स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन : Vol- 01, Issue- 5 , March - April 2014 - 1st Part
स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन : Vol- 01, Issue- 5 , March - April 2014
Swapnil Saundarya e-zine :
Swapnil Saundarya is a bi-monthly online magazine ( e-zine ) .It is a typical lifestyle e-zine that encourages its readership to make their life just like their dream world . The e-zine permanently published columns on Beauty, literature, fashion and lifestyle tips, recipe, interiors, career, society, travel, film and television, remedies, famous personality, religion and many more.
स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन - परिचय
घर -परिवार , स्वास्थ्य , ब्यूटी, रेसिपी, मेहंदी, कैरियर और फायनांस से जुड़ी हर वो बात जो है हम सभी के लिये खास, पहुँचेगी आप तक , हर पल , हर वक़्त, जब तक स्वप्निल सौंदर्य के साथ हैं आप. पाठकों के प्रेम व उनकी माँग पर अब आपका अपना ब्लॉग ' स्वप्निल सौंदर्य ' उपलब्ध है ई-जीन के रुप में .
द्वि-मासिक ई-पत्रिका के रुप में 'स्वप्निल सौंदर्य' में कुछ खास स्तंभों को भी सम्मिलित किया जा रहा है ताकि आप अपनी ज़िंदगी को अपने सपनों की दुनिया बनाते रहें. सुंदर सपने देखते रहें और अपने हर सपने को साकार करते रहें .तो जुड़े रहिये 'स्वप्निल सौंदर्य' ब्लॉग व ई-ज़ीन के साथ .
और ..............
बनायें अपनी ज़िंदगी को अपने सपनों की दुनिया .
****************************************
Founder - Editor ( संस्थापक - संपादक ) : Rishabh Shukla ऋषभ शुक्ला
Managing Editor (कार्यकारी संपादक) : Suman Tripathi (सुमन त्रिपाठी)
Chief Writer (मुख्य लेखिका ) : Swapnil Shukla (स्वप्निल शुक्ला)
Art Director ( कला निदेशक) : Amit Chauhan (अमित चौहान)
Marketing Head ( मार्केटिंग प्रमुख ) : Vipul Bajpai (विपुल बाजपई)
'स्वप्निल सौंदर्य - ई ज़ीन ' में पूर्णतया मौलिक, अप्रकाशित लेखों को ही कॉपीराइट बेस पर स्वीकार किया जाता है . किसी भी बेनाम लेख/ योगदान पर हमारी कोई ज़िम्मेदारी नहीं होगी . जब तक कि खासतौर से कोई निर्देश न दिया गया हो , सभी फोटोग्राफ्स व चित्र केवल रेखांकित उद्देश्य से ही इस्तेमाल किए जाते हैं . लेख में दिए गए विचार लेखक के अपने हैं , उस पर संपादक की सहमति हो , यह आवश्यक नहीं है. हालांकि संपादक प्रकाशित विवरण को पूरी तरह से जाँच- परख कर ही प्रकाशित करते हैं, फिर भी उसकी शत- प्रतिशत की ज़िम्मेदारी उनकी नहीं है . प्रोड्क्टस , प्रोडक्ट्स से संबंधित जानकारियाँ, फोटोग्राफ्स, चित्र , इलस्ट्रेशन आदि के लिए ' स्वप्निल सौंदर्य - ई ज़ीन ' को ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता .
कॉपीराइट : 'स्वप्निल सौंदर्य - ई ज़ीन ' के कॉपीराइट सुरक्षित हैं और इसके सभी अधिकार आरक्षित हैं . इसमें प्रकाशित किसी भी विवरण को कॉपीराइट धारक से लिखित अनुमति प्राप्त किए बिना आंशिक या संपूर्ण रुप से पुन: प्रकाशित करना , सुधारकर संग्रहित करना या किसी भी रुप या अर्थ में अनुवादित करके इलेक्ट्रॉनिक या यांत्रिक , प्रतिलिपि, रिकॉर्डिंग करना या दुनिया के किसी भी हिस्से में प्रकाशित करना निषेध है . 'स्वप्निल सौंदर्य - ई ज़ीन ' के सर्वाधिकार ' ऋषभ शुक्ल के पास सुरक्षित हैं . इसका किसी भी प्रकार से पुन: प्रकाशन निषेध है.
चेतावनी : 'स्वप्निल सौंदर्य - ई ज़ीन ' में घरेलु नुस्खे, सौंदर्य निखार के लिए टिप्स एवं विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों के संबंध में तथ्यपूर्ण जानकारी देने की हमने पूरी सावधानी बरती है . फिर भी पाठकों को चेतावनी दी जाती है कि अपने वैद्य या चिकित्सक आदि की सलाह से औषधि लें , क्योंकि बच्चों , बड़ों और कमज़ोर व्यक्तियों की शारीरिक शक्ति अलग अलग होती है , जिससे दवा की मात्रा क्षमता के अनुसार निर्धारित करना जरुरी है.
संपादकीय
नमस्कार पाठकों !
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस ( 8 मार्च ) की आप सभी को हार्दिक बधाई . स्त्री एक आग है , एक ज्वाला है , गंगा है , गोदावरी है , नर्मदा है . प्रत्येक स्त्री के भीतर बहुत सारी ऊर्जा होती है पर कुछ ऐसी असीमित शक्तियाँ भी ईश्वर ने प्रदान की हैं, जिनके बारे में कई बार वे अनजान रहती हैं. हमारे पुराण , हमारा इतिहास, हमारी धरोहर न जाने कितने ऐसे उदाहरण हमें देते चले आएं हैं , जहाँ स्त्री की शक्ति का प्रमाण मिला है. आज का समय जिस प्रकार परिवर्तित हो रहा है , उसमें यह कहना अतिशयोक्ति न होगा कि हमारा देश भारत अब नए भारत में तब्दील हो रहा है . यह ' नव भारत' वह राष्ट्र है जहाँ महिलाएं सत्ता से लेकर कॉर्परट जगत के शीर्ष गलियारों में मौजूद ही नहीं हैं , बल्कि इन्हें संचालित भी कर रही हैं. आज महिलाओं के लिए समकालीन प्रेरणाओं की कोई कमी नहीं है और दोहरी खुशी की बात यह है कि अपने- अपने क्षेत्र तथा स्तर के हिसाब से महिलाओं की सफलता की सूची अनंत है. पश्चिमी देशों की डूबती अर्थव्यवस्था के दौर में अगर भारत में समृ्द्धि का सुनहरा सूरज उग रहा है तो इसमें महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है. इनमें से अधिसंख्य मुंह में चाँदी का चम्मच लेकर नहीं जन्मीं थीं परंतु उन्होंने अपनी और इस देश की समृ्द्धि की एक- एक ईंट खुद जोड़ी है. परंतु इन बातों का दूसरा पहलु भी है .
नि:संदेह हमारे समाज में आज महिलायें हर क्षेत्र में अपनी सफल उपस्थिति दर्ज करा चुकी हैं. आज शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र हो जिसमें महिलाओं ने अपना लोहा न मनवाया हो।यह भी सच है कि महिलायें हर चुनौतियों को स्वीकार कर अपने कार्यक्षेत्र व ज़िम्मेदारियों में सफलतापूर्वक अग्रसर हो रही हैं।लेकिन इसके बावजूद भी महिलाओं के सामने पुरुषों की अपेक्षा कई गंभीर समस्याएँ खड़ी हैं। हमारे समाज की पितृ्सत्तात्मक सोच के कारण जो मातृ्सत्ता के प्रति उपेक्षा का भाव दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है , वो हमारे समाज को किस दिशा की ओर ले जाएगा, ये बेहद चिंता का विषय है.
विडंबना तो यह है कि सफलता के सर्वोच्च शिखर पर अपना परचम लहरा चुकीं, महिलाओं के प्रति आज भी हमारे समाज का नज़रिया जल्लाद की तरह है जो हमेशा उनमें खौफ , हीन भावना, असमर्थता की भावना पैदा करता है .जाने कितनी बेसहारा औरतें आज नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं ,समाज का महिलाओं के प्रति घृ्णित रवैया गलत व बेहद निंदनीय है.
