Swapnil Saundarya e-zine # Vol -02 , Issue -01 , June - July 2014
| | स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन # Vol -02 ,Issue -01 ,June -July 2014 | |
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स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन - परिचय
कला , साहित्य, फ़ैशन, लाइफस्टाइल व सौंदर्य को समर्पित भारत की पहली हिन्दी द्वि-मासिक हिन्दी पत्रिका के दूसरे चरण अर्थात द्वितीय वर्ष में आप सभी का स्वागत है .
फ़ैशन व लाइफस्टाइल से जुड़ी हर वो बात जो है हम सभी के लिये खास, पहुँचेगी आप तक , हर पल , हर वक़्त, जब तक स्वप्निल सौंदर्य के साथ हैं आप.
प्रथम वर्ष की सफलता और आप सभी पाठकों के अपार प्रेम व प्रोत्साहन के बाद अब स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन के द्वितीय वर्ष को एक नए रंग - रुप व फ्लेवर के साथ प्रस्तुत किया जा रहा है ताकि आप अपनी ज़िंदगी को अपने सपनों की दुनिया बनाते रहें. सुंदर सपने देखते रहें और अपने हर सपने को साकार करते रहें .तो जुड़े रहिये 'स्वप्निल सौंदर्य' ब्लॉग व ई-ज़ीन के साथ .
और ..............
बनायें अपनी ज़िंदगी को अपने सपनों की दुनिया .
Launched in June 2013, Swapnil Saundarya ezine has been the first exclusive lifestyle ezine from India available in Hindi language ( Except Guest Articles ) updated bi- monthly . We at Swapnil Saundarya ezine , endeavor to keep our readership in touch with all the areas of fashion , Beauty, Health and Fitness mantras, home decor, history recalls, Literature, Lifestyle, Society, Religion and many more.
Swapnil Saundarya ezine encourages its readership to make their life just like their Dream World .
Swapnil Saundarya e-zine's Volume - 01 ( 2013 - 2014 )
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Founder - Editor ( संस्थापक - संपादक ) : Rishabh Shukla ऋषभ शुक्ला
Managing Editor (कार्यकारी संपादक) : Suman Tripathi (सुमन त्रिपाठी)
Chief Writer (मुख्य लेखिका ) : Swapnil Shukla (स्वप्निल शुक्ला)
Art Director ( कला निदेशक) : Amit Chauhan (अमित चौहान)
Marketing Head ( मार्केटिंग प्रमुख ) : Vipul Bajpai (विपुल बाजपई)
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'स्वप्निल सौंदर्य - ई ज़ीन ' में पूर्णतया मौलिक, अप्रकाशित लेखों को ही कॉपीराइट बेस पर स्वीकार किया जाता है . किसी भी बेनाम लेख/ योगदान पर हमारी कोई ज़िम्मेदारी नहीं होगी . जब तक कि खासतौर से कोई निर्देश न दिया गया हो , सभी फोटोग्राफ्स व चित्र केवल रेखांकित उद्देश्य से ही इस्तेमाल किए जाते हैं . लेख में दिए गए विचार लेखक के अपने हैं , उस पर संपादक की सहमति हो , यह आवश्यक नहीं है. हालांकि संपादक प्रकाशित विवरण को पूरी तरह से जाँच- परख कर ही प्रकाशित करते हैं, फिर भी उसकी शत- प्रतिशत की ज़िम्मेदारी उनकी नहीं है . प्रोड्क्टस , प्रोडक्ट्स से संबंधित जानकारियाँ, फोटोग्राफ्स, चित्र , इलस्ट्रेशन आदि के लिए ' स्वप्निल सौंदर्य - ई ज़ीन ' को ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता .
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चेतावनी : 'स्वप्निल सौंदर्य - ई ज़ीन ' में घरेलु नुस्खे, सौंदर्य निखार के लिए टिप्स एवं विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों के संबंध में तथ्यपूर्ण जानकारी देने की हमने पूरी सावधानी बरती है . फिर भी पाठकों को चेतावनी दी जाती है कि अपने वैद्य या चिकित्सक आदि की सलाह से औषधि लें , क्योंकि बच्चों , बड़ों और कमज़ोर व्यक्तियों की शारीरिक शक्ति अलग अलग होती है , जिससे दवा की मात्रा क्षमता के अनुसार निर्धारित करना जरुरी है.
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संपादकीय
प्रिय पाठकों .......
आप सभी को नमस्ते !
