From the Diary of Meera......


SWAPNIL   SAUNDARYA  e-zine 

Presents

मीरा की  डायरी से.......
From the Diary of Meera.....





Read Now ::

https://issuu.com/swapnilsaundaryaezine/docs/from_the_diary_of_meera_by_swapnil_



स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन - परिचय 







कला , साहित्य,  फ़ैशन, लाइफस्टाइल व सौंदर्य को समर्पित भारत की पहली हिन्दी द्वि-मासिक हिन्दी पत्रिका के चतुर्थ चरण अर्थात चतुर्थ वर्ष में आप सभी का स्वागत है .

फ़ैशन व लाइफस्टाइल  से जुड़ी हर वो बात जो है हम सभी के लिये खास, पहुँचेगी आप तक , हर पल , हर वक़्त, जब तक स्वप्निल सौंदर्य के साथ हैं आप.

प्रथम, द्वितीय व तृतीय वर्ष की सफलता और आप सभी पाठकों के अपार प्रेम व प्रोत्साहन  के बाद अब स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन  ( Swapnil Saundarya ezine )   के चतुर्थ  वर्ष को एक नई उमंग, जोश व लालित्य के साथ प्रस्तुत किया जा रहा है ताकि आप अपनी ज़िंदगी को अपने सपनों की दुनिया बनाते रहें. सुंदर सपने देखते रहें और अपने हर सपने को साकार करते रहें .तो जुड़े रहिये 'स्वप्निल सौंदर्य' ब्लॉग व ई-ज़ीन  के साथ .
और ..............
बनायें अपनी ज़िंदगी को अपने सपनों की दुनिया .
( Make your Life just like your Dream World )


Launched in June 2013, Swapnil Saundarya ezine has been the first exclusive lifestyle ezine from India available in Hindi language ( Except Guest Articles ) updated bi- monthly . We at Swapnil Saundarya ezine , endeavor to keep our readership in touch with all the areas of fashion , Beauty, Health and Fitness mantras, home decor, history recalls, Literature, Lifestyle, Society, Religion and many more. Swapnil Saundarya ezine encourages its readership to make their life just like their Dream World .

www.issuu.com/swapnilsaundaryaezine


Founder - Editor  ( संस्थापक - संपादक ) : 
Rishabh Shukla  ( ऋषभ शुक्ला )

Managing Editor (कार्यकारी संपादक) : 
Suman Tripathi (सुमन त्रिपाठी)

Chief  Writer (मुख्य लेखिका ) : 
Swapnil Shukla (स्वप्निल शुक्ला)

Art Director ( कला निदेशक) :
Amit Chauhan  (अमित चौहान)
Marketing Head ( मार्केटिंग प्रमुख ) :
Vipul Bajpai (विपुल बाजपई)





'स्वप्निल सौंदर्य - ई ज़ीन ' ( Swapnil Saundarya ezine )  में पूर्णतया मौलिक, अप्रकाशित लेखों को ही कॉपीराइट बेस पर स्वीकार किया जाता है . किसी भी बेनाम लेख/ योगदान पर हमारी कोई ज़िम्मेदारी नहीं होगी . जब तक कि खासतौर से कोई निर्देश न दिया गया हो , सभी फोटोग्राफ्स व चित्र केवल रेखांकित उद्देश्य से ही इस्तेमाल किए जाते हैं . लेख में दिए गए विचार लेखक के अपने हैं , उस पर संपादक की सहमति हो , यह आवश्यक नहीं है. हालांकि संपादक प्रकाशित विवरण को पूरी तरह से जाँच- परख कर ही प्रकाशित करते हैं, फिर भी उसकी शत- प्रतिशत की ज़िम्मेदारी उनकी नहीं है . प्रोड्क्टस , प्रोडक्ट्स से संबंधित जानकारियाँ, फोटोग्राफ्स, चित्र , इलस्ट्रेशन आदि के लिए ' स्वप्निल सौंदर्य - ई ज़ीन ' को ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता .


कॉपीराइट : 'स्वप्निल सौंदर्य - ई ज़ीन '   ( Swapnil Saundarya ezine )   के कॉपीराइट सुरक्षित हैं और इसके सभी अधिकार आरक्षित हैं . इसमें प्रकाशित किसी भी विवरण को कॉपीराइट धारक से लिखित अनुमति प्राप्त किए बिना आंशिक या संपूर्ण रुप से पुन: प्रकाशित करना , सुधारकर  संग्रहित करना या किसी भी रुप या अर्थ में अनुवादित करके इलेक्ट्रॉनिक या यांत्रिक , प्रतिलिपि, रिकॉर्डिंग करना या दुनिया के किसी भी हिस्से में प्रकाशित करना निषेध है . 'स्वप्निल सौंदर्य - ई ज़ीन ' के सर्वाधिकार ' ऋषभ शुक्ल' ( Rishabh Shukla )  के पास सुरक्षित हैं . इसका किसी भी प्रकार से पुन: प्रकाशन निषेध है.

