Say Yes to 'HIMOJI ' by APARAJITA SHARMA || SWAPNIL SAUNDARYA e-zine



SWAPNIL   SAUNDARYA  e-zine  

( Vol- 05, Year - 2017 , SPECIAL ISSUE )

Presents

Say Yes to 'HIMOJI '
by  
APARAJITA SHARMA

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https://issuu.com/swapnilsaundaryaezine/docs/say_yes_to_himoji_by_aparajita_shar




Published by : Aten Publishing House 




स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन - परिचय 

ला , साहित्य,  फ़ैशन व सौंदर्य को समर्पित भारत की पहली हिन्दी लाइफस्टाइल  ई- पत्रिका के पँचम चरण अर्थात पँचम वर्ष में आप सभी का स्वागत है . 

फ़ैशन व लाइफस्टाइल  से जुड़ी हर वो बात जो है हम सभी के लिये खास, पहुँचेगी आप तक , हर पल , हर वक़्त, जब तक स्वप्निल सौंदर्य के साथ हैं आप. गत वर्षों की सफलता और आप सभी पाठकों के अपार प्रेम व प्रोत्साहन  के बाद अब स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन  ( Swapnil Saundarya ezine )   के पँचम वर्ष को एक नई उमंग, जोश व लालित्य के साथ प्रस्तुत किया जा रहा है ताकि आप अपनी ज़िंदगी को अपने सपनों की दुनिया बनाते रहें. सुंदर सपने देखते रहें और अपने हर सपने को साकार करते रहें .तो जुड़े रहिये 'स्वप्निल सौंदर्य' ब्लॉग व ई-ज़ीन  के साथ .

और ..............

बनायें अपनी ज़िंदगी को अपने सपनों की दुनिया .
( Make your Life just like your Dream World ) 



Launched in June 2013, Swapnil Saundarya ezine has been the first exclusive lifestyle ezine from India available in Hindi language ( Except Guest Articles ) updated bi- monthly . We at Swapnil Saundarya ezine , endeavor to keep our readership in touch with all the areas of fashion , Beauty, Health and Fitness mantras, home decor, history recalls, Literature, Lifestyle, Society, Religion and many more. Swapnil Saundarya ezine encourages its readership to make their life just like their Dream World .

Founder - Editor  ( संस्थापक - संपादक ) :  
Rishabh Shukla  ( ऋषभ शुक्ला )

Managing Editor (कार्यकारी संपादक) :  
Suman Tripathi (सुमन त्रिपाठी) 

Chief  Writer (मुख्य लेखिका ) :  
Swapnil Shukla (स्वप्निल शुक्ला )

Art Director ( कला निदेशक) : 
Amit Chauhan  (अमित चौहान) 

Marketing Head ( मार्केटिंग प्रमुख ) : 
Vipul Bajpai (विपुल बाजपई) 




'स्वप्निल सौंदर्य - ई ज़ीन ' ( Swapnil Saundarya ezine )  में पूर्णतया मौलिक, अप्रकाशित लेखों को ही कॉपीराइट बेस पर स्वीकार किया जाता है . किसी भी बेनाम लेख/ योगदान पर हमारी कोई ज़िम्मेदारी नहीं होगी . जब तक कि खासतौर से कोई निर्देश न दिया गया हो , सभी फोटोग्राफ्स व चित्र केवल रेखांकित उद्देश्य से ही इस्तेमाल किए जाते हैं . लेख में दिए गए विचार लेखक के अपने हैं , उस पर संपादक की सहमति हो , यह आवश्यक नहीं है. हालांकि संपादक प्रकाशित विवरण को पूरी तरह से जाँच- परख कर ही प्रकाशित करते हैं, फिर भी उसकी शत- प्रतिशत की ज़िम्मेदारी उनकी नहीं है . प्रोड्क्टस , प्रोडक्ट्स से संबंधित जानकारियाँ, फोटोग्राफ्स, चित्र , इलस्ट्रेशन आदि के लिए ' स्वप्निल सौंदर्य - ई ज़ीन ' को ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता .

कॉपीराइट : 'स्वप्निल सौंदर्य - ई ज़ीन '   ( Swapnil Saundarya ezine )   के कॉपीराइट सुरक्षित हैं और इसके सभी अधिकार आरक्षित हैं . इसमें प्रकाशित किसी भी विवरण को कॉपीराइट धारक से लिखित अनुमति प्राप्त किए बिना आंशिक या संपूर्ण रुप से पुन: प्रकाशित करना , सुधारकर  संग्रहित करना या किसी भी रुप या अर्थ में अनुवादित करके इलेक्ट्रॉनिक या यांत्रिक , प्रतिलिपि, रिकॉर्डिंग करना या दुनिया के किसी भी हिस्से में प्रकाशित करना निषेध है . 'स्वप्निल सौंदर्य - ई ज़ीन ' के सर्वाधिकार ' ऋषभ शुक्ल' ( Rishabh Shukla )  के पास सुरक्षित हैं . इसका किसी भी प्रकार से पुन: प्रकाशन निषेध है.

चेतावनी : 'स्वप्निल सौंदर्य - ई ज़ीन '  ( Swapnil Saundarya ezine )   में घरेलु नुस्खे, सौंदर्य निखार के लिए टिप्स एवं विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों के संबंध में तथ्यपूर्ण जानकारी देने की हमने पूरी सावधानी बरती है . फिर भी पाठकों को चेतावनी दी जाती है कि अपने वैद्य या चिकित्सक आदि की सलाह से औषधि लें , क्योंकि बच्चों , बड़ों और कमज़ोर व्यक्तियों की शारीरिक शक्ति अलग अलग होती है , जिससे दवा की मात्रा क्षमता के अनुसार निर्धारित करना जरुरी है.  





संपादकीय 



नमस्कार पाठकों,


आप सभी के प्रेम  व आशीर्वाद के कारण हम भारत की पहली हिंदी लाइफस्टाइल  ई -पत्रिका स्वप्निल सौंदर्य ( Swapnil Saundarya ezine ) के चार वर्ष सफलतापूर्वक संपूर्ण कर चुके हैं. अब हम स्वप्निल सौंदर्य ई ज़ीन के पँचम चरण के पथ पर अग्रसर हैं. गत वर्षों में हमने विभिन्न मुद्दों पर पत्रिका के माध्यम से चर्चा की. सौंदर्य की सही परिभाषा को आत्मसात किया. स्वप्निल सौंदर्य एक लाइफस्टाइल ई पत्रिका है पर पत्रिका के कंटेट को सीमित न करते हुए हमने इसके जरिये कई सामाजिक मुद्दों को गहराई से समझा व पूर्ण संवेदनाओं के साथ इन्हें उजागर किया. पत्रिका में हमने कला, फ़ैशन, लाइफस्टाइल, साहित्य से जुड़े तमाम पहलुओं को सम्मिलित किया. गत वर्ष 'लावण्या' नामक नव सेगमेंट के जरिये हमने भारतीय शास्त्रीय संगीत व नृत्य के क्षेत्र में अपनी सफलता का परचम लहरा चुके कुछ नर्तक व नृत्यांगनाओं के प्रेरणादायक जीवन पर प्रकाश डाला. 