स्वप्निल सौंदर्य ई- ज़ीन का प्रथम वर्ष आप सभी के प्रेम व आशीर्वाद के कारण सफलतापूर्वक संपूर्ण हुआ ...... अब हम द्वितीय वर्ष की ओर कदम बढ़ा रहे हैं..... स्वप्निल सौंदर्य ई- ज़ीन अब एक नए रंग -रुप में पुन: आप सभी के समक्ष प्रस्तुत है .. एक नए फ्लेवर के साथ ...... वैसे तो हमारी ई- ज़ीन के द्वितीय वर्ष के प्रथम अंक को जून माह तक अपडेट करना था पर कुछ तकनीकी खराबी के चलते यह संभव न हो पाया .....उसके लिए अपने पाठकों से हम क्षमा माँगते हैं .... पर ज़ाहिर सी बात है कि इस गलती के लिए सिर्फ क्षमा माँगने से काम नहीं चलेगा .. अत: अपने पाठकों के लिए स्वप्निल सौंदर्य ई- ज़ीन के साथ हम ' सफ़केशन ' नामक एक बेहतरीन लघु कहानियों का संग्रह लेकर आए हैं जो कि आप सभी के लिए एक फुहार की भाँति होगा..... हम 'स्वप्निल सौंदर्य ई- ज़ीन' के साथ ' सफ़केशन ' नामक ई- बुक को आप सभी के समक्ष पेश कर रहे हैं जिसके अंतर्गत हम लेकर आएं हैं 05 ऐसी कहानियाँ जो आपका ज़िंदगी के प्रति नज़रिया बदल कर रख देंगी .... आपको ज़िंदगी के असल मायनों पर विचार करने के लिए पुन: बाध्य कर देंगी, ये 05 कहानियाँ ..............
'स्वप्निल सौंदर्य ई- ज़ीन' के प्रथम वर्ष के अंतिम अंक के बाद भी हमें पाठकों के पत्र प्राप्त होते रहें ..जिसमें उन्होंने ढेर सारी कहानियाँ , अनुभव , कनफेशन्स , कविताओं , लेखों द्वारा हम पर अपने प्रेम की वर्षा की... हम उन सभी पाठकों का हृ्दय से धन्यवाद करते हैं और आपके द्बारा भेजी गई कुछ खास कहानियों को संगठित कर ये ई- बुक के द्वारा इन्हें जन - जन तक पहुँचा रहें हैं .....
जिन कहानियों को हम प्रकाशित नहीं कर रहे हैं, उसके पीछे का कारण ये कतई नहीं कि वे कहानियाँ श्रेष्ठ नहीं अपितु सिर्फ ' स्वप्निल सौंदर्य ई- ज़ीन' की विषय - वस्तु के अनुरुप नहीं हैं.... अत: अप्रकाशित कहानियों को हम वापस भेज रहें हैं ताकि आप उनका अन्यत्र प्रयोग कर लें........ प्रकाशित कहानियों में देश के कोने - कोने से लेखकों व लेखिकाओं ने अपने अनमोल अनुभवों का समावेश किया है जो बेहद सराहनीय व अनुकरणीय है.......ये कहानियाँ हमें ज़िंदगी की सच्चाई से अवगत कराती हैं.... जहाँ एक ओर ये कहानियाँ हमें भावविभोर करती हैं...... ज़िंदगी में किशोरावस्था से लेकर् यौवन और यौवन से लेकर वृ्द्धावस्था तक के सफर के दौरान की कठिनाइयों से डट कर सामना करने की क्षमता देती हैं..... तो कुछ कहानियाँ , हमे सोचने पर विवश करती हैं कि कैसे कुछ लोग अपनी ही गलतियों के बोझ तले दब कर अपनी ही ज़िंदगी को अपने कर्मों और गलत निर्णयों द्वारा नर्क बना लेते हैं.... नि: संदेह कहानी मन- मस्तिष्क में घुटन पैदा करती हैं पर प्रत्येक कहानी का अंत ही उस घुटन से हमें मुक्त कराता है और ज़िंदगी की कड़्वी व कठोर सच्चाईयों से हमारा साक्षात्कार कराता है .