चेतावनी : 'स्वप्निल सौंदर्य - ई ज़ीन '  ( Swapnil Saundarya ezine )   में घरेलु नुस्खे, सौंदर्य निखार के लिए टिप्स एवं विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों के संबंध में तथ्यपूर्ण जानकारी देने की हमने पूरी सावधानी बरती है . फिर भी पाठकों को चेतावनी दी जाती है कि अपने वैद्य या चिकित्सक आदि की सलाह से औषधि लें , क्योंकि बच्चों , बड़ों और कमज़ोर व्यक्तियों की शारीरिक शक्ति अलग अलग होती है , जिससे दवा की मात्रा क्षमता के अनुसार निर्धारित करना जरुरी है.








संपादकीय



नमस्कार पाठकों,


आप सभी के प्रेम  व आशीर्वाद के कारण हम भारत की पहली हिंदी द्वि-मासिक ई पत्रिका स्वप्निल सौंदर्य ( Swapnil Saundarya ezine ) के तीन वर्ष सफलतापूर्वक संपूर्ण कर चुके हैं. अब हम स्वप्निल सौंदर्य ई ज़ीन के चतुर्थ चरण के पथ पर अग्रसर हैं. गत वर्षों में हमने विभिन्न मुद्दों पर पत्रिका के माध्यम से चर्चा की. सौंदर्य की सही परिभाषा को आत्मसात किया. स्वप्निल सौंदर्य एक लाइफस्टाइल ई पत्रिका है पर पत्रिका के कंटेट को सीमित न करते हुए हमने इसके जरिये कई सामाजिक मुद्दों को गहराई से समझा व पूर्ण संवेदनाओं के साथ इन्हें उजागर किया. पत्रिका में हमने कला, फ़ैशन, लाइफस्टाइल, साहित्य से जुड़े तमाम पहलुओं को सम्मिलित किया. गत वर्ष 'लावण्या' नामक नव सेगमेंट के जरिये हमने भारतीय शास्त्रीय संगीत व नृत्य के क्षेत्र में अपनी सफलता का परचम लहरा चुके कुच नृतक व नृत्यांगनाओं के प्रेरणादायक जीवन पर प्रकाश डाला.

इसके अतिरिक्त 'सफ़केशन' व 'एसिड' नामक ई- बुक्स द्वारा दिल में कचोटन पैदा करने वाले व मस्तिष्क को झकझोर कर रख देने वाले मुद्दों को आप पाठकों द्वारा भेजी गईं कुछ विशेष कहानियों द्वारा उजागर किया. एक ओर स्त्री विमर्श से संबंधित मुद्दों पर डॉ. आकांक्षा अवस्थी की डायरी के कुछ पृष्ठों को सम्मिलित किया गया तो दूसरी ओर एड्वोकेट प्रणवीर प्रताप सिंह चंदेल व उनके मित्रों द्वारा गरीब व असहाय बच्चों की शिक्षा व बेहतर भविष्य के लिए किए जा रहे प्रयासों को व उनके मिशन एन.जी.ओ की संरचना व कार्यप्रणाली पर विस्तृत जानकारी प्रदान की गई. 

अब स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन के चतुर्थ वर्ष का शुभारंभ हम अधिवक्ता मीरा यादव की डायरी ( From the diary of Meera ) के कुछ अनमोल पृष्ठों से कर रहे हैं. नारी व्यथा व सशक्तिकरण को मर्मस्पर्शी व दृढ़्ता के साथ प्रस्तुत करती मीरा की डायरी के ये पृष्ठ आपके हृदय में जरुर उतरेंगे. इसके अलावा स्त्री का जीवन चुनौतियों का पर्याय जैसे हृदय भेदी मुद्दों व अपने रिसर्च पेपर्स व जर्नल्स के साथ डॉ. आकांक्षा अवस्थी की डायरी से एक बार फिर आप सभी का साक्षात्कार होगा.

'लावण्या' श्रृंख्ला के अंतर्गत नव प्रतिभाओं व उनके अनुकरणीय व संघर्षपूर्ण जीवन व शास्त्रीय संगीत व नृत्य के क्षेत्र में उनके योगदान को सम्मिलित किया जाएगा.

