन व लाइफस्टाइल  से जुड़ी हर वो बात जो है हम सभी के लिये खास, पहुँचेगी आप तक , हर पल , हर वक़्त, जब तक स्वप्निल सौंदर्य के साथ हैं आप. गत वर्षों की सफलता और आप सभी पाठकों के अपार प्रेम व प्रोत्साहन  के बाद अब स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन  ( Swapnil Saundarya ezine )   के षष्ठम वर्ष को एक नई उमंग, जोश व लालित्य के साथ प्रस्तुत किया जा रहा है ताकि आप अपनी ज़िंदगी को अपने सपनों की दुनिया बनाते रहें. सुंदर सपने देखते रहें और अपने हर सपने को साकार करते रहें .तो जुड़े रहिये 'स्वप्निल सौंदर्य' ब्लॉग व ई-ज़ीन  के साथ .

और ..............

बनायें अपनी ज़िंदगी को अपने सपनों की दुनिया .
( Make your Life just like your Dream World ) 


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Rishabh Shukla  ( ऋषभ शुक्ला )

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चेतावनी : 'स्वप्निल सौंदर्य - ई ज़ीन '  ( Swapnil Saundarya ezine )   में घरेलु नुस्खे, सौंदर्य निखार के लिए टिप्स एवं विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों के संबंध में तथ्यपूर्ण जानकारी देने की हमने पूरी सावधानी बरती है . फिर भी पाठकों को चेतावनी दी जाती है कि अपने वैद्य या चिकित्सक आदि की सलाह से औषधि लें , क्योंकि बच्चों , बड़ों और कमज़ोर व्यक्तियों की शारीरिक शक्ति अलग अलग होती है , जिससे दवा की मात्रा क्षमता के अनुसार निर्धारित करना जरुरी है.  

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India's  First  Chemo  Dolls  By  Swapnil  Saundarya




Luxury crafts manufacturing firm  'Swapnil Saundarya Label' takes great pride to create its exclusive range of chemo dolls which can help in conveying the psychosocial effects of treatment to cancer patients . 

Swapnil Saundarya Chemo Dolls are created with an extremely rare condition where they do not have hair , they went through all their cancer treatments with their chemo, radiation and surgery . 

These Chemo Doll with the ' Fighting Spirit ' help to affirm and support the struggles of cancer patients. These dolls are designed to encourage Cancer patients who have to go through chemo therapy and will likely lose their hair. Swapnil Saundarya Chemo Dolls are dolls for children as well as for adults in treatments for cancer.

Swapnil Saundarya Label manufactured their first Chemo doll in 2017, but instead of placing them on sale for profit, distributed them to various NGOs.



Doll Designer 'Swapnil' has designed chemo dolls which are simply beautiful and bald , each with their own removable colorful hat adjoining with the doll's hand representing the power to fight against the terrible disease Cancer . These dolls are dedicated to all of them battling this awful disease. 

"Our goal is to place  Swapnil Saundarya Chemo Dolls in the arms of all cancer patients who need a hug and to put big smiles on their faces .You can nominate any child with cancer who needs a new best friend Doll and the firm will ship his or her new doll with lots of love and care from Swapnil Saundarya Label", said Swapnil,  co -owner.



Rishabh , co-owner of Swapnil Saundarya Label said "we hope our dolls have the magic to make their own best friends feel super brave and courageous. Our mission is to provide emotional support to children and adults in treatment for cancer and other serious illnesses through our chemo dolls " 


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Talkistaan  ::  The  Talk  Show  || Success  Stories  with  Anurag 





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~  Trailblazer  
in  Hindi  Fashion :: Swapnil




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Champion  of  Art  !  An  Interview  with  Painter  and  Editor  Rishabh  




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