कहा जाता है कि ये ज़िंदगी एक अजीब खिलौना है ....हाथ आए तो मिट्टी और खो जाए तो सोना है .......... कहानियों में एक ओर बालपन का बचपना , मासूमियत की झलक तो वही मासूमियत कब और कैसे हैवानियत में तब्दील हो जाती है , जानने को मिलेगा ....कुछ कहानियाँ रुह में कँपन पैदा करती हैं तो कुछ हँसाती हैं.....कुछ घुटाती हैं और ज़िंदगी का सार भी बताती है. ख़्वाहिशें .....बंदिशें , आवारापन , पागलपन, जुनून , हवस .....की दास्तान अपने में समेटे कुछ कहानियाँ ..... हर पल घुटती , मात खाती ज़िंदगी ..... घुटन भरी ... हृ्दय को कचोटती हुई चंद कहानियाँ .............
और साथ स्वप्निल सौंदर्य ई- ज़ीन का द्वितीय अंक प्रस्तुत है फैशन , लाइफस्टाइल, इंटीरियर्स, घरेलु नुस्खे़, कला, साहित्य, सौंदर्य आदि से लैस उन तमाम जानकारियों के साथ जो बनायेगीं आप सभी की ज़िंदगी को उनके सपनों की दुनिया .
आशा है कि स्वप्निल सौंदर्य ई- ज़ीन के इस नूतन सफर में आप सभी का साथ मिलेगा और आपके प्रेम , टिप्पणियों व सलाहों द्वारा हर पल हमें और बेहतर कार्य करने की प्रेरणा मिलती रहेगी ..... अंत में आप सभी से निवेदन है कि जुड़े रहिये ' स्वप्निल सौंदर्य ई- ज़ीन ' के साथ ........
और ...............
बनाइये अपनी ज़िंदगी को अपने सपनों की दुनिया .
स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन के द्वितीय वर्ष के प्रथम अंक ( जून- जुलाई 2014 ) में हम जिन विभिन्न पहलुओं व जानकारियों को सम्मिलित कर रहे हैं वे निम्नवत हैं :
सौंदर्य - असरदार व लाभकारी फ़ेस पैक
साहित्य - कौन है वो......
पकवान - आलू का हलवा
फैशन व लाइफ्स्टाइल - फ़ैशन एसेंशियल्स
रत्न और आप - मेलाकाइट् द्वारा नकारात्मक विचारों पर लगायें पूर्णविराम .
इंटीरियर्स - स्टाइलाइज़ योर होम विद सॉफ़्ट फ़र्निशिंग्स ......... ( 1 )
नानी माँ की बातें
निवेश : फिक्स्ड डिपॉज़िट (एफ . डी) - निवेश का बेहतरीन विकल्प .
शुभकामनाओं सहित ,
आपका ,
ऋषभ
www.rishabhrs.hpage.com
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सौंदर्य :
असरदार व लाभकारी फ़ेस पैक
- यदि आप की स्किन आयली है तो आप को कभी- कभार चेहरे पर छाछ लगाना चाहिये . यह चेहरे का अतिरिक्त तेल सोख लेता है और आप के चेहरे को बनाता है आयल फ्री. इसके अलावा आयली स्किन वालों को टमाटर काटकर चेहरे पर रब करना चाहिये और सूखने के बाद धो लें , शीघ्र ही बेहतर परिणाम दृ्ष्टिगोचर होंगे.
- यदि आप की स्किन ड्राई है तो आप नींबू काटकर पूरे चेहरे पर लगाएं . 1 मिनट बाद ठंडे पानी से इसे धो लें . इससे त्वचा तुरंत फ्रेश नज़र आने लगती है परंतु यदि त्वचा में जलन हो तो समझ जाइए कि आपको इसकी एलर्जी है.
- यदि आप की स्किन मिश्रित टाइप की है तो एक टेबलस्पून दही लें. उसमें एक टेबलस्पून ताज़ा स्ट्रॉबेरी का रस मिलाएं . इस लेप को चेहरे पर 20 मिनट तक लगा रहने दें फिर चेहरा धो लें . बेहतर परिणाम दृ्ष्टिगोचर होंगे.
- संवेदनशील त्वचा वाले लोगों को गाजर को कद्दूकस करके मट्ठे या फिर जैतून के तेल के साथ मिलाकर प्रयोग में लाएं .
- सामान्य त्वचा वालों को सेब के छिलके का प्रयोग क्लींज़र के रुप में करना चाहिये . इससे त्वचा में कसाव आता है और त्वचा चमक उठती है.
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साहित्य :
कौन है वो........
आती है वो आती है , चुपचाप चली आती है
वो है सुंदरी या अप्सरा , कोई भी नहीं है उसकी तरह .