प्रश्न यह उठता है कि आखिर समाज में महिलाओं की स्थिति कब सुधरेगी. कब हमारे समाज में स्त्रियों के लिये माहौल पूर्णतया अनुकूल होगा. स्त्री के नाम पर ढकोसलों से परे कब लोगों की महिलाओं के प्रति संकीर्ण व तुच्छ मानसिकता का जड़ मूल समेत अंत होगा. आखिर कब????? क्या प्रश्न देश की कानून व्यवस्था पर खड़ा होता है? मेरे अनुसार तो इसका जवाब है : नहीं .. क्योंकि कानून व्यवस्था चाहे जितनी सख्त क्यों न हो जाए ...जब तक लोगों की सोच में बद्लाव नहीं आएगा तब तक स्थिति नहीं सुधरेगी क्योंकि यहाँ मसला नैतिकता व समाजिकता का है. वैसे भी जब किसी की सोच ही गंदी व घृ्णित हो तो उससे लाख सख्ती बरतने पर भी अच्छे व्यव्हार की उम्मीद भला कैसे की जा सकती है.
समय के बदलने के साथ-साथ भारतीय समाज , विकास और देश की तरक्की की ओर अग्रसर तो हुआ , लेकिन सामाजिक सोच अब भी वही घिसी पिटी बरकार है. हमारे देश की व्यवस्था व लोगों की संकुचित सोच का ही परिणाम है कि हमारे समाज में ज्यादातर स्त्रियाँ अकेले थाने में मुकदमा लिखाने नहीं जाती हैं. वो भय से भी मुकदमा लिखाने में डरती हैं और आज-कल तो हमारे समाज में एक ढर्रा और बन गया है कि मुकदमा लिखाने का मतलब समय और पैसे की बरबादी के अलावा और कुछ नहीं है. समाज में स्त्रियों के अस्मिता की रक्षा व उनकी स्थिति में सुधार तभी संभव है जब हमारा समाज उनके प्रति संवेदनशील बने. बेतुके स्त्री विरोधी रीति -रिवाज़ों , परंपराओं व संकीर्ण मानसिकता व विचारों का अंत हो . जब तक आडंबर, दिखावे व ढोंग से परे जमीनी हकी़कत को ध्यान में रखते हुए कोई ठोस रणनीती, हमारे समाज में स्त्रियों की स्थिति , स्वतंत्रता व सुधार के लिये नहीं बनती तब तक स्त्रियों को अपनी पहचान , अपने अस्तित्व के लिये संघर्ष करते रहना पड़ेगा. और जब सृ्ष्टि का आधार ही खतरे में है तो सृ्ष्टि का क्या होगा? समाज से हैवानियत को खत्म कर इंसानियत को जगाना होगा. हर एक को सही के लिये , न्याय के लिये और गलत के विरुद्ध आवाज़ उठानी होगी. समाज को जागरुक होना ही पड़ेगा. मासूम कली को खिल कर फूल बनने में हम सभी को योगदान देना होगा जिससे वो प्यार की खुशबू चारों ओर बिखेर सके. कन्या भ्रूण हत्या जैसे महापाप के कारण स्त्री का अस्तित्व जो संकट में है , उसे बचाने के लिये हमें जी जान से लड़ना होगा.... सही दिशा की ओर आगे बढ़ना होगा.
स्त्री होना एक अभिमान है....
इनके हौसले को सलाम है ......
औरत अबला नहीं , अपितु सबला है...
स्त्री की शक्ति को मेरा सलाम है .
स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन का यह अंक स्त्री सशक्तिकरण के नाम . अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस , नव संवत्सर अर्थात गुड़ी पड़वा व होली के शुभ अवसर पर स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन के पंचम अंक ( मार्च - अप्रेल 2014 ) में हम जिन विभिन्न पहलुओं व जानकारियों को सम्मिलित कर रहे हैं वे निम्नवत हैं :
विशेष - विशिष्ट प्रतिभा के धनी : प्रो. चिन्मय मेहता
सौंदर्य - रखें अपना ख्याल
साहित्य - यही दुआ है मेरी ( कवि : कुमार प्रतीक )
पकवान - ग्रिल्ड कौटेज जीज़ विद फ्रूट चाट ( लेखिका : दिव्या दीक्षित )
फैशन व लाइफ्स्टाइल - धोती सलवार इन ट्रेंड
इंटीरियर्स - रंग भरे जीवन में
धर्म, संस्कृ्ति व संस्कार - गरुण पुराण : नर्कों का स्वरुप
कैरियर - विज़ुअल मर्चेंडाइज़िंग
कड़वा सच - बाल शोषण - एक घिनौना अपराध
शख्सियत - हिन्दी कथा साहित्य की श्रेष्ठ लिखिका : शिवानी
उद्यमीयता विकास - SWOT Analysis by Archit Mishra ( in Eng. )
डायरी - From the Diary of Akanksha ... वो 'अनजान कूची- कूची' ( लेखिका : आकांक्षा सिंह )
आपके पत्र
जुड़े रहिये स्वप्निल सौंदर्य ई- ज़ीन के साथ और बनायें अपनी ज़िंदगी को अपने सपनों की दुनिया.
शुभकामनाओं सहित ,
आपका ,
ऋषभ
विशेष :
विशिष्ट प्रतिभा के धनी : प्रो. चिन्मय मेहता
कलाकार की दृ्ष्टि केवल किसी वस्तु विशेष के बाहय रुप से ही टकराकर नहीं लौट आती बल्कि वह उसके भीतर के रहस्य का भी पता लगा लेना चाहती है. समस्त कला साधकों की दृ्ष्टि अज्ञात, अज्ञय और अगोचर से आँख मिलाने की इच्छा लेकर साधना - पथ पर अग्रसर होती है . कला के इस रहस्य को ह्रदयंगम करके जब कोई प्रतिभावान कलाकार रचना करता है , तो वह अद्वितीय एवं अतुल्य कलाकृ्ति को जन्म देता है . स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन के पंचम अंक के विशेष कॉलम में जिस विशेष शख्सियत की विशिष्ट प्रतिभा को आप सभी पाठकों के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है , वे हैं : 'प्रो. चिन्मय मेहता जी '.
राजस्थान की कला व संस्कृ्ति को अपनी बेमिसाल व अतुल्य चित्रकारी व शिल्प कला के ज़रिए एक नया आयाम देने वाले चिन्मय मेहता जी भारतीय कला के धारा के धारक एवं वाहक जैसे हैं.
1942 में चित्तौड़्गढ़ जिले के कस्बे बड़ी सागड़ी में जन्में प्रोफेसर चिन्मय जी की कला का सूरज देश विदेश में चमकता दमकता हुआ , भारतीय कला जगत को गौरवान्वित कर रहा है . चिन्मय जी की अद्वितीय प्रतिभा चित्रकला , शिल्प के साथ -साथ वॉल पेंटिग्स ( म्यूरल्स ) एवं आर्किटेक्च्यूरल डिज़ाइनर के रुप में भी फैली है.
जयपुर ,राजस्थान स्थित चोखी ढाणी व हैदराबाद स्थित ढोला री ढाणी, सर्वतोमुखी प्रतिभाओं के धनी चिन्मय जी की विशिष्ट एथ़निक व देशी स्थापत्य कला के प्रत्यक्ष उदाहरण हैं. इसके अलावा राजकोट, उदयपुर व जोधपुर में इनकी प्रतिभा व कला कृ्तियों के दर्शन सुलभ हो सकते हैं.
1963 में आगरा विश्वविद्यालय से चित्रकला में परास्नातक एवं 1984 में पी. एच. डी उपाधि प्राप्त श्री चिन्मय मेहता जी सांस्कृ्तिक कार्यकर्ता के रुप में भी सक्रिय हैं. 'आयाम '- इंस्टीट्यूट आफ आर्ट एण्ड कल्चर, जयपुर के चेयरपर्सन के तौर पर उनकी भूमिका व योगदान सराहनीय है.
प्रोफेसर चिन्मय जी ने भारतीय जीवन में सक्रिय रुप से एकात्म होकर कला जगत एवं कला प्रेमियों को राजस्थान की महान संस्कृ्ति और विरासत को अपने चित्रों, शिल्प व म्यूरल्स ( भित्ति - चित्र ) में अंकित कर , कला जगत में अपना महान व अनुकरणीय योगदान प्रस्तुत किया है .
