Closing ceremony of ' Be Bold For Equality' & start of a new campaign ‘D’ FOR DIGNITY | 16 Days of Activism by Swapnil Saundarya

  


SWAPNIL  SAUNDARYA e-zine  

(Vol- 08, Year – 2020, SPECIAL  ISSUE)

16 Days of Activism….16 Weeks and a campaign to strengthen SDG 16 and 08

‘D’ FOR DIGNITY

by

Swapnil Saundarya Decade of action for SDGs

Published by:

‘The Bold Brigade’, a collective to celebrate the Inclusive Power of Arts.

स्वप्निल सौंदर्य के 5 माह अभियान के अंजाम के साथ ‘डी फॉर डिग्निटी’ का हुआ आगाज़ |

लखनऊ: सतत विकास लक्ष्य 5 ( Sustainable Development Goal-5) लैंगिक समानता (Gender Equality) को मजबूती प्रदान करने व् जेंडर संवेदनशीलता की दिशा में कदम बढ़ाते हुए भारत की हस्तनिर्मित व ग्रीन प्रोडक्ट्स निर्माता फर्म स्वप्निल सौंदर्य लेबल (Swapnil Saundarya Label) द्वारा दिनांक 20 जून 2020 से चलाये जा रहे 05 माह के डिजिटल अभियान ‘बी बोल्ड फॉर इक्वलिटी: नो फ़र्क़ नो फियर’ (Be Bold For Equality: No Farq, No Fear) का समापन ‘अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस’ 25 नवंबर को किया गया।

‘स्वप्निल सौंदर्य डेकेड ऑफ़ एक्शन फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स’ ( Swapnil Saundarya Decade of Action for SDGs) नामक दस वर्षीय अभियान के तहत 5 माह तक चलने वाले इस उप अभियान के अंतर्गत ऐसे उत्पादों के निर्माण व अभिकल्पों को प्रोत्साहन दिया गया जो इक्वलिटी अर्थात समानता के सन्देश को जन-जन तक पहुँचाने में मददगार साबित हों | इसके साथ ही विभिन्न विचार गोष्ठियों के माध्यम से इस सामाजिक कुधारणा की जड़ों को टटोल कर उन्हें उखाड़ फेंकने की रणनीति पर मंथन करते हुए युवाओं ने अपने विचार साझा किये |

लेखक-चित्रकार व् अभियान के संयोजक ऋषभ शुक्ला (Writer- Visual Artist) ने बताया कि लैंगिक समानता संविधान के मूल तत्वों में है और उसी भावना के अनुसार समय-समय पर शिक्षा, परिवार, समाज और कार्यस्थल में भेदभाव के विरूद्ध कानूनी प्रावधान किये गए| उदाहरण के लिये शिक्षा के अधिकार का लागू किया जाना, लड़कियों और महिलाओं के लिये विशेष स्वास्थ्य योजनाएं, विवाह और उत्तराधिकार के कानून, दहेज और गर्भपात के कानून, कार्यस्थल में उत्पीड़न और घरेलू हिंसा के खिलाफ कानून और सरकारी शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण ऐसी व्यवस्थाएं हैं जिनसे स्त्रियों को बेहतर जीवन दशाएं प्राप्त करने का हौसला मिला है| लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि लैंगिक असमानता की प्रवृत्ति से हमारा समाज आज भी अछूता नहीं| स्वयं महिलाएं भी अधिकांश मौकों पर यथास्थिति को चुनौती देने में हिचकती हैं और नतीजतन उसका शिकार बनती हैं| बच्चियों के जन्म, उनके पालन-पोषण, पढ़ाई और नौकरी हर स्तर पर यही मानसिकता हावी है| महिलाओं को पीछे रखने में यही सबसे बड़ी बाधा है| टॉक्सिक मस्क्युलिनिटी व् फेमिनिटी के कारण भी जेंडर इनक्वॉलिटी को बढ़ावा मिल रहा है जिस पर स्त्री व् पुरुषों को आत्म मन्थन की सख्त जरुरत है|

इस अभियान में युवाओं ने भारी मात्रा में विभिन्न माध्यमों द्वारा अपने विचार प्रस्तुत किये जिसमें प्रमुख रूप से शिक्षा, घरेलु कार्यों में लैंगिक समानता पर जोर दिया गया | स्त्री व् पुरुषों द्वारा इस्तेमाल किये जा रहे ‘जेंडर कार्ड्स’ पर भी लगाम कसने की आवश्यकता सामने आयी | साथ ही एलजीबीटी समुदाय के अधिकारों को भी सतत विकास लक्ष्यों में सशक्त रूप से शामिल करने की अपील की गई|