आँखों में काजल , होंठों में लाली ,
सफेग चूनर , पायल घुंघरु वाली,
इठलाती बलखाती बिना बताए, वो आती है
किसी न किसी को अपने साथ , वो लेकर ही जाती है.
आती है जब वो, रुला जाती है सबको .
कभी- कभी रुप उसका इतना भयावह हो जाता है,
पशु -पक्षी के साथ-साथ मानव भी थर्राता है.
रंग बहुत , रुप अनेक , हावी हो जाए जिस पर ,
बच न पाए वो पल भी एक.
बहुत से लोगों की चाहत है वो ,
बहुतों की नफरत है वो,
बहादुर इसे गले लगाते ,
कायर इससे दूर हैं भागते .
सुंदर वो है बहुत , पर नाम है अजीब,
'मौत' है नाम उसका रहती है सब के करीब.
- स्वप्निल शुक्ला
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पकवान :
शुद्ध सात्विक आहार से तन ही नहीं मन भी शुद्ध हो जाता है . इसी कारण व्रत - उपवास में हमारे भारतीय परिवेश में सात्विक आहार को खास मह्त्त्व दिया जाता है . तो इसी कड़ी में प्रस्तुत है उपवास के व्यंजन के अंतर्गत ' आलू का हलवा ' .
आलू का हलवा
सामग्री :
* 250 ग्राम उबले आलू
* 50 ग्राम घी
* 250 ग्राम शक्कर
* 100 मिली दूध
* 1/4 टीस्पून इलायची पाउडर
* सजावट के लिए पिस्ता
विधि :
उबले हुए आलू को कद्दूकस कर लें.एक कड़ाही में घी गरम करें और आलू को धीमी आंच पर हल्का गुलाबी होने तक भूनें. दूध , शक्कर और इलायची पाउडर डालकर 10-15 मिनट तक धीमी आँच पर चलाते हुए पकाएं . पिस्ता से सजाकर सर्व करें.
- सुमन त्रिपाठी
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फै़शन व लाइफस्टाइल :
फैशन एसेंशियल्स
17 फैशन एसेंशियल्स जो आपको फैशन की दौड़ में हरदम रखेंगे हरदम सबसे आगे .
1- स्टाइलिश हैंड बैग्स
2- 2-3 ब्लैक ड्रेसेस
3- स्टोल्स एंड स्कार्फ
4- स्मार्ट वॉच
5- सन्ग्लासेस
6- परफ़्यूम्स - डियोज़
7- लिप ग्लॉस/ लिप बाम
8- स्मार्ट क्लच
9- वेट एंड ड्राई टिस्यू वाइप्स
10- ट्रेंडी एक्सेसरीज़
11- पेंसिल हील सैंड्ल्स
12- फ्लैट चप्पल्स
13- कलर्ड कॉन्टेक्ट लेंसेस
14- हेयर ब्रश
15- ब्लैक लेगिंग्स
16- मेकअप किट
17- क्लींज़र, टोनर, सनस्क्रीन एंड मॉइश्चराइज़र
- स्वप्निल शुक्ला
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रत्न और आप
मेलाकाइट् द्वारा नकारात्मक विचारों पर लगायें पूर्णविराम .
आमतौर पर लोग हीरा, नीलम, माणिक्य , पुखराज , पन्ना, मूँगा , मोती, लहसुनिया और गोमेद को ही रत्न के रुप में जानते मानते हैं. लेकिन यह धारणा सही नहीं है . दरअसल प्राचीनकाल से आज तक इन नौ रत्नों की ही अधिक चर्चा होती रही है , इसलिए अन्य रत्नों के प्रति लोगों की उपरोक्त
धारणा बनी. इसी संदर्भ में आइये जानते हैं ऐसे ही एक उपरत्न के बारे में जिसका नाम है - मेलाकाइट्.
आज की भाग- दौड़ व प्रतिस्पर्धा से भरी ज़िंदगी में विभिन्न परेशानियाँ , ख्वाहमख्वाह आत्मग्लानि महसूस होने पर या ऐसे विचलित कर देने वाले ख्यालों से स्वयं को मुक्त करने का बेजोड़ स्टोन है मेलाकाइट . सेहत सुधारनी हो या मिजाज़ की बारीकियों से रुबरु होना हो, मेलाकाइट स्टोन ऐसे कई मकसद पूरे करता है. इसके कई और फायदे भी हैं.