इनके द्वारा बड़ी ही खूबसूरती, परिश्रम से रचे व गढ़े गए भित्ति - चित्र ( म्यूरल्स ) देखते ही बनते हैं. बात चाहे जयपुर स्थित रेमण्ड शोरुम की हो या नटराज रेस्तराँ , जयपुर में इनके द्वारा तैयार किये गए उभारदार भित्ति - चित्र या गणपति प्लाज़ा के फ़'साड में बनाया गया उभारदार भित्ति - चित्र , इनका कार्य अत्यंत प्रभावशाली व बेहतरीन है .
जहाँ पैपर मैश द्वारा बनाया गया उभारदार भित्ति - चित्र, ऊर्जा भवन , जयपुर की शान है तो लंदन के नामचीन रेस्तराँ में बनी 1800 वर्ग फीट की वॉल पेंटिंग , चिन्मय जी की कला उपलब्धियों व गौरव में इज़ाफा करती है. ये तो चंद उदाहरण मात्र हैं , चिन्मय जी ने न जाने कितने ही कला के छात्रों के भीतर कला के बीज का अंकुरण कर उसे एक विशाल वृ्क्ष में तब्दील किया है. राजस्थान ललित कला अकादमी के पूर्व चेयरमैन व राजस्थान यूनिवर्सिटी के फाइन आर्टस डिपार्टमेंट के वरिष्ठ प्रोफेसर व डीन के तौर पर , कला के क्षेत्र में अदभुत योगदान देकर , अपने पद की गरिमा को कायम रखा . ललित कला अकादमी द्वारा उन्हें नेशनल एकेडमी अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है .
चिन्मय जी के विलक्षण व्यक्तित्व को व उनकी प्रतिभा को बयां करने में शब्द शायद कम पड़ जाएं . पता नहीं स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन के विशेष कॉलम के ज़रिये चिन्मय मेहता जी को आप सभी पाठकों के कितना निकट ला पाया हूँ . प्रो. चिन्मय मेहता जी के व्यक्तित्व व कला के क्षेत्र में उनके योगदान के बारे में लिखते हुए ऐसा महसूस हुआ कि चिन्मय जी का कला के प्रति समर्पण अदभुत है . अपने में खो जाना ही तो , कभी किसी का हो जाना है " ...... चिन्मय जी ने कला को अपने व्यक्तित्व में इस प्रकार समा लिया है और उसमें खो के वे कला के एक बेहतरीन व प्रतिभावान पर्याय बन गए हैं. स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन टीम की ओर से प्रो. चिन्मय मेहता जी को ढेर सारी शुभकामनाएं व आभार .
To Know more about Prof. Chinmay Mehta , click here,
Story of a Great Artist : Prof. Chinmay Mehta
( From the Desk of Swapnil Saundarya e zine )
http://issuu.com/swapnilsaundaryaezine/docs/life_of_a_great_artist_-_prof_chinm
Contact :
Prof. Chinmay Mehta
www.chinmaymehta.com
- ऋषभ शुक्ला
( संस्थापक - संपादक )
सौंदर्य
इन बातों का रखें ख्याल ताकि आप की खूबसूरती रहे सदाबहार सालोंसाल .....
एड़ियाँ फटना , त्वचा व बालों का रुखापन इत्यादि परेशानियाँ आम हैं और इनसे बचाव के लिए जरुरी है कि आप कुछ बातों को ध्यान में रखें , जिस से आप की खूबसूरती बनी रहे सदाबहार व बरकरार सालोंसाल .
फाइन लाइंस और टैनिंग :
रोज दिन में 2 बार टमाटर का रस पीना चाहिये, कच्चा टमाटर विटामिन सी की कमी दूर करता है और यह डेली डाइट में बहुत जरुरी है. टमाटर त्वचा की फाइन लाइंस को भी कम करने में सहायता देता है. इसके अलावा संतरा भी फाइन लाइंस को कम करता है. यदि आप की उम्र 35 साल से ज्यादा है , तो फ्रूटी फेस पैक के इस्तेमाल से त्वचा का रुखापन दूर हो सकता है. पका पपीता , शहद, विटामिन ई कैप्सूल , मलाई और कुछ बूँदें ग्लिसरीन की मिला कर पेस्ट तैयार करें . इसे चेहरे व गरदन पर लगाएं और सूखने तक लगा रहने दें.फिर देखिये , आप की त्वचा पर कैसे निखार आता है.
फटे होंठ :
फटे हुए होंठों के लिए शहद , नींबू का रस, जैतून का तेल और ग्लिसरीन का मिश्रण बनाएं और नियमित रुप से होंठों पर लगाएं या फिर स्ट्राबेरी , मलाई और शहद को मिला कर लगाएं.
बालों का रुखापन :
बालों के रुखेपन को दूर करने के लिए मेथीदाने को रात भर भिगो कर रख दें. सुबह इस में दही मिला लें . इस मिश्रण को बालों में अच्छी तरह से लगाएं. कुछ समय लगे रहने के बाद बालों को अच्छी तरह से साफ कर लें. सिर्फ मेथीदाने का पानी भी बालों के लिए फायदेमंद होता है.
एड़ियों की समस्या :
फटी हुई एड़ियाँ एक खास समस्या है. ये त्वचा के इन्फेक्शन का स्रोत बन जाती हैं. इस के लिए साबुन से एड़ियों को अच्छी तरह से धोएं और टौवेल से रगड़ कर पोंछें. उबाले गए पालक का पानी निकालें . उस पानी में एड़ियाँ डुबोएं और परिणाम देखें. बाहर जाते समय जुराबें पहनें. अपनी एड़ियों को रोज रात में साफ करें. वैसलीन और ग्लिसरीन की बराबर मात्रा मिलाकर एड़ियों पर लगाएं. सोने से पहले सूती जुराबें पहनें.
- स्वप्निल शुक्ल
साहित्य :
यही दुआ है मेरी ....................
एक अजनबी एक शहर में,
ढ़ूंढ रहा अपनी मंज़िल,
कहाँ जाए, किधर जाए
सोच रहा उसका वो दिल,
ठान लिया उसने कि जाना है
मंज़िल तक,
कमी थी उसको कोई साथ नहीं उसके,
दिल में थी कसक पर बता
ना सका किसी को ,
दूर कोई कर रहा था फरियाद उस
अजनबी के लिए,
वो ठीक रहे , अच्छा रहे
आशा है यही दिल से,
दिन निकलते गए तन्हाइयाँ बढ़ती गईं
कमी बस उस शख्स की उसको
खलती गई,
एक रोज़ उसने आवाज़ सुनी
उस इंसान की
खिल उठा जीवन उसका
चेहरे पे आयी मुस्कान सी,
प्यार जिससे किया उसने साथ न छोड़ा,
अजनबी शहर में भी
उसे अकेले न छोड़ा,
एहसास दिलाया उसने
मैं तेरे साथ हूँ,
तू जहाँ जाएगा मुझे पाएगा ,
मत सोचना कि तू अकेला है
तेरी तन्हाइयों को दूए करने मैं
आई हूँ,
तू बेफिक्र कर अपनी मँज़िल
की तलाश
तेरे हर कदम पर
मैं तेरे साथ हूँ
एक बार याद करना दिल से
तू मुझे पाएगा
तेरे अश्क हैं मेरे लिए
मोतियों की तरह,
इन्हें मत बहाना ऐसे पानी की तरह ,
रहो खुश हमेशा
यही दुआ है मेरी,
सारी खुशियों को पा लो यही
दुआ है मेरी ,
तेरे लिये कुर्बान हर
खुशियाँ हैं मेरी
रहो खुश हमेशा यही दुआ है मेरी,
यही दुआ है मेरी .
- कुमार प्रतीक
एम. बी. ए. डिग्री होल्डर ' प्रतीक ' की ज़िंदगी अधिकतर कॉर्परट (Corporate ) जगत के इर्द- गिर्द ही घूमती रहती है. फिर भी इस भाग- दौड़ भरी ज़िंदगी में भी उन्होंने अपने लेखन के शौक़ को पंख दिए हैं. इनकी रचनाएं ज़िंदगी की सत्यता, तन्हाई व श्रृंगार रस पर केन्द्रित हैं.