पुरुषों की जीवनशैली को समर्पित स्वप्निल सौंदर्य ई -ज़ीन की  नवीन पेशकश 'दि आइसोलेटेड चैप' ( The Isolated Chap ) के प्रथम अंक को जल्द ही लाँच किया जाएगा . कॉफी टेबल बुक के रुप में स्वप्निल सौंदर्य ( Swapnil Saundarya ) जल्द ही देश के नामचीन बुक स्टोर्स व ऑनलाइन स्टोर्स की शोभा बढ़ाएगी व पत्रिका की प्रमुख लेखिका व डिज़ाइनर स्वप्निल शुक्ला के खजाने से फ़ैशन व आभूषणों पर उनके प्रकाशित लेखों के संकलन को भी जल्द प्रस्तुत किया जाएगा. लेखिका शालिनी की नवीन लघु कहानियाँ आपके समक्ष प्रस्तुत की जाएंगी और स्वप्निल सौंदर्य ई -ज़ीन के गत अंकों की भाँति ही इंटीरियर्स, वास्तु व फेंग शुई , फिट्नेस, फायनांस, करियर, कला,घरेलु नुस्खे, नव उद्यम  आदि क्षेत्रों की विस्तृत जानकारियों को शामिल  किया जाएगा .

तो  बस बने रहिये स्वप्निल सौंदर्य ई -ज़ीन के साथ और बनाइये अपनी ज़िंदगी को अपने सपनों की दुनिया. 

- ऋषभ शुक्ला ( Rishabh Shukla )
  संस्थापक -संपादक ( Founder-Editor )











मीरा की डायरी से .......
From The Diary of Meera......




| धर्म युग की नारी मैं |




 

सिया बनी राघव की मैं,
या हो गई राधा माधव की |
बनी अहिल्या गौतम की,
या बन गई कुंती त्रेता की |

हर जन्म मेरा प्रतिकार हुआ,
अस्तित्व मेरा निराधार हुआ |
देती आई अब तक उत्तर,
तेरे  उन सारे प्रश्नों का |

पर क्या सोचा है तुमने ये,
बीती क्या थी उस  पल मुझ पर ,
क्या हुआ मेरे उन सपनों का |

नारी तुम केवल श्रृद्धा हो,
आँचल में जिसकी ममता,
नयनों में जिसकी समता ,
और लिए हृदय में त्याग ,
नारी तुम केवल श्रृद्धा हो |

माना मैं मूरत श्रृद्धा की ,
हूँ मूरत भक्ति की,
और माना खुद को  भक्ति भी,
पर माना है तुमने भी क्या ये ,
और जाना क्या इस जग ने ये |

गर जाना होता देवी मुझको ,
और माना होता श्रृद्धा मुझको,
मुझ पर करते आघात नहीं,
मुझसे होता प्रतिघात नहीं |

अस्तित्व मेरी होता अविरल,
पाती न कभी खुद को  निर्बल |
मैंने ही तुमको जन्म दिया,
पालन पोषण हर कर्म किया,
पूरा अपना कर्त्तव्य किया,
तुझको अपना गँतव्य दिया |

फिर क्यों तुझसे ही माँग रही,
वो स्थान जो सदा रहा मेरा ही |
सृजन,भरण, प्रेम ,अनुशासन भर ,
मैंने तुमको परिपूर्ण  किया ,
आई बन भार्या जीवन में,
मैंने तुमको संपूर्ण किया |

फिर खुद में क्यों संपूर्ण नहीं ,
आखिर मैं क्यों परिपूर्ण नहीं,
क्यों माँगू मैं तुझसे वो ,
जो दिया है मैंने ही तुझको |

निर्भया बनाया तुमने मुझे ,
और बने  निशाचर तुम खुद भी ,
लूटा क्या मेरा तुमने मुझसे ,
खुद लुटा चरित्र तेरा ही |

अब बहुत हुआ क्षरण मेरा,
ये जीवन बना मरण मेरा,
अब एकत्रित अपनी शक्ति करुँगी ,
हूँ देवी अपनी ही भक्ति करुँगी |

माँ, बेटी , भगिनी हूँ स्त्री तेरी,
मैं नहीं क्रीड़ा की वस्तु तेरी,
बढ़ चुकी हूँ आगे अब पथ पर ,
निर्मित जो मेरी अग्नि से है, उस रथ पर |