मेलाकाइट - नाम बेशक नया, अनसुना है लेकिन इससे दोस्ती और रिश्तों में मजबूती आती है. मेलाकाइट् को दहाना फरहग भी कहते हैं . यह प्राय: हरे रंग का होता है . इसे काटने पर इसमें गोल- गोल शैल के समान आकार दिखता है. इसके क्रिस्टल बहुत छोटे होते हैं और बड़े पत्थर बहुत कम पाए जाते हैं . यह रेशायुक्त , खुरदरा तथा अपारदर्शक पत्थर है. चमकाने पर यह रेशमी सा दिखता है. यह बहुत नाजुक होता है , इसलिए इसे गर्मी तथा गर्म पानी से दूर रखना चाहिये .
हरा रंग इसमें मौजूद कॉपर या ताँबा अंश से हैं. आमतौर पर मैलापन लिए गहरा हरा रंग , कभी - कभार लहरदार अपारदर्शक भी. इसे 'किडनी स्टोन' भी कहते हैं. नाम से ही जाहिर होता है कि किडनी या गुर्दे की तकलीफ में खासा मददगार है . एस्ट्रोलॉजी के मुताबिक यह केप्रिकॉन यानी मकर और स्कॉर्पियो यानी वृ्शिचक राशि का रत्न है.
ज़िंदगी की कई बेतुकी बातों को आप - हम बेवजह बोझ की तरह ढोते रहते हैं. मेलाकाइट पहनने भर से ऐसी तमाम बातों से ख्याल हटता है और नकारात्मक विचारों का अंत होता है . मेलाकाइट के बदौलत बदलाव के हर दौर में आप आरामदायक महसूस करते जाते हैं और तो और , इससे स्प्रिचुअल उभार हासिल होता है. यह बेहतरीन स्टोन है नकारात्मक अनुभव को पहचानने और रिलीज करने के लिए.
मेलाकाइट् दोस्ती और प्यार में ईमानदारी - वफादारी का सूचक है. यह अन्य रत्न ' जेड' का सहयोगी रत्न है . माना जाता है कि यह दोस्तों को वफादार बनाता है. इससे निष्ठा, उदारता और व्यावहारिकता बरकरार रहती है.
मेलाकाइट् के छोटे - मोटे भंडार तो सारी दुनिया में हैं. फिर भी तांबा खनन के इलाकों में यह भारी मात्रा में मिलता है . जायरे , अमेरिका , दक्षिण अफ्रीका, आस्ट्रेलिया आदि इसके बड़े उत्पादक देश हैं.
कहा जाता है कि मेलाकाइट् एविएशन अर्थात वायुयान से जुड़े करियर को पँख लगाता है, सुरक्षित बनाता है . साथ ही साथ यह व्यक्ति विशेष में जागरुकता लाता है और इसकी मदद से तरक्की के रास्ते के रोड़े खुद - ब - खुद हटने लगते हैं और लक्ष्य की प्राप्ति होती है.
प्राचीन सभ्यताओं में , मेलाकाइट् को खतरों और बीमारियों में बचाव के लिए पहनते थे. जेम्स थेरेपी के अंतर्गत अस्थमा . अर्थेराइटिस , जोड़ों की सूजन, फेफड़े, नर्वस सिस्टम , ट्यूमर , माँसपेशियाँ फटने जैसी तकलीफों में मेलाकाइट् लाभदायक सिद्ध होता है. इसलिए इसे एथलीट के खिलाड़ियों का आदर्श रत्न माना जाता है.
- स्वप्निल शुक्ला
ज्वेलरी डिज़ाइनर
फ़ैशन कंसलटेंट
( swapniljewels.blogspot.com )
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इंटीरियर्स
स्टाइलाइज़ योर होम विद सॉफ़्ट फ़र्निशिंग्स ......... ( 1 )
घर के लिए लिनेन , कर्टन या बेड कवर लेते समय ना सिर्फ घर के फर्नीचर को ध्यान में रखना जरुरी है बल्कि प्रेजेंट ट्रेंड्स के बारे में अपडेट होना भी अति आवश्यक है . इस संदर्भ में आइये जानते हैं कि सॉफ़्ट फ़र्निशिंग्स के द्वारा आप कैसे दे सकते हैं अपने घर को एक बेहतरीन लुक .
बेड शीट या बेड कवर का खूबसूरत होने के साथ कंफर्टेबल होना बेहद आवश्यक है .इसलिए बेड्शीट की डिज़ाइन के साथ फैब्रिक का भी ध्यान रखना चाहिये. बेडशीट्स में एनिमल प्रिंट इन हैं. जेबरा , जिराफ और लेपर्ड प्रिंट के साथ लाउड कलर की बेडशीट लाउड होम डेकोर के लिए चूज़ करना प्रिफर करें.