फै़शन व लाइफस्टाइल
धोती सलवार इन ट्रेंड :
इंडियन धोती अब लेटेस्ट फ़ैशन में शुमार हो गई हैं . यदि आप को इंडियन लुक पसंद है और आप सूट - सलवार या चूड़ीदार पहनकर बोर हो चुकी हैं, तो अपने आउटफिट्स में धोती सलवार शामिल कर सकती है . धोती सलवार पुराने समय की इंडियन धोती का ही मॉडर्न कांसेप्ट है . ये रेडीमेड है और इसे बाँधने की जरुरत भी नहीं होती है. आज के लेटेस्ट ट्रेंड के डिज़ाइन्स के अनुसार इसमे लाइट फैब्रिक लायका व साटन यूज़ किया जाता है . यही वजह है कि इसे कैरी करना बहुत ईज़ी है. इसके साथ आप शॉर्ट कुर्ती डिज़ाइन करवा सकती हैं. पठानी सूट भी इस पर खूब फबता है. शार्ट कुर्ती में हाई नेक या कॉलर नेक बनवा सकते हैं. इस तरह की मैचिंग द्वारा आपका लुक लगेगा बिल्कुल परफेक्ट और आप दिखेंगी भीड़ से जुदा.
धोती सलवार में आप प्लेन या प्रिंटेड आप्शन अपना सकती हैं. यदि धोती प्लेन पहन रही हैं तो उसके साथ कुर्ती प्रिंटेड या एम्ब्रॉयडरी वाली पहनें. इससे धोती सलवार का लुक उभर कर आएगा. इसी प्रकार प्लेन कुर्ती के साथ प्रिंटेड धोती की मैचिंग करें.
धोती सलवार फ्री स्टाइल है और जो गर्ल्स फ्री स्टाइल या बोल्ड लुक चाहती हैं वे इसे कैरी कर सकती हैं. धोती सलवार आपके व्यक्तित्व में चार- चाँद लगाने में बेहद मददगार साबित हो सकता है. इसके अलावा धोती सलवार सूट के साथ बीडस ज्वेलरी धारण करें. धोती सलवार आप के व्यक्तित्व को और अधिक निखारे , इसके लिए हील्स के बजाए फ्लैट स्लीपर कैरी करें. पैरों में आप मोटी एंकलेट्स भी धारण कर सकती हैं. अगर वेस्टर्न व थोड़ा डिफरेंट लुक चाहती हैं तो आप धोती सलवार के साथ टी- शर्ट ट्राय कर सकती हैं.
- स्वप्निल शुक्ल
पकवान
दिव्या की किचेन से .
पाक- कला- प्रवीण 'दिव्या दीक्षित' की किचेन से सीधे लेकर आएं हैं हम आपके लिए कुछ चुनिंदा स्वादिष्ट व्यंजन जिससे हर गृ्हणी व कामकाजी महिला की हर रोज़ की किचेन संबंधी समस्याओं से उन्हें मिलेगी राहत . हर दिन क्या नया बनाएं, क्या खाएं और अपनों को खिलाएं जो हर किसी को रास आए और लोगों के दिलों में आप छा जाएं और बन जाएं स्मार्ट किचेन क्वीन , इन प्रश्नों के हल व एक से बढ़कर एक लज़ीज़ रेसिपीस के लिए जुड़े रहिये ' दिव्या की किचेन से '.
ग्रिल्ड कौटेज जीज़ विद फ्रूट चाट :
सामग्री :
250 ग्राम पनीर ( कौटेज चीज़ ) .
मैरीनेड के लिए -
25 ग्राम दही
15 ग्राम सरसों के दाने
1 ग्राम जीरा पाउडर
1 ग्राम धनिया पाउडर
1 ग्राम गरम मसाला
1 ग्राम काला नमक
1 ग्राम सफेद नमक
1 ग्राम सफेद काली मिर्च
10 मि.ली. नीबू का रस
20 मि.ली. सर्सों का तेल
5 ग्राम लहसुन का पेस्ट
5 ग्राम अदरक का पेस्ट
विधि :
एक बाउल में मैरीनेड की सारी सामग्री मिला लें. इस में पनीर के कटे टुकड़े डाक कर मैरीनेड करें. कड़ाही या तंदूर में पनीर के टुकड़े भून लें. चटपटी फ्रूट चाट के साथ गरम-गरम सर्व करें.
किचेन टिप्स :
- आम का अचार तैयार करते समय यदि सरसों के कच्चे तेल को खूब अच्छी तरह गर्म करके , उसे ठण्डा करके डाला जाए तो अचार को धूप में नहीं रखना पड़ेगा और न ही फफूंदी पड़ेगी.
- आम का अचार यदि खराब होने लगे तो उस पर थोड़े नमक की तह बिछा दीजिए .
- पुराने आलुओं को उबालते समय पानी में नींबू का रस या जरा सी चीनी डाल दें तो उनका स्वाद बढ़ जाएगा और आलू सफेद व भुरभुरे हो जाएंगे.
- आलू की टिकिया बनाते समय यदि आलू मसलकर दो चम्मच सूजी मिला दी जाए तो टिकिया कुरकुरी बनती है और फटती नहीं है.
- रोटी को अधिक नर्म व स्वादिष्ट बनाने के लिए आटे को ठण्डे पानी के स्थान पर गर्म पानी से गूंथे तथा आटे को थोड़ा नरम या गीला रखें.
उद्यमीयता विकास
SWOT Analysis
Swapnil Saundarya e-zine :
Swapnil Saundarya is a bi-monthly online magazine ( e-zine ) .It is a typical lifestyle e-zine that encourages its readership to make their life just like their dream world . The e-zine permanently published columns on Beauty, literature, fashion and lifestyle tips, recipe, interiors, career, society, travel, film and television, remedies, famous personality, religion and many more.
स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन - परिचय
घर -परिवार , स्वास्थ्य , ब्यूटी, रेसिपी, मेहंदी, कैरियर और फायनांस से जुड़ी हर वो बात जो है हम सभी के लिये खास, पहुँचेगी आप तक , हर पल , हर वक़्त, जब तक स्वप्निल सौंदर्य के साथ हैं आप. पाठकों के प्रेम व उनकी माँग पर अब आपका अपना ब्लॉग ' स्वप्निल सौंदर्य ' उपलब्ध है ई-जीन के रुप में .
द्वि-मासिक ई-पत्रिका के रुप में 'स्वप्निल सौंदर्य' में कुछ खास स्तंभों को भी सम्मिलित किया जा रहा है ताकि आप अपनी ज़िंदगी को अपने सपनों की दुनिया बनाते रहें. सुंदर सपने देखते रहें और अपने हर सपने को साकार करते रहें .तो जुड़े रहिये 'स्वप्निल सौंदर्य' ब्लॉग व ई-ज़ीन के साथ .
और ..............
बनायें अपनी ज़िंदगी को अपने सपनों की दुनिया .
****************************************
Founder - Editor ( संस्थापक - संपादक ) : Rishabh Shukla ऋषभ शुक्ला
Managing Editor (कार्यकारी संपादक) : Suman Tripathi (सुमन त्रिपाठी)
Chief Writer (मुख्य लेखिका ) : Swapnil Shukla (स्वप्निल शुक्ला)
Art Director ( कला निदेशक) : Amit Chauhan (अमित चौहान)
Marketing Head ( मार्केटिंग प्रमुख ) : Vipul Bajpai (विपुल बाजपई)
'स्वप्निल सौंदर्य - ई ज़ीन ' में पूर्णतया मौलिक, अप्रकाशित लेखों को ही कॉपीराइट बेस पर स्वीकार किया जाता है . किसी भी बेनाम लेख/ योगदान पर हमारी कोई ज़िम्मेदारी नहीं होगी . जब तक कि खासतौर से कोई निर्देश न दिया गया हो , सभी फोटोग्राफ्स व चित्र केवल रेखांकित उद्देश्य से ही इस्तेमाल किए जाते हैं . लेख में दिए गए विचार लेखक के अपने हैं , उस पर संपादक की सहमति हो , यह आवश्यक नहीं है. हालांकि संपादक प्रकाशित विवरण को पूरी तरह से जाँच- परख कर ही प्रकाशित करते हैं, फिर भी उसकी शत- प्रतिशत की ज़िम्मेदारी उनकी नहीं है . प्रोड्क्टस , प्रोडक्ट्स से संबंधित जानकारियाँ, फोटोग्राफ्स, चित्र , इलस्ट्रेशन आदि के लिए ' स्वप्निल सौंदर्य - ई ज़ीन ' को ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता .
कॉपीराइट : 'स्वप्निल सौंदर्य - ई ज़ीन ' के कॉपीराइट सुरक्षित हैं और इसके सभी अधिकार आरक्षित हैं . इसमें प्रकाशित किसी भी विवरण को कॉपीराइट धारक से लिखित अनुमति प्राप्त किए बिना आंशिक या संपूर्ण रुप से पुन: प्रकाशित करना , सुधारकर संग्रहित करना या किसी भी रुप या अर्थ में अनुवादित करके इलेक्ट्रॉनिक या यांत्रिक , प्रतिलिपि, रिकॉर्डिंग करना या दुनिया के किसी भी हिस्से में प्रकाशित करना निषेध है . 'स्वप्निल सौंदर्य - ई ज़ीन ' के सर्वाधिकार ' ऋषभ शुक्ल के पास सुरक्षित हैं . इसका किसी भी प्रकार से पुन: प्रकाशन निषेध है.
चेतावनी : 'स्वप्निल सौंदर्य - ई ज़ीन ' में घरेलु नुस्खे, सौंदर्य निखार के लिए टिप्स एवं विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों के संबंध में तथ्यपूर्ण जानकारी देने की हमने पूरी सावधानी बरती है . फिर भी पाठकों को चेतावनी दी जाती है कि अपने वैद्य या चिकित्सक आदि की सलाह से औषधि लें , क्योंकि बच्चों , बड़ों और कमज़ोर व्यक्तियों की शारीरिक शक्ति अलग अलग होती है , जिससे दवा की मात्रा क्षमता के अनुसार निर्धारित करना जरुरी है.
संपादकीय
नमस्कार पाठकों !
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस ( 8 मार्च ) की आप सभी को हार्दिक बधाई . स्त्री एक आग है , एक ज्वाला है , गंगा है , गोदावरी है , नर्मदा है . प्रत्येक स्त्री के भीतर बहुत सारी ऊर्जा होती है पर कुछ ऐसी असीमित शक्तियाँ भी ईश्वर ने प्रदान की हैं, जिनके बारे में कई बार वे अनजान रहती हैं. हमारे पुराण , हमारा इतिहास, हमारी धरोहर न जाने कितने ऐसे उदाहरण हमें देते चले आएं हैं , जहाँ स्त्री की शक्ति का प्रमाण मिला है. आज का समय जिस प्रकार परिवर्तित हो रहा है , उसमें यह कहना अतिशयोक्ति न होगा कि हमारा देश भारत अब नए भारत में तब्दील हो रहा है . यह ' नव भारत' वह राष्ट्र है जहाँ महिलाएं सत्ता से लेकर कॉर्परट जगत के शीर्ष गलियारों में मौजूद ही नहीं हैं , बल्कि इन्हें संचालित भी कर रही हैं. आज महिलाओं के लिए समकालीन प्रेरणाओं की कोई कमी नहीं है और दोहरी खुशी की बात यह है कि अपने- अपने क्षेत्र तथा स्तर के हिसाब से महिलाओं की सफलता की सूची अनंत है. पश्चिमी देशों की डूबती अर्थव्यवस्था के दौर में अगर भारत में समृ्द्धि का सुनहरा सूरज उग रहा है तो इसमें महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है. इनमें से अधिसंख्य मुंह में चाँदी का चम्मच लेकर नहीं जन्मीं थीं परंतु उन्होंने अपनी और इस देश की समृ्द्धि की एक- एक ईंट खुद जोड़ी है. परंतु इन बातों का दूसरा पहलु भी है .
नि:संदेह हमारे समाज में आज महिलायें हर क्षेत्र में अपनी सफल उपस्थिति दर्ज करा चुकी हैं. आज शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र हो जिसमें महिलाओं ने अपना लोहा न मनवाया हो।यह भी सच है कि महिलायें हर चुनौतियों को स्वीकार कर अपने कार्यक्षेत्र व ज़िम्मेदारियों में सफलतापूर्वक अग्रसर हो रही हैं।लेकिन इसके बावजूद भी महिलाओं के सामने पुरुषों की अपेक्षा कई गंभीर समस्याएँ खड़ी हैं। हमारे समाज की पितृ्सत्तात्मक सोच के कारण जो मातृ्सत्ता के प्रति उपेक्षा का भाव दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है , वो हमारे समाज को किस दिशा की ओर ले जाएगा, ये बेहद चिंता का विषय है.
विडंबना तो यह है कि सफलता के सर्वोच्च शिखर पर अपना परचम लहरा चुकीं, महिलाओं के प्रति आज भी हमारे समाज का नज़रिया जल्लाद की तरह है जो हमेशा उनमें खौफ , हीन भावना, असमर्थता की भावना पैदा करता है .जाने कितनी बेसहारा औरतें आज नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं ,समाज का महिलाओं के प्रति घृ्णित रवैया गलत व बेहद निंदनीय है.
प्रश्न यह उठता है कि आखिर समाज में महिलाओं की स्थिति कब सुधरेगी. कब हमारे समाज में स्त्रियों के लिये माहौल पूर्णतया अनुकूल होगा. स्त्री के नाम पर ढकोसलों से परे कब लोगों की महिलाओं के प्रति संकीर्ण व तुच्छ मानसिकता का जड़ मूल समेत अंत होगा. आखिर कब????? क्या प्रश्न देश की कानून व्यवस्था पर खड़ा होता है? मेरे अनुसार तो इसका जवाब है : नहीं .. क्योंकि कानून व्यवस्था चाहे जितनी सख्त क्यों न हो जाए ...जब तक लोगों की सोच में बद्लाव नहीं आएगा तब तक स्थिति नहीं सुधरेगी क्योंकि यहाँ मसला नैतिकता व समाजिकता का है. वैसे भी जब किसी की सोच ही गंदी व घृ्णित हो तो उससे लाख सख्ती बरतने पर भी अच्छे व्यव्हार की उम्मीद भला कैसे की जा सकती है.
समय के बदलने के साथ-साथ भारतीय समाज , विकास और देश की तरक्की की ओर अग्रसर तो हुआ , लेकिन सामाजिक सोच अब भी वही घिसी पिटी बरकार है. हमारे देश की व्यवस्था व लोगों की संकुचित सोच का ही परिणाम है कि हमारे समाज में ज्यादातर स्त्रियाँ अकेले थाने में मुकदमा लिखाने नहीं जाती हैं. वो भय से भी मुकदमा लिखाने में डरती हैं और आज-कल तो हमारे समाज में एक ढर्रा और बन गया है कि मुकदमा लिखाने का मतलब समय और पैसे की बरबादी के अलावा और कुछ नहीं है. समाज में स्त्रियों के अस्मिता की रक्षा व उनकी स्थिति में सुधार तभी संभव है जब हमारा समाज उनके प्रति संवेदनशील बने. बेतुके स्त्री विरोधी रीति -रिवाज़ों , परंपराओं व संकीर्ण मानसिकता व विचारों का अंत हो . जब तक आडंबर, दिखावे व ढोंग से परे जमीनी हकी़कत को ध्यान में रखते हुए कोई ठोस रणनीती, हमारे समाज में स्त्रियों की स्थिति , स्वतंत्रता व सुधार के लिये नहीं बनती तब तक स्त्रियों को अपनी पहचान , अपने अस्तित्व के लिये संघर्ष करते रहना पड़ेगा. और जब सृ्ष्टि का आधार ही खतरे में है तो सृ्ष्टि का क्या होगा? समाज से हैवानियत को खत्म कर इंसानियत को जगाना होगा. हर एक को सही के लिये , न्याय के लिये और गलत के विरुद्ध आवाज़ उठानी होगी. समाज को जागरुक होना ही पड़ेगा. मासूम कली को खिल कर फूल बनने में हम सभी को योगदान देना होगा जिससे वो प्यार की खुशबू चारों ओर बिखेर सके. कन्या भ्रूण हत्या जैसे महापाप के कारण स्त्री का अस्तित्व जो संकट में है , उसे बचाने के लिये हमें जी जान से लड़ना होगा.... सही दिशा की ओर आगे बढ़ना होगा.