इसके अतिरिक्त 'सफ़केशन' व 'एसिड' नामक ई- बुक्स द्वारा दिल में कचोटन पैदा करने वाले व मस्तिष्क को झकझोर कर रख देने वाले मुद्दों को आप पाठकों द्वारा भेजी गईं कुछ विशेष कहानियों द्वारा उजागर किया. एक ओर स्त्री विमर्श से संबंधित मुद्दों पर डॉ. आकांक्षा अवस्थी की डायरी के कुछ पृष्ठों को सम्मिलित किया गया तो दूसरी ओर एड्वोकेट प्रणवीर प्रताप सिंह चंदेल व उनके मित्रों द्वारा गरीब व असहाय बच्चों की शिक्षा व बेहतर भविष्य के लिए किए जा रहे प्रयासों को व उनके मिशन एन.जी.ओ की संरचना व कार्यप्रणाली पर विस्तृत जानकारी प्रदान की गई.   स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन के चतुर्थ वर्ष का शुभारंभ हमने अधिवक्ता मीरा यादव की डायरी ( From the diary of Meera ) के कुछ अनमोल पृष्ठों से किया . नारी व्यथा व सशक्तिकरण को मर्मस्पर्शी व दृढ़्ता के साथ प्रस्तुत करती मीरा की डायरी के ये पृष्ठ  सराहनीय थे. इसके अलावा स्त्री का जीवन चुनौतियों का पर्याय जैसे हृदय भेदी मुद्दों व अपने रिसर्च पेपर्स व जर्नल्स के साथ डॉ. आकांक्षा अवस्थी की डायरी निरंतर हमारी ई पत्रिका की शोभा बढ़ा रही है. गत वर्ष पत्रिका की प्रमुख लेखिका व डिज़ाइनर स्वप्निल शुक्ला के खजाने से फ़ैशन व आभूषणों पर उनके प्रकाशित लेखों के संकलन को भी  प्रस्तुत किया गया. पुरुषों की जीवनशैली को समर्पित स्वप्निल सौंदर्य ई -ज़ीन की  नवीन पेशकश 'दि आइसोलेटेड चैप' ( The Isolated Chap ) को भी सफलतापूर्वक प्रस्तुत  किया गया. 




स्वप्निल सौंदर्य ई ज़ीन के इस विशेषांक के ज़रिये  हम आपका साक्षात्कार करा रहे हैं दिल्ली यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर अपराजिता शर्मा से जिन्होंने हिन्दी इमोजी स्टीकर (Himoji) बनाकर सोशल नेटवर्किग साइट्स पर चैट करते हुए अपनी ज़बान में जज़्बात जाहिर करने की कमी दूर कर दी है। अपराजिता शर्मा द्वारा तैयार किए गए देसी इमोजी ,हिंदी प्रेमियों के लिए एक फुहार की भाँति हैंआशा करता हूँ स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन की इस विशेष प्रस्तुति पर आप पाठकों के प्रेम व आशीर्वाद की वर्षा होगी. 

तो  बस बने रहिये 'स्वप्निल सौंदर्य ई -ज़ीन' के साथ और बनाइये अपनी ज़िंदगी को अपने सपनों की दुनिया.  


- ऋषभ शुक्ला ( Rishabh Shukla )
  संस्थापक -संपादक ( Founder-Editor )







 ॥ करिये  अपने जज़्बातों का इज़हार हिमोजी  के साथ ॥



भाषा कुदरत की बड़ी देन  है. यह आपके -हमारे बीच जुड़ाव के लिये आवश्यक है पर जब बात हिंदी भाषा की हो तो , हम भारतवासियों के लिये हिंदी मात्र संवाद का साधन नहीं अपितु हमारी पहचान है .यदि कहा जाए कि हिंदी ही हमारी भारत माता के माथे की बिंदी है ........शोभा है तो यह किसी भी प्रकार से अतिशयोक्ति नहीं होगा.
माँ के आँचल में जन्नत बसती है जिसकी कुछ पल की पनाह के लिये इंसान सब कुछ हारने को तैयार हो जाता है . हिंदी जो कि हमारी मातृभाषा है, इसके आँचल की  छाँव के नीचे हम सभी भारतवासी पले - बढ़े व एक दूसरे से जुड़ते आएं हैं और जुड़ते रहेंगे ....हिंदी भारतवासियों की शान है .......हम भारतवासियों के अस्तित्व का अभिन्न अंग ....हमारी पहचान है हिंदी पर आधुनिक समाज की विडंबना तो देखिये आज हमारी मातृ्भाषा को ही अपने अस्तित्व की रक्षा हेतु संघर्ष करना पड़ रहा है. पर आज भी हमारे देश में ऐसे लोग मौजूद  हैं जो हिंदी के अस्तित्व की रक्षा और इसे  आने वाली पीढ़ी से जोड़े रखने हेतु सराहनीय कार्य कर रहें हैं . इस कड़ी में 'अपराजिता  शर्मा' ( Aparajita Sharma )  द्वारा  प्रस्तुत किया  गया हिमोजी  (Himoji ) यानी देसी इमोजी का कांसेप्ट आज किसी पहचान का मोहताज नहीं.  





