Diary of Parag | Part~ 05 | Swapnil Saundarya
SWAPNIL SAUNDARYA e-zine
Vol- 10, Year - 2022
Presents
Diary of Parag Rastogi
Part~ 05
'पराग की डायरी-05'
•Poetry from his Soul for your Soul•
Published by
Aten Publishing House
'The Bold Brigade’, a collective to celebrate the Inclusive Power of Arts.
खुद को इस क़दर मसरूफ किये बैठे हैं,
वो खुद को खुद से ही दूर किये बैठे हैं,
आँखें खोलिये अगर वाक़िफ़ रौशनी से होना है,
क्यों अँधेरे के डर से आँखें बंद किये बैठे हैं.
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कुछ देर और खेल लेते इस दिल से....
खेल झूठा सही लेकिन मज़ा बहुत था....
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न पूछो किस क़दर टूटे हुए हैं,
ऐ ज़िन्दगी तुझे फिर भी समेटे हुए हैं,
पाँव चादर से न निकल जाए बहार कहीं,
इसी डर से एक मुद्दत से सोये नहीं हैं,
ग़मों की आंच को अश्कों से ही बुझा देते मगर,
इतने ग़मज़दा हैं फिर भी आज तक रोये नहीं हैं ....
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इन रातों को और सर्द हो जाने दीजिये,
ओढ़कर मुझको सर से पाँव तक,
जिस्म को मेरे लिहाफ हो जाने दीजिये ...
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नशे में होते तो शायद यकीन कर लेते,
बेरंग ज़िन्दगी को थोड़ा सा रंगीन कर लेते,
इतनी जल्दी में दिया तूने फरेब-ऐ-इश्क़,
मौका मिलता तो थोड़ी छान बीन कर लेते ...
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बेदारी (सावधानी) अपनों से जरुरी है जनाब,
दुश्मन तो फिर दुश्मनी निभाते हैं,
बहुत तकलीफ होती है जब लोग अपनों से ठगे जाते हैं ...
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कुछ अधूरी ख्वाइशों को फिर से जलाया जाए,
बहुत सर्द हैं रातें थोड़ा गर्म हो जाया जाए...
जिसके तसव्वुर में इतनी कशिश है,
किसी रोज़ तो उसको सामने लाया जाए,
बहुत सर्द हैं रातें थोड़ा गर्म हो जाया जाए...
नशे की चाह में पैमाना उठा कर गुनाह कर बैठे,
वो जो छू कर भी गुज़र जाए तो नशा छा जाए,
बहुत सर्द हैं रातें थोड़ा गर्म हो जाया जाए...
मिले जो रोज़ तो फिर उसकी क़द्र कहाँ,
तलब लबरेज़ जो हो जाए तो मज़ा आ जाए,
बहुत सर्द हैं रातें थोड़ा गर्म हो जाया जाए ......
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पराग रस्तोगी (Parag Rastogi) की शायरियों व कविताओं में ज़िंदगी का भोगा हुआ यथार्थ है| प्रेम रस से लैस इनके लेखन को सुख-दुःख, आशा-निराशा, वफ़ा-बेवफाई जैसे विरोधाभासी तत्वों का बेमिसाल संगम कहना अतिशयोक्ति न होगा| बकौल पराग (Parag Rastogi),"ज़िंदगी का संघर्ष ही मेरी धरोहर है, और लेखन मेरे लिये कोई चर्चा का विषय नहीं बल्कि अनुभूतियां हैं, जो मेरी रुह में बसता है|"
उर्दू भाषा के प्रति विशेष लगाव व् हिंदी लेखन में प्रवीण पराग एक उद्यमी हैं व वाणिज्य में डिग्री होल्डर हैं|
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