रोके न रुकूँगी मध्य में अब,
है क्षितिज मेरा गंतव्य तो अब |
केवल श्रृद्धा नहीं तुम्हारी मैं,
बढ़ चुकी हूँ अग्रसर नभ में अब ,
हूँ धर्म युग की नारी मैं |


- मीरा यादव ( Meera Yadav )






कानपुर विश्वविद्यालय ( CSJM University )  से वाणिज्य विषय में परास्नातक ( एम.कॉम ) , विक्रमाजीत सिंह सनातन धर्म  ( वी.एस.एस.डी ) { VSSD Law College, Kanpur } कॉलेज, कानपुर से विधि में स्नातक ( एल.एल.बी )  व ग्लोबल ओपन यूनिवर्सिटी, नागालैण्ड ( Global Open University , Nagaland ) से एल.एल.एम  की उपाधियों से अलंकृत व पटना हाई कोर्ट ( Patna High Court ) में बतौर अधिवक्ता  कार्यरत, मीरा का साहित्य के प्रति रुझान अनुकरणीय है. स्त्री की मर्मस्पर्शी संवेदनाओं को उजागर करते ,मीरा  ( Meera Yadav ) की डायरी के ये अनमोल पृष्ठ सीधे दिल में उतर जाते हैं.
















प्रिय पाठकों !

आपकी ओर से निरंतर प्राप्त हो रही सकारात्मक प्रतिक्रियाओं के लिए 'स्वप्निल सौंदर्य ई ज़ीन' की पूरी टीम की तरफ से आप सभी को हृ्दय से आभार . अपने आशीर्वाद, प्रेम व प्रोत्साहन की वर्षा हम पर सदैव करते रहें . आपकी टिप्पणियों , सलाहों एवं मार्गदर्शन का हमें बेसब्री से इतंज़ार रहता है . पत्रिका के लिए आपके लेख, रचनायें आदि सादर आमंत्रित हैं.  कृ्प्या अपने पत्र के साथ अपना पूरा नाम ,पता, फोन नंo व पासपोर्ट साइज़ फोटो अवश्य संलग्न करें.

ई- मेल :   swapnilsaundarya@gmail.com
                 shuklarishabh52@gmail.com




स्वप्निल सौंदर्य ई- ज़ीन में रचनायें भेजने व प्रकाशित कराने हेतु नियम :

स्वप्निल सौंदर्य ई- ज़ीन ( ई- पत्रिका )  मैं रचना प्रेषित करते समय कृ्प्या निम्न बातों का ध्यान रखें -

- रचना साफ - सुथरी हो व  Word Text Format  अथवा Rich Text Format   पे लिखी गई हो .

- भेजी गई रचना मौलिक , अप्रकाशित व अप्रसारित होनी चाहिये. किसी भी पत्र- पत्रिका से चुराई गई रचना कृ्प्या न भेजें. यदि रचना चुराई गई है, और यह साबित हो गया तो उक्त व्यक्ति पर कोर्ट में कारवाई की जाएगी.

- रचना के साथ आपका पूरा नाम, पता, पिनकोड व पासपोर्ट साइज़ फोटो अवश्य भेजें.

- रचना पर शीर्षक के ऊपर मौलिकता के संबंध में साफ - साफ लिखें अन्यथा रचना पर विचार नहीं किया जाएगा.

- रचना सिंपल फांट ( Font )  में लिखी गई हो .

- रचना भेजते समय अपने बारे में संक्षिप्त ब्योरा जरुर दें . यदि स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन के किसी स्थायी स्तंभ के लिए रचना भेज रहे हैं तो उस स्तंभ का शीर्षक लिखना न भूलें.

- प्रत्येक स्वीकृ्त रचना का कॉपीराइट ( सर्वाधिकार ) पत्रिका के कॉपीराइट धारक का है और कोई स्वीकृ्त / प्रकाशित रचना कॉपीराइट धारक से पूर्वलिखित अनुमति लिए बिना अन्यत्र अनुदित , प्रकाशित या प्रसारित नहीं होनी चाहिये.


- स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन टीम  ( Swapnil Saundarya ezine Team ) 
































SWAPNIL SAUNDARYA LABEL
Make your Life just like your Dream World !










copyright©2013-Present. Rishabh Shukla. All rights reserved

No part of this publication may be reproduced , stored in a  retrieval system or transmitted , in any form or by any means, electronic, mechanical, photocopying, recording or otherwise, without the prior permission of the copyright owner.

Copyright infringement is never intended, if I published some of your work, and you feel I didn't credited properly, or you want me to remove it, please let me know and I'll do it immediately.

Comments