दिल्ली यूनिवर्सिटी ( Delhi University ) के मिरांडा हाउस ( Miranda House )  कॉलेज की हिंदी की असिस्टेंट प्रोफेसर अपराजिता शर्मा   ( Aparajita Sharma )   वह शख्स हैं जिन्होंने हिन्दी के इमोजी (Himoji ) तैयार किए हैं. हिन्दी के इमोजी असल में वे स्माइली हैं जो इंसानी भाव भंगिमाओं को हिन्दी शब्दों व वाक्यों के साथ पेश करते हैं. अपराजिता ने बेहद दिलचस्प किस्म के इमोजी तैयार किए हैं जो पूरी तरह से भारतीय रंग में रंगे दिखते हैं . अभी तक फेसबुक, हाइक, गूगल हैंगआउट जैसे मैसेंजर पर केवल अंग्रेजी के इमोजी थे लेकिन हिमोजी (Himoji ) एप में अलग-अलग भावनाएं व्यक्त करने वाले 270 इमोजी हैं . इसमें दो किरदार हैं. एक लड़के का, दूसरा लड़की का.  लड़की का नाम अनन्या है जो कि मुख्य किरदार है. अनन्या विभिन्न परिस्थितियों को अपने अनोखे और चुलबुले अंदाज में व्यक्त करती है. इमोजी को विभिन्न वर्गो में बांटा गया है. खुशी दिखाने वाले इमोजी ‘रसीला आम’ वर्ग में मिलेंगे. गुस्सा और शरारत वाले इमोजी ‘खट्टी इमली’ वर्ग से डाउनलोड होंगे.








हिमोजी (Himoji ) को  एंड्रॉयड फोन्स पर डाउनलोड किया जा सकता है. बता दें कि गूगल प्ले स्टोर से मुफ्त डाउनलोड करने के लिए अंग्रेजी में Himoji टाइप करना होगा. इसके जरिए अप बातों को नए अंदाज में अपनी मातृभाषा हिंदी में बयां कर सकेंगे.  हिमोजी में पालतू पशुओं के साथ खग विहग नाम से सीरीज, प्यार से झिझकने वालों के लिए अनकही नाम की सीरीज और आशिक मिजाज लोगों के लिए प्रेम रोग नाम से सीरीज है. हिमोजी में देश की समस्‍याओं की भी झलक देखने को मिलेगी. अब इसमें पानी की बर्बादी जैसे मुद्दे पर भी कुछ खास होगा.अपराजिता ने ऐसी ही कुछ और दिलचस्प सीरीज बनाई हैं. हिमोजी की महिला कैरेक्टर  आधुनिक समाज की  महिला है पर उनकी वेशभूषा  पूर्णतया भारतीय  है. ये जूड़ा बनाने वाली, चूड़ियां पहनते वाली और झालर वाले कपड़े भी पहनती हैं. 