स्त्री होना एक अभिमान है....
इनके हौसले को सलाम है ......
औरत अबला नहीं , अपितु सबला है...
स्त्री की शक्ति को मेरा सलाम है .
स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन का यह अंक स्त्री सशक्तिकरण के नाम . अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस , नव संवत्सर अर्थात गुड़ी पड़वा व होली के शुभ अवसर पर स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन के पंचम अंक ( मार्च - अप्रेल 2014 ) में हम जिन विभिन्न पहलुओं व जानकारियों को सम्मिलित कर रहे हैं वे निम्नवत हैं :
विशेष - विशिष्ट प्रतिभा के धनी : प्रो. चिन्मय मेहता
सौंदर्य - रखें अपना ख्याल
साहित्य - यही दुआ है मेरी ( कवि : कुमार प्रतीक )
पकवान - ग्रिल्ड कौटेज जीज़ विद फ्रूट चाट ( लेखिका : दिव्या दीक्षित )
फैशन व लाइफ्स्टाइल - धोती सलवार इन ट्रेंड
इंटीरियर्स - रंग भरे जीवन में
धर्म, संस्कृ्ति व संस्कार - गरुण पुराण : नर्कों का स्वरुप
कैरियर - विज़ुअल मर्चेंडाइज़िंग
कड़वा सच - बाल शोषण - एक घिनौना अपराध
शख्सियत - हिन्दी कथा साहित्य की श्रेष्ठ लिखिका : शिवानी
उद्यमीयता विकास - SWOT Analysis by Archit Mishra ( in Eng. )
डायरी - From the Diary of Akanksha ... वो 'अनजान कूची- कूची' ( लेखिका : आकांक्षा सिंह )
आपके पत्र
जुड़े रहिये स्वप्निल सौंदर्य ई- ज़ीन के साथ और बनायें अपनी ज़िंदगी को अपने सपनों की दुनिया.
शुभकामनाओं सहित ,
आपका ,
ऋषभ
विशेष :
विशिष्ट प्रतिभा के धनी : प्रो. चिन्मय मेहता
कलाकार की दृ्ष्टि केवल किसी वस्तु विशेष के बाहय रुप से ही टकराकर नहीं लौट आती बल्कि वह उसके भीतर के रहस्य का भी पता लगा लेना चाहती है. समस्त कला साधकों की दृ्ष्टि अज्ञात, अज्ञय और अगोचर से आँख मिलाने की इच्छा लेकर साधना - पथ पर अग्रसर होती है . कला के इस रहस्य को ह्रदयंगम करके जब कोई प्रतिभावान कलाकार रचना करता है , तो वह अद्वितीय एवं अतुल्य कलाकृ्ति को जन्म देता है . स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन के पंचम अंक के विशेष कॉलम में जिस विशेष शख्सियत की विशिष्ट प्रतिभा को आप सभी पाठकों के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है , वे हैं : 'प्रो. चिन्मय मेहता जी '.
राजस्थान की कला व संस्कृ्ति को अपनी बेमिसाल व अतुल्य चित्रकारी व शिल्प कला के ज़रिए एक नया आयाम देने वाले चिन्मय मेहता जी भारतीय कला के धारा के धारक एवं वाहक जैसे हैं.
1942 में चित्तौड़्गढ़ जिले के कस्बे बड़ी सागड़ी में जन्में प्रोफेसर चिन्मय जी की कला का सूरज देश विदेश में चमकता दमकता हुआ , भारतीय कला जगत को गौरवान्वित कर रहा है . चिन्मय जी की अद्वितीय प्रतिभा चित्रकला , शिल्प के साथ -साथ वॉल पेंटिग्स ( म्यूरल्स ) एवं आर्किटेक्च्यूरल डिज़ाइनर के रुप में भी फैली है.
जयपुर ,राजस्थान स्थित चोखी ढाणी व हैदराबाद स्थित ढोला री ढाणी, सर्वतोमुखी प्रतिभाओं के धनी चिन्मय जी की विशिष्ट एथ़निक व देशी स्थापत्य कला के प्रत्यक्ष उदाहरण हैं. इसके अलावा राजकोट, उदयपुर व जोधपुर में इनकी प्रतिभा व कला कृ्तियों के दर्शन सुलभ हो सकते हैं.
1963 में आगरा विश्वविद्यालय से चित्रकला में परास्नातक एवं 1984 में पी. एच. डी उपाधि प्राप्त श्री चिन्मय मेहता जी सांस्कृ्तिक कार्यकर्ता के रुप में भी सक्रिय हैं. 'आयाम '- इंस्टीट्यूट आफ आर्ट एण्ड कल्चर, जयपुर के चेयरपर्सन के तौर पर उनकी भूमिका व योगदान सराहनीय है.
प्रोफेसर चिन्मय जी ने भारतीय जीवन में सक्रिय रुप से एकात्म होकर कला जगत एवं कला प्रेमियों को राजस्थान की महान संस्कृ्ति और विरासत को अपने चित्रों, शिल्प व म्यूरल्स ( भित्ति - चित्र ) में अंकित कर , कला जगत में अपना महान व अनुकरणीय योगदान प्रस्तुत किया है .
इनके द्वारा बड़ी ही खूबसूरती, परिश्रम से रचे व गढ़े गए भित्ति - चित्र ( म्यूरल्स ) देखते ही बनते हैं. बात चाहे जयपुर स्थित रेमण्ड शोरुम की हो या नटराज रेस्तराँ , जयपुर में इनके द्वारा तैयार किये गए उभारदार भित्ति - चित्र या गणपति प्लाज़ा के फ़'साड में बनाया गया उभारदार भित्ति - चित्र , इनका कार्य अत्यंत प्रभावशाली व बेहतरीन है .
जहाँ पैपर मैश द्वारा बनाया गया उभारदार भित्ति - चित्र, ऊर्जा भवन , जयपुर की शान है तो लंदन के नामचीन रेस्तराँ में बनी 1800 वर्ग फीट की वॉल पेंटिंग , चिन्मय जी की कला उपलब्धियों व गौरव में इज़ाफा करती है. ये तो चंद उदाहरण मात्र हैं , चिन्मय जी ने न जाने कितने ही कला के छात्रों के भीतर कला के बीज का अंकुरण कर उसे एक विशाल वृ्क्ष में तब्दील किया है. राजस्थान ललित कला अकादमी के पूर्व चेयरमैन व राजस्थान यूनिवर्सिटी के फाइन आर्टस डिपार्टमेंट के वरिष्ठ प्रोफेसर व डीन के तौर पर , कला के क्षेत्र में अदभुत योगदान देकर , अपने पद की गरिमा को कायम रखा . ललित कला अकादमी द्वारा उन्हें नेशनल एकेडमी अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है .
चिन्मय जी के विलक्षण व्यक्तित्व को व उनकी प्रतिभा को बयां करने में शब्द शायद कम पड़ जाएं . पता नहीं स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन के विशेष कॉलम के ज़रिये चिन्मय मेहता जी को आप सभी पाठकों के कितना निकट ला पाया हूँ . प्रो. चिन्मय मेहता जी के व्यक्तित्व व कला के क्षेत्र में उनके योगदान के बारे में लिखते हुए ऐसा महसूस हुआ कि चिन्मय जी का कला के प्रति समर्पण अदभुत है . अपने में खो जाना ही तो , कभी किसी का हो जाना है " ...... चिन्मय जी ने कला को अपने व्यक्तित्व में इस प्रकार समा लिया है और उसमें खो के वे कला के एक बेहतरीन व प्रतिभावान पर्याय बन गए हैं. स्वप्निल सौंदर्य ई-ज़ीन टीम की ओर से प्रो. चिन्मय मेहता जी को ढेर सारी शुभकामनाएं व आभार .
To Know more about Prof. Chinmay Mehta , click here,
Story of a Great Artist : Prof. Chinmay Mehta
( From the Desk of Swapnil Saundarya e zine )
http://issuu.com/swapnilsaundaryaezine/docs/life_of_a_great_artist_-_prof_chinm
Contact :
Prof. Chinmay Mehta
www.chinmaymehta.com
- ऋषभ शुक्ला
( संस्थापक - संपादक )
सौंदर्य
इन बातों का रखें ख्याल ताकि आप की खूबसूरती रहे सदाबहार सालोंसाल .....