ज्योमेट्रिकल डिज़ाइन्स भी इन हैं . ये बेडरुम को नीट व क्लीन लुक देती हैं. फ्लोरल प्रिंट , पोलका डॉट्स के बेड कवर्स डेकोर को फ्लैशी लुक देते हैं . विंटर्स में वार्म फ्लोरल प्रिंट सूदिंग लगते हैं. ये किड्स रुम के लिए बेस्ट च्वाइस हैं. हैंड इम्ब्रॉइडरी वाले बेड कवर भी होम डेकोर को लक्जूरियस लुक देते हैं .
लक्जूरियस लुक के लिए इम्ब्रॉइडरी वाले सिल्क बेड्कवर बेहतर विकल्प को सकते हैं . प्योर सिल्क का बेडकवर काफी एक्सपेंसिव होता है . सिल्क - कॉटन के बेड कवर्स भी आजकल काफी ट्रेंडी हैं . इस फैब्रिक के साथ इम्ब्रॉइडरी ज्यादा अच्छी लगती है.
इसके अलावा साटिन के बेड कवर भी बेहतर विकल्प हैं . ये काफी सॉफ़्ट होते हैं और इन्हें मेंटेंन करना भी आसान होता है. साटिन के बेडकवर्स में पर्पल , पिंक और ब्लैक कलर्स अच्छे लगते हैं.
( लेख जारी है ................... )
- ऋषभ शुक्ल
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नानी माँ की बातें :
- यदि आप अनिद्रा की परेशानी से ग्रस्त हैं तो रात को सोने से पूर्व कोई भी मीठी चीज़ खाने से अच्छी नींद आती है. इसके अलावा जायफल को घी में घिसकर पलकों पर लगाने से शीघ्र ही नींद आ जाती है.
- जिन लोगों को माइग्रेन का दर्द सताता है , उन्हें दही, चावल और मिश्री मिलाकर सूर्योदय से पहले खाने से सूर्योदय के साथ घटने बढ़ने वाले दर्द में आराम मिलता है. इसके आलवा दिन में दो बार दही और चावल का सेवन करने से लाभ होता है.
- यदि आप अक्सर आँखों के लाल हो जाने की परेशानी से ग्रस्त हैं तो आँखों में गुलाबजल डालें या आंवले के पानी से आँखें घोएं ... शीघ्र ही लाभ मिलेगा.
- यदि आप की आँखों से अक्सर पानी गिरता है तो रात को गर्म पानी में 1 चुटकी नमक डालकर पीएं .
- कान में कीड़ा चले जाने पर कोई नुकीली चीज़ या तिनका न डालें . सरसों का तेल थोड़ा गर्म करके डालें, इससे कीड़ा मरकर तेल के साथ बाहर आ जाएगा.
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निवेश :
फिक्स्ड डिपॉज़िट (एफ . डी) - निवेश का बेहतरीन विकल्प .
यदि आप अपना पैसा कहीं निवेश करना चाहते हैं और अपने पैसों का बेहतर रिटर्न भी चाहते हैं , तो फिक्स्ड डिपॉज़िट (एफ . डी) एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है. आइए, फिक्स्ड डिपॉज़िट (एफ . डी) के बारे में विस्तार से जानें .
फिक्स्ड डिपॉज़िट (एफ . डी) निवेश का एक ऐसा विकल्प है, जिसमें निवेशक एक निश्चित अवधि के लिये निश्चित रकम निवेश करता है और उस पर उसे निर्धारित रिटर्न { वापसी } मिलता है. यह ऐसे है, जैसे आपने अपना पैसा बैंक को लोन दे दिया और उसके बदले में बैंक आपको ब्याज देता है.
फिक्स्ड डिपॉज़िट के कई फायदे हैं जैसे एफ . डी पर बाज़ार के उतार - चढा़व का कोई असर नहीं होता. जिस ब्याज दर पर आपने फिक्स्ड डिपॉज़िट (एफ . डी) कराया है , आपको उसी दर से रिटर्न मिलना तय है. फिक्स्ड डिपॉज़िट (एफ . डी) पूरी तरह से सुरक्षित है, चाहे एफ . डी नेशनलाइज़्ड बैंक में हो , प्राइवेट बैंक में या फिर विदेशी बैंक में . अगर बैंक दिवालिया भी हो जाता है तो एक लाख रुपए तक का अमांउट आपको मिल जाएगा. डिपॉज़िट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन इस पैसे की गारंटी देता है.
