खूनी हीरे: शान की चमक या खून से सना सच? Swapnil Saundarya
|| स्वप्निल शुक्ला|| हीरा – एक ऐसा शब्द जो शाही ठाठ-बाट, प्रेम, और वैभव का प्रतीक माना जाता है। लेकिन क्या हो अगर यह चमचमाता पत्थर खून, हिंसा और मानव शोषण की कहानी कहता हो? खूनी हीरे (Blood Diamonds) या संघर्ष हीरे (Conflict Diamonds), वे हीरे हैं जिन्हें युद्धग्रस्त क्षेत्रों में गुलामी, बाल श्रम और हिंसा के दम पर निकाला जाता है और इनकी कमाई विद्रोही गुटों और तानाशाहों के खजाने में जाती है। क्या आप अभी भी यही हीरा पहनना चाहेंगे? चलिए, इस काले सच को गहराई से समझते हैं। 1️⃣ खूनी हीरे का इतिहास: खदानों से कत्लगाह तक हीरों की यह खूनी गाथा मुख्य रूप से अफ्रीका के देशों से शुरू होती है – सिएरा लियोन, अंगोला, कांगो, आइवरी कोस्ट और ज़िम्बाब्वे। 1990 के दशक में, ये देश हीरों की अवैध खदानों और अंधाधुंध खनन के कारण युद्ध के मैदान बन गए। इन हीरों की कमाई हथियार खरीदने और गृह युद्ध भड़काने में की जाती थी। विद्रोही गुटों ने गांवों को तबाह किया, हजारों लोगों का नरसंहार किया, और बच्चों तक को बंदूक पकड़ाई। कई मजदूरों को हीरों की खदानों में जबरदस्ती गुलाम बना दिया गया, और जो विरोध करते, उनके हाथ काट दि...