एड़ियाँ फटना , त्वचा व बालों का रुखापन इत्यादि परेशानियाँ आम हैं और इनसे बचाव के लिए जरुरी है कि आप कुछ बातों को ध्यान में रखें , जिस से आप की खूबसूरती बनी रहे सदाबहार व बरकरार सालोंसाल .
फाइन लाइंस और टैनिंग :
रोज दिन में 2 बार टमाटर का रस पीना चाहिये, कच्चा टमाटर विटामिन सी की कमी दूर करता है और यह डेली डाइट में बहुत जरुरी है. टमाटर त्वचा की फाइन लाइंस को भी कम करने में सहायता देता है. इसके अलावा संतरा भी फाइन लाइंस को कम करता है. यदि आप की उम्र 35 साल से ज्यादा है , तो फ्रूटी फेस पैक के इस्तेमाल से त्वचा का रुखापन दूर हो सकता है. पका पपीता , शहद, विटामिन ई कैप्सूल , मलाई और कुछ बूँदें ग्लिसरीन की मिला कर पेस्ट तैयार करें . इसे चेहरे व गरदन पर लगाएं और सूखने तक लगा रहने दें.फिर देखिये , आप की त्वचा पर कैसे निखार आता है.
फटे होंठ :
फटे हुए होंठों के लिए शहद , नींबू का रस, जैतून का तेल और ग्लिसरीन का मिश्रण बनाएं और नियमित रुप से होंठों पर लगाएं या फिर स्ट्राबेरी , मलाई और शहद को मिला कर लगाएं.
बालों का रुखापन :
बालों के रुखेपन को दूर करने के लिए मेथीदाने को रात भर भिगो कर रख दें. सुबह इस में दही मिला लें . इस मिश्रण को बालों में अच्छी तरह से लगाएं. कुछ समय लगे रहने के बाद बालों को अच्छी तरह से साफ कर लें. सिर्फ मेथीदाने का पानी भी बालों के लिए फायदेमंद होता है.
एड़ियों की समस्या :
फटी हुई एड़ियाँ एक खास समस्या है. ये त्वचा के इन्फेक्शन का स्रोत बन जाती हैं. इस के लिए साबुन से एड़ियों को अच्छी तरह से धोएं और टौवेल से रगड़ कर पोंछें. उबाले गए पालक का पानी निकालें . उस पानी में एड़ियाँ डुबोएं और परिणाम देखें. बाहर जाते समय जुराबें पहनें. अपनी एड़ियों को रोज रात में साफ करें. वैसलीन और ग्लिसरीन की बराबर मात्रा मिलाकर एड़ियों पर लगाएं. सोने से पहले सूती जुराबें पहनें.
- स्वप्निल शुक्ल
साहित्य :
यही दुआ है मेरी ....................
एक अजनबी एक शहर में,
ढ़ूंढ रहा अपनी मंज़िल,
कहाँ जाए, किधर जाए
सोच रहा उसका वो दिल,
ठान लिया उसने कि जाना है
मंज़िल तक,
कमी थी उसको कोई साथ नहीं उसके,
दिल में थी कसक पर बता
ना सका किसी को ,
दूर कोई कर रहा था फरियाद उस
अजनबी के लिए,
वो ठीक रहे , अच्छा रहे
आशा है यही दिल से,
दिन निकलते गए तन्हाइयाँ बढ़ती गईं
कमी बस उस शख्स की उसको
खलती गई,
एक रोज़ उसने आवाज़ सुनी
उस इंसान की
खिल उठा जीवन उसका
चेहरे पे आयी मुस्कान सी,
प्यार जिससे किया उसने साथ न छोड़ा,
अजनबी शहर में भी
उसे अकेले न छोड़ा,
एहसास दिलाया उसने
मैं तेरे साथ हूँ,
तू जहाँ जाएगा मुझे पाएगा ,
मत सोचना कि तू अकेला है
तेरी तन्हाइयों को दूए करने मैं
आई हूँ,
तू बेफिक्र कर अपनी मँज़िल
की तलाश
तेरे हर कदम पर
मैं तेरे साथ हूँ
एक बार याद करना दिल से
तू मुझे पाएगा
तेरे अश्क हैं मेरे लिए
मोतियों की तरह,
इन्हें मत बहाना ऐसे पानी की तरह ,
रहो खुश हमेशा
यही दुआ है मेरी,
सारी खुशियों को पा लो यही
दुआ है मेरी ,
तेरे लिये कुर्बान हर
खुशियाँ हैं मेरी
रहो खुश हमेशा यही दुआ है मेरी,
यही दुआ है मेरी .
- कुमार प्रतीक
एम. बी. ए. डिग्री होल्डर ' प्रतीक ' की ज़िंदगी अधिकतर कॉर्परट (Corporate ) जगत के इर्द- गिर्द ही घूमती रहती है. फिर भी इस भाग- दौड़ भरी ज़िंदगी में भी उन्होंने अपने लेखन के शौक़ को पंख दिए हैं. इनकी रचनाएं ज़िंदगी की सत्यता, तन्हाई व श्रृंगार रस पर केन्द्रित हैं.
फै़शन व लाइफस्टाइल
धोती सलवार इन ट्रेंड :
इंडियन धोती अब लेटेस्ट फ़ैशन में शुमार हो गई हैं . यदि आप को इंडियन लुक पसंद है और आप सूट - सलवार या चूड़ीदार पहनकर बोर हो चुकी हैं, तो अपने आउटफिट्स में धोती सलवार शामिल कर सकती है . धोती सलवार पुराने समय की इंडियन धोती का ही मॉडर्न कांसेप्ट है . ये रेडीमेड है और इसे बाँधने की जरुरत भी नहीं होती है. आज के लेटेस्ट ट्रेंड के डिज़ाइन्स के अनुसार इसमे लाइट फैब्रिक लायका व साटन यूज़ किया जाता है . यही वजह है कि इसे कैरी करना बहुत ईज़ी है. इसके साथ आप शॉर्ट कुर्ती डिज़ाइन करवा सकती हैं. पठानी सूट भी इस पर खूब फबता है. शार्ट कुर्ती में हाई नेक या कॉलर नेक बनवा सकते हैं. इस तरह की मैचिंग द्वारा आपका लुक लगेगा बिल्कुल परफेक्ट और आप दिखेंगी भीड़ से जुदा.
धोती सलवार में आप प्लेन या प्रिंटेड आप्शन अपना सकती हैं. यदि धोती प्लेन पहन रही हैं तो उसके साथ कुर्ती प्रिंटेड या एम्ब्रॉयडरी वाली पहनें. इससे धोती सलवार का लुक उभर कर आएगा. इसी प्रकार प्लेन कुर्ती के साथ प्रिंटेड धोती की मैचिंग करें.
धोती सलवार फ्री स्टाइल है और जो गर्ल्स फ्री स्टाइल या बोल्ड लुक चाहती हैं वे इसे कैरी कर सकती हैं. धोती सलवार आपके व्यक्तित्व में चार- चाँद लगाने में बेहद मददगार साबित हो सकता है. इसके अलावा धोती सलवार सूट के साथ बीडस ज्वेलरी धारण करें. धोती सलवार आप के व्यक्तित्व को और अधिक निखारे , इसके लिए हील्स के बजाए फ्लैट स्लीपर कैरी करें. पैरों में आप मोटी एंकलेट्स भी धारण कर सकती हैं. अगर वेस्टर्न व थोड़ा डिफरेंट लुक चाहती हैं तो आप धोती सलवार के साथ टी- शर्ट ट्राय कर सकती हैं.
- स्वप्निल शुक्ल
पकवान
दिव्या की किचेन से .
पाक- कला- प्रवीण 'दिव्या दीक्षित' की किचेन से सीधे लेकर आएं हैं हम आपके लिए कुछ चुनिंदा स्वादिष्ट व्यंजन जिससे हर गृ्हणी व कामकाजी महिला की हर रोज़ की किचेन संबंधी समस्याओं से उन्हें मिलेगी राहत . हर दिन क्या नया बनाएं, क्या खाएं और अपनों को खिलाएं जो हर किसी को रास आए और लोगों के दिलों में आप छा जाएं और बन जाएं स्मार्ट किचेन क्वीन , इन प्रश्नों के हल व एक से बढ़कर एक लज़ीज़ रेसिपीस के लिए जुड़े रहिये ' दिव्या की किचेन से '.