फिक्स्ड डिपॉज़िट (एफ . डी) में जमा रकम का 75-90 फीसदी हिस्सा लोन में लिया जा सकता है . फिक्स्ड डिपॉज़िट में सामान्य लोगों के मुकाबले बुजुर्गों को ऊँची दर मिलती है .
इसके अलावा निवेश में कई ऐसे विकल्प हैं , जिनमें मेंटेनेंस का खर्च होता है , लेकिन फिक्स्ड डिपॉज़िट (एफ . डी) में मेंटेनेंस का कोई खर्च नहीं होता .
वैसे फिक्स्ड डिपॉज़िट (एफ . डी) के कुछ नुकसान भी हैं. फिक्स्ड डिपॉज़िट (एफ . डी) का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि म्युचुअल फंड , शेयर बाज़ार आदि के मुकाबले इसमें कम रिटर्न मिलता है .
फिक्स्ड डिपॉज़िट से होने वाली ब्याज की आय को इनकम में जोड़ा जाता है और उस पर टैक्स लगता है.
जहाँ तक बात है फिक्स्ड डिपॉज़िट के रिटर्न की तो एक .डी पर मिलने वाला ब्याज इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस बैंक में फिक्स्ड डिपॉज़िट (एफ . डी) करा रहे हैं और कितनी अवधि के लिये करा रहे हैं. लंबी अवधि के लिये फिक्स्ड डिपॉज़िट कराने पर ज्यादा ब्याज मिलता है . फिक्स्ड डिपॉज़िट से रेग्युलर इनकम नहीं मिलती , बल्कि मेच्यौरिटी पर अमाउंट मिल जाता है . आमतौर पर बैंक अवधि के हिसाब से 4 से 11 फीसदी तक ब्याज एफ.डी पर देते हैं.
आइए अब फिक्स्ड डिपॉज़िट से जुड़ी कुछ अन्य महत्तवपूर्ण बातों पर चर्चा करते हैं .
फिक्स्ड डिपॉज़िट (एफ . डी) 15 दिन से लेकर 10 साल तक की अवधि के लिये कराई जा सकती है . आप कितने दिनों के लिये फिक्स्ड डिपॉज़िट कराते हैं, यह आप पर निर्भर करता है . मेच्यौरिटी से पहले रकम निकाल सकते हैं , लेकिन ऐसे में बैंक आपसे पेनाल्टी चार्ज करेगा.
फिक्स्ड डिपॉज़िट (एफ . डी) में कम से कम 1000 रुपए और अधिकतम रकम की कोई सीमा नहीं होती है.
फिक्स्ड डिपॉज़िट बैंकों के अलावा कंपनियों में भी किया जा सकता है . कुछ लोग कंपनी एफ. डी में अपना पैसा लगाना चाहते हैं, क्योंकि बैंकों के मुकाबले इनमें रिटर्न ज्यादा मिलता है . लेकिन इनके साथ दिक्कत यह है कि इनमें जमा रकम की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं . अगर कंपनी दिवालिया हो जाती है , तो पैसे डूब जाने का खतरा बना रहता है. अगर आप में जोखिम लेने की क्षमता है , तो आप कंपनी फिक्स्ड डिपॉज़िट में निवेश कर सकते हैं, लेकिन ऐसा करने से पहले आप इन बातों पर गौर अवश्य करें -
* एक ही कंपनी में निवेश करने के बजाय अलग- अलग इंडस्ट्रीज़ से जुड़ी अलग - अलग कंपनियों में निवेश करें. अपने कुल निवेश का 10 फ़ीसदी से ज्यादा एक कंपनी में निवेश न करें.
* एक से तीन साल की अवधि के लिये पैसा इन्वेस्ट करें.
* फिक्स्ड डिपॉज़िट (एफ . डी) मेच्यौर हो जाने के बाद कंपनी की ग्रोथ का आकलन करें और फिर यह तय करें कि आपको रकम उसी कंपनी में दोबारा लगानी है या पैसे को कहीं और इन्वेस्ट करना है . फिक्स्ड डिपॉज़िट कराने से पहले कंपनी के शेयर की कीमत , वार्षिक रिपोर्ट आदि के अलावा कंपनी से जुड़ी खबरों की जाँच - पड़्ताल कर लें.