इसके अतिरिक्त, अभियान के अंतर्गत तैयार किये गए आई.ई.सी मैटेरियल्स को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा विभिन्न अभियानों के लिए इस्तेमाल और साझा किया गया |

डिज़ाइनर, सस्टेनेबिलिटी एक्टिविस्ट व् फर्म की मुखिया स्वप्निल शुक्ला (Designer-Sustainability Activist-Owner, Swapnil Shukla) ने लैंगिक समानता के असल मायनों पर प्रकाश डालते हुए कहा, “जेंडर समानता वह अवस्था है जब सभी मनुष्य अपने जैविक अंतरों के बावजूद सभी अवसरों, संसाधनों आदि के लिए आसान और समान पहुंच प्राप्त कर सकते हैं। उन्हें अपना भविष्य विकसित करने में समानता, आर्थिक भागीदारी में समानता, जीवन शैली के तरीके में समानता, उन्हें निर्णय लेने की स्वतंत्रता देने में समानता, उनके जीवन में लगभग हर चीज में समानता लाने की अनुमति दी जानी चाहिए।”

इस अभियान के अंत के साथ संयोजक ऋषभ शुक्ला ने ‘स्वप्निल सौंदर्य डेकेड ऑफ़ एक्शन फॉर एसडीजीस’ के नव उप अभियान ‘डी फॉर डिग्निटी’ की आधिकारिक घोषणा की| जेंडर आधारित हिंसा के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अभियान ’16 डेज ऑफ़ एक्टिविस्म’ (जिसे 25 नवंबर, महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस से 10 दिसंबर, मानवाधिकार दिवस तक मनाया जाता है) के साथ शुरू किये गए इस अभियान को 16 सप्ताहों तक चलाया जाएगा और इसका समापन 25 मार्च 2021 को होगा जिसमें मुख्य रूप से सतत् विकास लक्ष्य 16 अर्थात शांतिपूर्ण एवं समावेशी समाज को प्रोत्साहन, सब के लिए न्याय सुलभ कराना और सभी स्तरों पर असरदार, जवाबदेह और समावेशी संस्थाओं की रचना करना व् सतत् विकास लक्ष्य 8 अर्थात उत्कृष्ट कार्य और आर्थिक वृद्धि पर मीडिया एडवोकेसी, संवाद, ऑनलाइन चर्चा व् विभिन्न कलात्मक माध्यमों द्वारा आगामी समय के लिए मजबूत ‘एक्शन प्लान’ पर कार्य किया जाएगा |

फर्म द्वारा अप्रैल 2020 से सतत विकास लक्ष्यों के बारे में जागरूकता फैलाने और जन भागीदारी हेतु 10 वर्षीय अभियान की शुरुआत की गई जिसमें लोग कला, संचार, वृतचित्र आदि माध्यमों द्वारा निरंतर सहभागिता दे रहे हैं|

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🦋Swapnil Saundarya🦋 

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Swapnil Saundarya ezine, founded in 2013 is India’s first hindi lifestyle online magazine that curates info on art , lifestyle, culture , literature, social issues etc and inspire its readership to raise their voice against all sorts of violence and discrimination. We focus on art Activism, protest art and participatory communication and social action.


Swapnil Sauundarya Label , Launched in the year 2015 is a Government registered  Enterprise where you can  find all your wardrobe needs of  jewelry, accessories, Interior Products , Paintings , Fashion and Lifestyle books, green products  under one  roof. Swapnil Saundarya Label offers a complete sustainable lifestyle solution. The brainchild of Brother and Sister Duo  Visual Artist-Writer  Rishabh Shukla and Jewellery- Fashion Designer  Swapnil Shukla, Swapnil Saundarya Label  is a contemporary luxury and lifestyle brand established on social and environmentally sustainable principles.Swapnil Saundarya Label’s articles are true example of  perfectly  handcrafted Product. The Production processes used in their crafts typically have a low carbon footprint and promote the use of locally available materials as well as natural and organic materials where possible which requires low energy and sustained our environment. The Label also provide a source of earning and employment for the otherwise low skilled women, thereby improving their status within the household.



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