ग्रिल्ड कौटेज जीज़ विद फ्रूट चाट :
सामग्री :
250 ग्राम पनीर ( कौटेज चीज़ ) .
मैरीनेड के लिए -
25 ग्राम दही
15 ग्राम सरसों के दाने
1 ग्राम जीरा पाउडर
1 ग्राम धनिया पाउडर
1 ग्राम गरम मसाला
1 ग्राम काला नमक
1 ग्राम सफेद नमक
1 ग्राम सफेद काली मिर्च
10 मि.ली. नीबू का रस
20 मि.ली. सर्सों का तेल
5 ग्राम लहसुन का पेस्ट
5 ग्राम अदरक का पेस्ट
विधि :
एक बाउल में मैरीनेड की सारी सामग्री मिला लें. इस में पनीर के कटे टुकड़े डाक कर मैरीनेड करें. कड़ाही या तंदूर में पनीर के टुकड़े भून लें. चटपटी फ्रूट चाट के साथ गरम-गरम सर्व करें.
किचेन टिप्स :
- आम का अचार तैयार करते समय यदि सरसों के कच्चे तेल को खूब अच्छी तरह गर्म करके , उसे ठण्डा करके डाला जाए तो अचार को धूप में नहीं रखना पड़ेगा और न ही फफूंदी पड़ेगी.
- आम का अचार यदि खराब होने लगे तो उस पर थोड़े नमक की तह बिछा दीजिए .
- पुराने आलुओं को उबालते समय पानी में नींबू का रस या जरा सी चीनी डाल दें तो उनका स्वाद बढ़ जाएगा और आलू सफेद व भुरभुरे हो जाएंगे.
- आलू की टिकिया बनाते समय यदि आलू मसलकर दो चम्मच सूजी मिला दी जाए तो टिकिया कुरकुरी बनती है और फटती नहीं है.
- रोटी को अधिक नर्म व स्वादिष्ट बनाने के लिए आटे को ठण्डे पानी के स्थान पर गर्म पानी से गूंथे तथा आटे को थोड़ा नरम या गीला रखें.
उद्यमीयता विकास
SWOT Analysis
Entrepreneurs become the most successful people in the economy. Every business starts with an entrepreneur, and many that succeed do so through self-evaluation. SWOT stands for Strengths, Weaknesses, Opportunities and Threats. SWOT analysis helps you judge the feasibility of an idea or company. For entrepreneurs, this allows you to decide if your idea is really worth pursuing. It helps build your company by recognizing where you need work and where you excel.
A SWOT Analysis is a structured way to assess a company's strengths, weaknesses, opportunities and threats (in English Strengths, Weaknesses, Opportunities and Threats, hence the acronym) in order to be able to adapt to their environment. It is an important tool in a company's strategy formulation and business development, and can be used for a comprehensive analysis of the company as well as for analysis of a specific product / product groupTo get the SWOT analysis as clear as possible do it often in a matrix structure.
You start with a box and fill in the various factors that fit into each box. Then, continue until you have filled in all the boxes. When you fill in the various boxes usually come at additional factors that should enter into the other boxes, and finally they have produced a list of many different factors that fit into the four boxes.
Strengths and Weaknesses are internal and company-specific parameters i.e. those which the company itself influence.
A strength can be, for example: location of the company, held patents, strong brand, expertise, proven high quality of product / service
Weaknesses may include: poor distribution channel, too dependent on one major customer, bad reputation in the market, lack of experience.
Opportunities and Threats are external parameters i.e. such that the company can not influence, arising from macroeconomic changes, such as demographic, economic, cultural or legal changes or policy decisions.
Examples of opportunities: a new market opened by example, deregulation of the market, new IT systems which can result in reduced costs and increased efficiency.
A threat may include: a new competitor establishes itself, economic downturn, new rules and regulations, trade embargoes.
The results of a SWOT analysis will lead to an action plan which the company can use in its business development. Once you have filled in the four squares with different factors we analyze why the policy options they have to reinforce their strengths, minimize weaknesses, take advantage of opportunities and to adapt to the threats to the company. Based on these policy options can you create a good plan of action that one uses to develop, improve, and strengthen their businesses.
- Archit Mishra
( PGDM Student, Ludhiana )
To know more about Archit Mishra , click here
http://issuu.com/swapnilsaundaryaezine/docs/swot_analysis_by_archit_mishra_from
http://swapnilsaundaryaezine.blogspot.in/2014/03/vol-01-issue-5-march-april-2014-2nd-part.html
what a great ezine . beautiful and informative just like some dream world .
ReplyDeletecongrats
Poonam Seth
'फै़शन व लाइफस्टाइल ' के अंतर्गत 'धोती सलवार इन ट्रेंड' काफी अच्छा लगा . पिछले अंकों में भी फैशन से संबंधित दी गई सभी जानकारियाँ संग्रहणीय हैं.
ReplyDeleteआपकी ई- ज़ीन बेहद उच्च स्तर की है . आवरण , मन को लुभाते हैं. आभार !! ऐसी उच्च स्तरीय पत्रिका को हमारे समक्ष प्रस्तुत करने के लिए .
* निशा भारद्वाज
स्वप्निल सौंदर्य ई- ज़ीन के इस अंक की कवर स्टोरी - 'विशिष्ट प्रतिभा के धनी : प्रो. चिन्मय मेहता ', बहुत रोचक लगी . प्रोफेसर साहब का काम अत्यंत प्रशंसनीय है और बड़े ही सुंदर शब्दों में उनकी शख्सियत को बयां किया गया है . आपकी पत्रिका श्रेष्ठ साहित्य व कला की परिचायक है . कला के क्षेत्र में प्रोफेसर चिन्मय साहब के योगदान के बारे में जानकर बहुत अच्छा लगा . ऐसी प्रेरणादायी शख्सियत् से हमें रुबरु कराने के लिए संपादक मंड़ल को आभार व शुभकामनायें.
ReplyDelete- शुभ्रा मजूमदार
Excellent cover pages . what a great flow in your hands Mr. Rishabh . What an amazing literature .commendable and praise worthy . congratulations and best wishes . keep going
ReplyDeleteVijay Shanker
just love the words and the way you presented the significantly successful personality of Dr. Chinmay Mehta. 'The Story of a great Artist' is very admirable and inspiring . The abilities and achievements of Dr. Chinmay Mehta ji , are presented in the best possible way by your ezine .THANKS.
ReplyDelete- kamini Saxena
should call your magazine 'THE' swapnil saundarya ezine . Its Just fabulous ......
ReplyDeletebest of luck and waiting eagerly for the next issue .
BTW , nice info. on SWOT analysis @ Archit Mishra .Buddy , you explained it in very smooth manner .
- Mridula Rao
The best, exceptional , extra-ordinary , superb, most outstanding ............................SWaPNIL SaunDarya Ezine .
ReplyDeleteu rocks ! Rishabh ji .
- Lokesh Bhadoria
" स्त्री होना एक अभिमान है....
ReplyDeleteइनके हौसले को सलाम है ......
औरत अबला नहीं , अपितु सबला है...
स्त्री की शक्ति को मेरा सलाम है ."
सुंदर अभिव्यक्ति . बधाई ऋषभ जी .
बहुत बढ़िया लेखन क्षमता है आपमें .
शब्दों का बखूबी उपयोग व सुंदर चित्रकला . आभार
- नीरज कुमार
Divya ki kitchen se किचेन टिप्स bahut pasand aaye . aage bhi aise hi useful kitchen tips ko apni patrika mai prakashit karate rahe .
ReplyDeletePooja Verma
A high Class e- magazine with A1 content, illustrations, graphics and literature . just Love the concept .best of luck for the coming issues.
ReplyDelete- Usha Mittal
Get mesmerised by the new look of your e-zine. its great to see so many new things after 2 months . I am glad that i bookmarked it and i will refer it to my friends and family . Congrats and keep going .
ReplyDeleteRohit Mullick
रोचक व बहुत सारी सुंदर व ज़रुरी महत्वपूर्ण बातों से लैस , एक अति सुंदर व मनमोहक पत्रिका . बधाई व आशीष .
ReplyDeleteवृंदा पाठक