अपराजिता शर्मा का हिन्दी भाषा व हिमोजी के विषय में कहना है ,"हिन्दी अभी इंटरनेट पर बहुत अकेली है . हम अपनी भाषा के नाम पर कर क्या रहे हैं ? हमें अभी हिन्दी के लिए बहुत सारा काम करना है .सिर्फ कविता कहानी नहीं लिखनी और भी कई शाखाएं हैं जहां काम करना बाकी है . हिंदी का अब जो सिलेबस है वो पहले की तरह नहीं है कि आपको सिर्फ मध्ययुगीन प्रेम आख्यान पढ़ाने हैं या सिर्फ तुलसीदास या आधुनिक कवि पढ़ाने हैं. हिंदी के सिलेबस में बहुत बदलाव आए हैं. इंटरनेट है, सोशल मीडिया है, ब्लॉगिंग है, वेब डिजाइनिंग में हिंदी है, कंप्यूटर में हिंदी का प्रयोग है. ये सारी चीजें पढ़ाने के लिए आपको तकनीकी क्षेत्र में उतरना ही पड़ेगा. 2006 में मुझे पहली बार हिंदी कंप्यूटर पढ़ाने को मिला. मेरा झुकाव तकनीक और स्केचिंग की ओर था. जब ब्लॉग आदि लिखना शुरू किया तब ही महसूस किया कि हिंदी इंटरनेट पर कितनी अकेली है. हमारे पास सांझा करने के लिए रचनात्मक सामग्री नहीं है.फिर हम लगातार चैट यानी बातचीत करते हैं पर आजकल जैसे चैट स्टिकर हैं वो तब नहीं थे. मेरी अपने विद्यार्थियों से लगातार चैट होती है और हिंदी में बातचीत के दौरान हम अंग्रेजी के इमोटिकॉन प्रयोग करते जो शायद उस समय महसूस की गई भावना की सही अभिव्यक्ति नहीं होते. यही सोचकर मैंने साल 2015 की शुरुआत में अपने तरीके के 15-20 स्टिकर बनाए और उन्हें सोशल मीडिया पर साझा किया. इन स्टिकर को दोस्तों ने बहुत सराहा. तब मुझे लगा कि इसे एक प्रोजेक्ट के बतौर आगे ले जाना होगा. पहले खुद कोशिश की इस पर ऐप की तरह काम करने की, पर फिर जल्द ही समझ आ गया कि तकनीकी रूप से ये सीखने में लंबा समय लग जाएगा. फिर ऐप बनाने के लिए दोस्तों की मदद ली. दो दोस्त मदद के लिए आगे आए और फिर ये स्टिकर ऐप के रूप में लॉन्च हुए."









अपराजिता, हिमोजी के माध्यम से यह संदेश देना चाहती हैं कि अपनी भाषा में कुछ भी मुमकिन है. अपराजिता कहती हैं कि उन्होंने हिमोजी में भाषा की सुंदरता बनाए रखने की कोशिश की है. हिमोजी में गुस्सा भी सभ्य भाषा में करने की कोशिश की है.

भारत सरकार हर वर्ष हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार एवं उत्थान हेतु करोड़ों रुपये खर्च करती है. हर सरकारी दफ्तरों , कार्यालयों में सूचना जाती है कि कर कोई अपने कार्य के दौरान अधिक से अधिक हिंदी भाषा का प्रयोग करे.  परंतु यदि हिंदी साहित्यकारों , प्रूफ - रीडर्स , संपादकों आदि को छोड़ बात करें तो हिंदी भाषा को संजोने का व उसके प्रचार- प्रसार के लिये कितने प्रयास और किस प्रकार के प्रयास हो रहे हैं यह बात किसी से भी छिपी नहीं .
हमें अपने देश की मिट्टी की सुगंध को पह्चानना है,  हमारी मातृ्भाषा के आत्म- सम्मान , प्रतिष्ठा , गौरव व शान के लिये अपराजिता शर्मा  ( Aparajita Sharma )  द्वारा किए जा रहे प्रयास काबिले तारीफ हैं. हिंदी भाषा के साथ कलात्मकता का यह संगम बेहद सुखद है  व इस कलात्मकता  का आधुनिक टेक्नॉलजि के साथ मिलन्  नि:संदेह हमारी मातृभाषा के गौरव और शान व इसके प्रचार- प्रसार में इज़ाफा करेगा और अपराजिता शर्मा जैसे  होनहार लोगों के अथक परिश्रम  व सार्थक प्रयासों द्वारा  हिंदी सदैव हमारी भारतमाता के माथे की बिंदी बन हर वक़्त चमकती रहेगी और हम सभी भारतवासियों को गौरवान्वित करती रहेगी .