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पिछले अंक
स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन के पिछले अंक पढ़ने के लिए निम्नलिखित लिंक्स पर क्लिक करें .
Swapnil Saundarya ezine Vol- 01, Issue- 01, June - July 2013
http://swapnilsaundaryaezine.blogspot.in/2013/06/blog-post.html
Swapnil Saundarya ezine Vol- 01, Issue- 02, August - Sept 2013
http://swapnilsaundaryaezine.blogspot.in/2013/08/blog-post_8.html
Swapnil Saundarya ezine Vol- 01, Issue- 03 , Nov- Dec 2013
http://swapnilsaundaryaezine.blogspot.in/2013/11/vol-01-issue-03-nov-dec-2013.html
Swapnil Saundarya ezine Vol- 01, Issue- 04 , Jan- Feb 2014
http://swapnilsaundaryaezine.blogspot.in/2014/01/vol-01-issue-04-jan-feb-2014.html
Swapnil Saundarya ezine Vol- 01, Issue- 05 , Mar- April 2014
http://swapnilsaundaryaezine.blogspot.in/2014/03/vol-01-issue-5-march-april-2014-1st-part.html
http://swapnilsaundaryaezine.blogspot.in/2014/03/vol-01-issue-5-march-april-2014-2nd-part.html
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स्वप्निल सौंदर्य लेबल
Swapnil Saundaya Label
The philosophy of a lifestyle permeates everything you do , its the way you live , to what you wear to how you wrap your gifts . Its the amalgamation of living in the best way one possibly can.
'Swapnil Saundarya Label' is a collaborative effort between Rishabh Shukla ( Rishabh Interiors & Arts ) and Swapnil Shukla ( Swapnil Jewels & Arts ) . We feel that life is all about good living . That is why our label has unique products at great value . Swapnil Saundarya Label is great at having unusual aesthetic design sensibility which is reflected in our products ranging from Jewellery , Clothes , Accessories, Furnishings, Furniture, Interior Products , Knick Knacks, Paintings , Paraphernalias to Lifestyle Books .
Swapnil Saundarya Label is a place that offers a complete lifestyle solution.
At Swapnil Saundarya Label, we design and create beautiful lifestyle products that delights people and enables them to express their love and appreciation .
The lifestyle products designed and developed at Swapnil Saundarya Label are not only captivating but a true expression of your style .
Vision : To emerge as the most trusted, admired and sought-after world class design brand and to be the most preferred destination for every customer and art lover and place of pride for its employees.
Mission : To promote custom-made designer products and offer our clients such fine products which make their world a masterpiece .
We look forward to welcoming you to Swapnil Saundarya Label for an exquisite creation to be treasured forever !
Do visit us and Make your Life just like your Dream World .
Website :
www.swapnilsaundarya.hpage.com
Swapnil Saundarya e-Store :
www.swapnilsaundaryaestore.blogspot.com
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स्वप्निल सौंदर्य 'प्रकाशन '
Swapnil Saundarya Publication
Supreme Home Therapy :
'Supreme Home Therapy' - A quarterly online magazine that provides Interior Design solution for your residential and commercial spaces and encourages its readership to create a better ambience around them . Supreme Home Therapy includes regular columns on historical architecture, art , design formulae, antiques, green design, renovation Time, Interior Design Outlines, Vastu and Feng shui, Residential Spaces and 9 to 5 spaces.
Supreme Home Therapy publishes four times a year, at three-month intervals . It is called Supreme Home Therapy because our goal behind this magazine is to cure physical, mental, or behavioral problems of our cleints by providing them a comfortable and stress free surroundings , sophisticated lifestyle , functionally improved and aesthetically enriched spaces. We believe that.... If we can't organise our living spaces then we can't organise our life . So, be a part of our Supreme Home Therapy and create a beautiful and healthy ambience of your own. Stay tuned with Supreme Home Therapy.
Supreme Home Therapy is available here :
Issuu : http://issuu.com/supremehometherapy
Blogger : www.supremehometherapy.blogspot.com
Website : www.supremehometherapy.hpage.com
"Suffocation " ............
05 Suffocating stories that will bound you to re-think about the reality of Life ......
( In Hindi .............. )
Read ' Suffocation - The e- book only on :
http://issuu.com/swapnilsaundaryaezine/docs/suffocation_by_swapnil_saundarya_ez
And
http://swapnilsaundaryaezine.blogspot.in/2014/09/suffocation.html
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आपके पत्र
आपके पत्र ..... आपका नज़रिया :
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