 स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन टीम ( Swapnil Saundarya ezine Team ) की ओर से अपराजिता जी को ढेर सारी शुभकामनाएं व आभार . 




 - ऋषभ शुक्ला ( Rishabh Shukla )

( संस्थापक - संपादक { Founder-Editor } )




पढ़-लिख कर यही समझ आया कि जिस भाषा में सही और सुलझे ढंग से अपनी बात कह सकते हैं उसी में बात करनी चाहिए।
हमें तो हिंदी ही में बात करनी आती है...
हाँ, हाँ, हम हिंदी वाले....
ओ हो हिमोजी वाले 

गूगल प्ले स्टोर पर हिमोजी का पता 



Aparajita Sharma, the creator of Himoji, the first mobile app for desi emoticonsand working as  asst. professor of Hindi at Miranda House, University of Delhi.  The primary character of himoji  is Ananya; she is a Salman Khan's fan and loves to dress up as male characters from Bollywood. So far, applications across the world have been developed with a variety of emoticons in the form of smileys and stickers, used on social networking platforms like Whatsapp and Facebook but Sharma has “filled the void” for those who were “expressionless”.









Fight against Breast Cancer

We have two options, medically and emotionally: give up or fight like hell




SWAPNIL SAUNDARYA CHEMO DOLLS

#ChemoDolls :: Bald is beautiful
‘Swapnil Saundarya Label’ is proud to present its exclusive range of chemo dolls which can help in conveying the psychosocial effects of treatment to cancer patients .
Our Label has created Swapnil Saundarya Chemo Dolls with an extremely rare condition where they do not have hair , they went through all their cancer treatments with their chemo, radiation and surgery . These Chemo Doll with the ‘ Fighting Spirit ‘ help to affirm and support the struggles of cancer patients. These dolls are designed to encourage Cancer patients who have to go through chemo therapy and will likely lose their hair. Swapnil Saundarya Chemo Dolls are dolls for children as well as for adults in treatments for cancer.
Doll Designer Swapnil has been very busy making chemo dolls which are simply beautiful and bald ! each with their own removable colorful hat adjoining with the doll’s hand representing the power to fight against the terrible disease Cancer . These dolls are dedicated to all of them battling this awful disease.
Help Swapnil Saundarya Label  meet their goal of placing  Swapnil Saundarya Chemo Dolls in the arms of all cancer patients who need a hug and to put big smiles on their faces .You can nominate any child with cancer who needs a new best friend Doll and the company will ship his or her new doll with our love and care from Swapnil Saundarya Label.
Doll Designer Swapnil believes that her dolls have the magic to make their own best friends feel super brave and courageous.”Our mission is to provide emotional support to children and adults in treatment for cancer and other serious illnesses through our chemo dolls  and Artistic Cards ” she said.
Swapnil Saundarya Chemo Dolls are available at Swapnil Saundarya estore and Rishabh Interiors and Arts :: The e Studio.



'Swapnil Saundarya' For a Cause : FIGHT AGAINST DOMESTIC VIOLENCE & CHILD ABUSE


#StopDomesticViolence 
#StopChildAbuse

YES ! I AM BOLD  is a collection of paintings by Interior Designer, Painter and Arts Journalist  Rishabh that speak out against Domestic violence and Child Abuse.

YES ! I AM BOLD .














Swapnil Jewels

Nothing Less expectable,
Nothing more Imaginable…….
Just an Extraordinary piece of Art.


At Swapnil Jewels and Arts , we pride ourselves on creating beautiful and bespoke designer Jewellery , Traditional as well as Contemporary Jewellery , from India which is captivating and a true expression of your style. The intention and goal is to create exclusive jewellery and innovative designs at excellent prices .

Our mission is to present, promote and highlight Indian Traditional Jewellery forms and arts globally because glitter of ancient era’s jewellery will never fade as well as to create beautiful and remarkable fashion jewellery that suits and enhance the lifestyle of our clients.


Visit ::




















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